कोविड-19 संकट ने देश भर में कई आवश्यक चीजों को छोड़ दिया है। जबकि चिकित्सा राहत और पुनर्वास जारी है, वहाँ स्वयंसेवकों को ज़मीनी स्तर पर और हाशिए के समुदायों तक पहुँचने और महामारी के बारे में जागरूकता फैलाने और उन्हें पर्याप्त रूप से सहायता उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। यदि आप ऐसे व्यक्ति हैं जो व्यक्तिगत क्षमता में या संगठनों के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं, तो इस दौरान अपनी खुद की सुरक्षा और दूसरों को आश्वस्त करने के लिए नीचे दिए गए दिशानिर्देशों का पालन करना अनिवार्य है।

1. यदि आप स्वयंसेवक हैं व आपकी उम्र 60 साल से ज्यादा है और मधुमेह आदि से पीड़ित हैं तो इससे बचें, युवा और स्वस्थ ही वॉलंटियर का काम करें।
2. यदि आप राहत कार्य में लगे हैं तो ग्लब्स, मास्क आदि सुरक्षात्मक उपकरणों का इस्तेमाल करें।
3.ग्लव्स व मास्क पहने हुए हैं तब भी राहत कार्य के वक्त अपनी आंख, नाक आदि को छूने से बचें।
4. राहत सामिग्री प्रदान करते वक्त किसी के भी नजदीक खड़े होने से बचें, कम से कम छह फीट की दूरी बनाए रखें।
5. अपने हाथ दूसरों से दूर रखें! किसी से हाथ मिलाएं या गले न लगाएं। हाई फाइव करने से बचें
6. बड़े समूहों में काम करने से बचें। सुरक्षा के लिए एक ही स्थान पर दो के समूह में काम करें।
7. उन सतहों से सावधान रहें जिन्हें आप स्पर्श करते हैं। किसी भी जगह को छूने से बचें जब तक कि बिल्कुल आवश्यक न हो।
8. कम से कम 60% अल्कोहल की मात्रा वाले हैंड सैनिटाइज़र को साथ रखें। इसका प्रयोग बार-बार करें।
9. आवश्यकतानुसार कम से कम 20 सेकंड तक हाथों को साबुन से धोएं।
10. अपने कपड़े / बैग आदि कीटाणुरहित रखें, मास्क, ग्लव्स आदि का सावधानी पूर्वक निस्तारण करें, ये आपको व किसी और को भी संक्रमित कर सकते हैं।
11. कपड़े, बैग और चाबियों के लिए साबुन-पानी या डिटर्जेंट, सामान्य सतहों के लिए ब्लीच-पानी और फोन के लिए शराब आधारित सैनिटाइज़र आदि का उपयोग किया जा सकता है।
12. सूखी खांसी, सांस फूलना और बुखार जैसे लक्षणों को देखते ही परिवार व हर किसी से खुद को अलग करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
13. आइसोलेशन (अलगाव) का डर मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। सहायता कार्यकर्ता और देखभाल करने वाले के बीच चिंता और अवसाद भी आम है। ऐसे में प्रोफेशन डॉ़क्टर का परामर्श लें।
14. ब्रेक लें, आराम करें और आत्म-देखभाल को भी महत्व दें।

1. यदि आप स्वयंसेवक हैं व आपकी उम्र 60 साल से ज्यादा है और मधुमेह आदि से पीड़ित हैं तो इससे बचें, युवा और स्वस्थ ही वॉलंटियर का काम करें।
2. यदि आप राहत कार्य में लगे हैं तो ग्लब्स, मास्क आदि सुरक्षात्मक उपकरणों का इस्तेमाल करें।
3.ग्लव्स व मास्क पहने हुए हैं तब भी राहत कार्य के वक्त अपनी आंख, नाक आदि को छूने से बचें।
4. राहत सामिग्री प्रदान करते वक्त किसी के भी नजदीक खड़े होने से बचें, कम से कम छह फीट की दूरी बनाए रखें।
5. अपने हाथ दूसरों से दूर रखें! किसी से हाथ मिलाएं या गले न लगाएं। हाई फाइव करने से बचें
6. बड़े समूहों में काम करने से बचें। सुरक्षा के लिए एक ही स्थान पर दो के समूह में काम करें।
7. उन सतहों से सावधान रहें जिन्हें आप स्पर्श करते हैं। किसी भी जगह को छूने से बचें जब तक कि बिल्कुल आवश्यक न हो।
8. कम से कम 60% अल्कोहल की मात्रा वाले हैंड सैनिटाइज़र को साथ रखें। इसका प्रयोग बार-बार करें।
9. आवश्यकतानुसार कम से कम 20 सेकंड तक हाथों को साबुन से धोएं।
10. अपने कपड़े / बैग आदि कीटाणुरहित रखें, मास्क, ग्लव्स आदि का सावधानी पूर्वक निस्तारण करें, ये आपको व किसी और को भी संक्रमित कर सकते हैं।
11. कपड़े, बैग और चाबियों के लिए साबुन-पानी या डिटर्जेंट, सामान्य सतहों के लिए ब्लीच-पानी और फोन के लिए शराब आधारित सैनिटाइज़र आदि का उपयोग किया जा सकता है।
12. सूखी खांसी, सांस फूलना और बुखार जैसे लक्षणों को देखते ही परिवार व हर किसी से खुद को अलग करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
13. आइसोलेशन (अलगाव) का डर मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। सहायता कार्यकर्ता और देखभाल करने वाले के बीच चिंता और अवसाद भी आम है। ऐसे में प्रोफेशन डॉ़क्टर का परामर्श लें।
14. ब्रेक लें, आराम करें और आत्म-देखभाल को भी महत्व दें।