Covid- 19: तीसरी लहर के खतरे पर HC ने कहा- ‘जान है तो जहान है', टाले जाएं चुनाव, UP में नाईट कर्फ्यू लागू

Written by Navnish Kumar | Published on: December 24, 2021
देश और प्रदेश में लगातार बढ़ रहे ‘डेल्मीक्रॉन’ (डेल्टा–ओमिक्रॉन) के खतरे और तीसरी लहर की प्रबल आशंका के मद्देनजर (यूपी) इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चुनाव आयुक्त से अगले साल होने जा रहे यूपी विधानसभा चुनावों को टालने का आग्रह किया है। साथ ही इस दौरान हो रही चुनावी रैलियों पर भी पाबंदी लगाने को कहा है। जस्टिस ने कहा कि जान है तो जहान है। खास है कि देश में लगातार ओमिक्रॉन के मामलों के साथ ही कोरोना संक्रमण के केस भी बढ़ गए हैं। जिससे तीसरी लहर का खतरा फिर मंडरा गया है। कोरोना संकट के बीच उत्तर प्रदेश में चुनावों को लेकर हो रही रैलियों, सभाओं और प्रचार पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सख्त होकर कहा कि अगर राजनीतिक पार्टियों को चुनाव प्रचार करना है तो टीवी व समाचार पत्रों के माध्यम से करें ताकि, भीड़ एकत्रित न हो। कोर्ट ने पीएम से भी अनुरोध करते हुए कहा है कि वह पार्टियों की चुनावी सभाएं व रैलियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं।



दरअसल, हाईकोर्ट जज शेखर यादव ने आग्रह करते हुए कहा है कि जान है तो जहान है। अगर रैलियों को नहीं रोका गया तो परिणाम दूसरी लहर से भी बदतर होंगे। यूपी चुनाव एक से दो महीने टाले जाएं और चुनावी रैलियों पर फौरन पाबंदी लगे। कोर्ट ने एक जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आग्रह किया। जज ने यह टिप्पणी इस ओर इशारा करते हुए की कि अदालत में नियमित रूप से भीड़ होती है क्योंकि प्रतिदिन सैकड़ों मामले सूचीबद्ध होते हैं और बड़ी संख्या में लोगों द्वारा सामाजिक दूरी का पालन नहीं किया जाता है। जज ने कहा कि कोविड की तीसरी लहर की संभावना है क्योंकि नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मामले बढ़ रहे हैं। फिर उन्होंने कोविड के मामलों की संख्या के बारे में समाचार रिपोर्टों का हवाला दिया और उन देशों का उल्लेख किया जिन्होंने लॉकडाउन लागू किया है।

उन्होंने कहा कि यूपी ग्राम पंचायत चुनाव और बंगाल विधानसभा चुनाव का ज़िक्र करते हुए कहा कि यदि ये सब समय पर नहीं रोका गया तो इस बार के परिणाम यूपी ग्राम पंचायत चुनाव और पश्चिम बंगाल चुनाव के परिणामों से ज्यादा भयावह होंगे। कहा यूपी विधानसभा चुनावों के रैलियों और सभाओं जैसे आयोजनों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना असंभव है। जज ने चुनाव आयोग से विधानसभा चुनावों के लिए किसी भी प्रकार की रैलियों और सभाओं पर रोक लगाने और राजनीतिक दलों को दूरदर्शन या समाचार पत्रों के माध्यम से प्रचार करने का निर्देश देने का अनुरोध किया। संविधान के अनुच्छेद 21 का हवाला देते हुए उन्होंने यहां तक कहा कि सभी भारतीयों को जीवन का अधिकार है।

उधर, देश में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने आज गुरुवार को राजधानी दिल्‍ली में समीक्षा बैठक की, जिसमें नए वेरिएंट के प्रसार को रोकने के लिए सतर्कता और तमाम उपाय करने पर जोर दिया गया। बैठक में पीएम ने कहा कि राज्य जिला स्तर पर स्वास्थ्य व्यवस्था की मज़बूती सुनिश्चित करें। सरकार की नजर और निगरानी वर्तमान परिस्थितियों पर है। प्रधानमंत्री ने कांटेक्ट ट्रेसिंग, टेस्टिंग टीकाकरण को बढ़ाने और हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर पर ध्‍यान देने पर बल दिया। यह भी निर्णय लिया गया कि केंद्र, उन राज्‍यों में अपनी टीम भेजेगी जहां टीकाकरण की रफ्तार कम है। जहां कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं और जहां हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमियों को और दुरुस्त करने की जरूरत है।

बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि महामारी के खिलाफ हमारे भावी कदम केंद्र के अति सक्रिय, केंद्रित और सहयोगपूर्ण रणनीति पर आधारित होने चाहिए।

खास है कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब समेत 5 राज्यों में चुनाव की घोषणा भले अभी नहीं हुई हो, लेकिन नेताओं के दौरे बढ़ गए हैं। बड़ी रैलियां हो रही हैं ज़िनमें हजारों की भीड़ देखी जा रही है। इस बीच देश में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। हाल ही में यूपी में ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं, जिसके चलते यह सवाल भी उठने लगा है कि क्या यूपी चुनाव से पहले कोराना की नई लहर का असर दिखने लगा है। जवाब हां में ही है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी पूर्व सांसद डिंपल यादव और बेटी बुधवार को कोरोना पॉजिटिव आई हैं। हालांकि, अखिलेश यादव की रिपोर्ट निगेटिव आई है। ऐसे में एहतियात के तौर पर अखिलेश यादव ने फैसला किया है कि वे तीन दिनों तक किसी रैली या कार्यक्रम में शामिल नहीं लेंगे। केसेज बढ़ रहे हैं जिसके चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में 25 दिसंबर से नाईट कर्फ्यू लगाने का ऐलान कर दिया है। रात को 11 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू लगाने के निर्देश दिए हैं।

अखिलेश यादव के खुद को तीन दिनों के लिए अलग करने के फैसले का सबसे पहला असर अलीगढ़ इगलास में आयोजित समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल की संयुक्त रैली पर हुआ। वहां पर अखिलेश को जयंत चौधरी के साथ रैली को संबोधित करना था, पर वह आइसोलेशन के कारण वहां जा नहीं पाए। हालांकि, उन्होंने बाद में वर्चुअल रैली को संबोधित किया। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और जयंत चौधरी लगातार यूपी में चुनावी जनसभाओं और रोड शो करके माहौल बनाने में जुटे हैं। वहीं बीजेपी की ओर से पीएम नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मोर्चा संभाल लिया है। पीएम मोदी और योगी लगातार विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास कर रहे हैं तो बीजेपी सूबे में अलग-अलग इलाकों में छह जनआशिर्वाद यात्रा भी निकाल रही है। इनकी रैली और जनसभाओं में लाखों लोगों की भीड़ जुट रही है। कोविड-19 नियम का कहीं कोई पालन कहीं नहीं हो रहा है। रैलियों में आने वाले न तो मास्क लगाए नजर आ रहे हैं और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। 

देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना और ओमिक्राॅन संक्रमण के चलते अब लोगों में दहशत होने लगी है। जिसका सबसे बड़ा उदाहरण देश के तेलंगाना राज्य के एक गांव में देखने को मिला है। यहां एक व्यक्ति के ओमिक्राॅन संकमित होने के बाद गांव वालों ने आम सहमती से खुद ही 10 दिनों का लॉकडाउन लगा लिया है। आपको बता दें कि, तेलंगाना में अब तक ओमिक्रॉन के 38 मामले सामने आ चुके हैं। जानकारी के अनुसार, तेलंगाना के रंजना सिरसिला जिले के गुडेम गांव में हाल ही में एक व्यक्ति खाड़ी देश से लौटा था जो ओमिक्रॉन पॉजिटिव पाया गया। इस व्यक्ति की मां के बीमार पाए जाने पर उसका कोरोना टेस्ट करवाया तो वह भी पॉजिटिव आई। जिसके बाद उनका सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने व्यक्ति को आइसोलेट करते हुए उसे हैदराबाद के एक अस्पताल में भर्ती करा दिया है। व्यक्ति के ओमिक्राॅन संक्रमित पाए जाने के बाद घबराए गांव के लोगों ने संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए समझदारी दिखाई और गांव की पंचायत में 10 दिनों के लाॅकडाउन लगाने का फैसला लिया गया। जिसमें आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को ही खुली रखने और बाकी सभी को बंद रखने का निर्णय लिया गया।

यही नहीं, विशेषज्ञ भी इसे कोरोना की तीसरी लहर की आहट के तौर पर देख रहे हैं। आईआईटी के वरिष्ठ वैज्ञानिक पद्मश्री प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने भी नई स्टडी का हवाला देते हुए कहा था कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रोन का प्रभाव दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक दिखने लगेगा। उन्होंने कहा था कि जनवरी अंतिम सप्ताह या फरवरी की शुरुआत में ओमिक्रोन का पीक होगा। हालांकि यूपी को लेकर आंकड़ों की बात करें तो बीते 24 घंटों में हुई 1 लाख 91 हजार 428 सैम्पल की जांच में कुल 49 नए संक्रमितों की पुष्टि हुई। इसी अवधि में 12 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए। आज प्रदेश में कुल एक्टिव कोविड केस की संख्या 266 है, जबकि 16 लाख 87 हजार 657 मरीज कोरोना को मात दे चुके हैं। आज 37 जिलों में एक भी कोविड का मरीज नहीं है। वहीं, चुनाव टालने को लेकर भी लोगों की राय पूरी तरह से बंटी हुई दिखाई दे रही है। ज्यादातर लोगों का कहना है कि चुनाव समय पर ही होना चाहिए और ओमीक्रॉन से निपटने के लिए चुनाव में प्रचार के तरीकों में बदलाव लाया जाना चाहिए।

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