मेरे काले कारनामे मत खोलो, उपराष्ट्रपति बना दूंगा: सत्यपाल मलिक के दावे पर कांग्रेस का मोदी पर निशाना

Written by Navnish Kumar | Published on: September 14, 2022
वरिष्ठ भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी आर्थिक नीतियों और चीन विवाद आदि को लेकर मोदी सरकार की आलोचना का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं तो वरुण गांधी भी अपने कई बयानों से भाजपा के लिए मुसीबत का सबब बन चुके हैं। उसी तरह मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक हैं जो किसानों और सेना के जवानों को लेकर, मोदी सरकार को लगातार कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। 



राज्यपाल सत्यपाल मलिक के हालिया तेवरों से लगता है कि अपने कार्यकाल समाप्त होने के बाद वो किसान के हक़ों, न्यूनतम समर्थन मूल्य कानून आदि को लेकर देश में नया आंदोलन खड़ा करने का संदेश दे रहे हैं। इससे पूर्व हरियाणा के जींद में खापों के समारोह में उन्होंने किसानों से आह्वान किया था कि सभी जातियों के किसानों को एकजुट होकर 2024 में अपनी सरकार बनानी चाहिए। भारत में आने वाले समय में सबसे गंभीर चुनौती खेती जमीन मालिक जातियों के वर्ग को होने वाली है। कहा इस ‘क्षेत्रपति वर्ग‘ को न कृषि योजनाओं से लाभ मिल पा रहा और न ही सरकारी नौकरियों में। बदली हुई नीतियों से सबसे अधिक नुकसान इसी वर्ग की जातियों को होगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ताजा मामला रोहतक के नांदल भवन में खापों के शिक्षा सम्मान समारोह का है जिसमें बोलते हुए मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने फिर से मोदी सरकार पर निशाना साधा। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में किसानों और जवानों की जिंदगी बर्बाद हो गई है। यही नहीं, उन्होंने एक और अजीबोगरीब बयान देकर सियासी सरगर्मियां बढ़ा दी हैं। उन्होंने दावा किया कि उन्‍हें संकेत दिया गया था, अगर वह केंद्र में सत्तासीन मोदी सरकार के खिलाफ बोलना बंद कर दें तो उन्हें उपराष्‍ट्रपति बना दिया जाएगा। वहीं, जगदीप धनखड़ को उपराष्‍ट्रपति बनाए जाने पर मलिक कहते हैं, धनखड़ डिजर्विंग उम्मीदवार थे, उपराष्‍ट्रपति बनाने चाहिए थे। मेरा कहना इसमें ठीक नहीं है, लेकिन मुझे इशारे मिल रहे थे कि अगर आप सरकार के खिलाफ नहीं बोलोगे तो आपको उपराष्‍ट्रपति बना देंगे। मैं यह नहीं कर सकता, जो महसूस करता हूं वह जरूर बोलता हूं।' 

राहुल गांधी की यात्रा के बारे में भी सत्यपाल मलिक ने कमेंट किया है। कहा है कि 'राहुल अपनी पार्टी के लिए काम कर रहे हैं अच्‍छी बात है। नौजवान आदमी हैं, पैदल तो चल रहे हैं। अब तो नेता यह सब काम तो करते ही नहीं हैं। भारत जोड़ो यात्रा का क्‍या संदेश जाएगा, मुझे नहीं पता। यह तो जनता बताएगी कि क्‍या संदेश गया, लेकिन मुझे यह लगा कि ठीक काम कर रहे हैं।' 

गौरतलब है कि राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने 2004 में भाजपा का दामन थामा था। मूल रूप से समाजवादी वैचारिक पृष्ठभूमि से आये सत्यपाल मलिक ने उत्तर प्रदेश से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। 1946 में बागपत के हिस्वाडा गांव में गरीब किसान परिवार में जन्मे सत्यपाल मलिक ने मेरठ कॉलेज में कानून की पढ़ाई की और छात्र राजनीति में उतरे। 1974 में चौधरी चरण सिंह के भारतीय क्रांति दल से बागपत से पहला चुनाव उतर प्रदेश विधानसभा का लड़ा और 1977 तक उत्तर प्रदेश विधानसभा में विधायक रहे। एक लम्बे राजनीतिक अनुभव के साथ राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भारतीय राजनीति के कई उतार चढ़ाव देखे हैं। 

सत्यपाल मलिक कहते हैं, 'किसानों को एक और संघर्ष के लिए फिर से तैयार रहना होगा। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) कानून की मांग को केंद्र सरकार को मनवाने के लिए बड़ी लड़ाई लड़नी होगी। ये लड़ाई अब कभी भी शुरू हो सकती है, क्योंकि केंद्र सरकार की नियत मुझे ठीक नहीं लगती है। किसानों के हक़ के इस आंदोलन में मैं राज्यपाल के अपने पद से त्यागपत्र देकर कूद जाऊंगा।' 2014 के लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा के चुनावी घोषणापत्र में सम्मिलित 'किसान नीति' को सत्यपाल मालिक ने ही तैयार किया किया था, जिसको आधार बना कर भाजपा किसानों को अपने पक्ष में लुभाने में सफल हुई। सत्यपाल मलिक राजनीति में अपने बेबाक वक्तव्यों के लिए भी जाने जाते हैं। 

सभा को संबोधित करते हुए सत्यपाल मालिक ने कहा कि मुझे किसी का खौफ नहीं, जो सही होगा बोलता रहूंगा। जब मैं जम्मू कश्मीर का राज्यपाल बनके गया तो मुझे बताया गया कि किसी प्रोजेक्ट की फाइल जोकि देश के बड़े उद्योगपति अंबानी की है, को पास करने की लिए 300 करोड़ तक मिल सकते हैं, लेकिन मैंने मना दिया और उस को नियमों के अनुसार रोक दिया। बढ़ते पूंजीवादी नियंत्रण के संदर्भ में सत्यपाल मालिक ने कहा कि प्रधानमंत्री के मित्र वर्तमान में फायदा उठा रहे हैं। 

यही नहीं, मलिक ने उद्योगपति अडानी के माध्यम से भी प्रधानमंत्री पर निशाना साधा है। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राजस्थान के नागौर जिले के डीडवाना कस्बे में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सात एयरपोर्ट अडानी को दे दिए हैं, बड़ी-बड़ी संस्थाएं दे दी हैं, इतना कर्जा दिलवा दिया गया है कि वो डूबा तो देश के सारे बैंक डूब जाएंगे...

क्षेत्रपति समाज को हाशिये पर धकेलने में जुटीं घोर पूंजीवादी ताकतें

सत्यपाल मालिक ने कहा, मुझे कोई महत्वाकांक्षा नहीं, लेकिन पूरे भारत में किसानों की स्थिति और शोषण किये जाने को लेकर चिंतित हूँ, क्योंकि गांव व किसान परिवार से हूँ, इसलिये किसानों के हक़ों के मुद्दे उठाता रहूँगा। किसान बिल पर चुप रहने के एवज में मुझे उपराष्ट्रपति बनाने का आश्वासन भी दिया गया था। मार्च 2022 में सत्यपाल मलिक ने हरियाणा के जींद जिले में खापों के एक समारोह में देश के किसानों से आह्वान किया था कि अब सभी जातियों के किसानों को एकजुट होकर 2024 में अपनी सरकार बनानी चाहिए। पहले कृषि क्षेत्र में सुधार के नाम पर 3 कानून जिनका पूरे भारत में किसानों द्वारा विरोध किया गया, फिर सेना में अग्निपथ योजना और नये बिजली संशोधन बिल जैसी नीतियों से क्षेत्रपति समाज को हाशिये पर धकेलने के लिए घोर पूंजीवादी ताकतें पूरी तरह से राजनीति का प्रयोग करने में लगी हुई है। 

उन्होंने आगे कहा कि मोदी सरकार किसानों और जवानों को बर्बाद करने पर तुली हुई है। पहले कृषि क्षेत्र में सुधार के नाम पर 3 कानून जिनका पूरे भारत में किसानों द्वारा विरोध किया गया, फिर अब सेना में अग्निपथ योजना व नये बिजली संशोधन बिल जैसी नीतियों से क्षेत्रपति समाज को हाशिये पर धकेलने के लिए घोर पूंजीवादी ताकतें पूरी तरह से राजनीति का प्रयोग करने में लगी हुई हैं।

भारत के विभिन्न प्रदेशों में क्षेत्रपति समाज (भूमि मालिक किसान जमींदार जातियां- चेत्तीआर वेल्लालार  मराठा जट सिख/जाट कांची कोइरी कुशवाहा कुर्मी लोधी पटेल पाटीदार रेड्डी, रोड़, त्यागी वातिरियार, राजपूत थेवर भूमिहार ,गुज्जर औराई देसाई राव यादव लुबाना कपाली) जो वर्तमान में ओबीसी वर्ग में आती हैं का लगभग 543 लोकसभा सीटों में से 245 लोक सभा सीटों, 4120 विधानसभा सीटों में से लगभग 2180 सीटों पर सीधा प्रभाव है, लेकिन सत्ता ने उनको हमेशा अलग अलग समूहों में बांटकर कभी एकजुट होने नहीं दिया। इनकी राजनीतिक ताकत को केवल अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए ही इस्तेमाल किया। वर्तमान भाजपा सरकार ने भी ऐसी नीतियों को बढ़ावा दिया जिससे इस क्षेत्रपति समाज को कमजोर करके इनका अधिकतम प्रयोग किया जा सके।

कांग्रेस ने भी साधा निशाना

सत्यपाल मलिक के बयान पर कांग्रेस ने BJP पर कसा तंज- ‘वाह जी वाह...आप तो बड़े कलाकार निकले राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा था कि उन्हें संकेत दिया गया था कि अगर वह केंद्र के खिलाफ नहीं बोलेंगे तो उन्हें उपराष्ट्रपति बना दिया जाएगा।

सत्यपाल मलिक के इस बयान पर कांग्रेस तंज कसते हुए एक ट्वीट किया. कांग्रेस ने कहा, ‘मोदी जी की रेवड़ियां: सरकार के खिलाफ मत बोलो, मेरे काले कारनामे मत खोलो, उपराष्ट्रपति बना दूंगा। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा - मुझे मोदी सरकार से ऑफर था कि सच बोलना बंद कर दो, उपराष्ट्रपति बना दूंगा. वाह मोदी जी वाह... आप तो बड़े कलाकार निकले।’



क्या था राज्यपाल सत्यपाल मलिक का पूरा बयान?

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शनिवार को कहा कि उन्हें संकेत दिया गया था कि अगर वह केंद्र के खिलाफ बोलना बंद कर दें तो उन्हें उपराष्ट्रपति बना दिया जाएगा। वह जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति बनाए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे।

मलिक ने झुंझुनू में कहा कि वह (धनखड़) ‘‘डिजर्विंग उम्मीदवार थे, बनाने ही चाहिए थे।’ साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘..मेरा कहना इसमें ठीक नहीं लेकिन मुझे इशारे थे, पहले से, कि आप नहीं बोलोगो तो आपको (उपराष्ट्रपति) बना देंगे लेकिन मैं यह नहीं कर सकता। मैं जो महसूस करता हूं वह जरूर बोलता हूं।’’

खास यह भी है कि सत्यपाल मलिक का बतौर राज्यपाल कार्यकाल 30 सितंबर 2022 को पूरा होने वाला है। देखना होगा कि क्या सत्यपाल मलिक भारत में क्षेत्रपति वर्ग के अग्रणी के रूप में सभी किसान जातियों को एकजुट करके किसानों की राजनीति को फिर से केंद्र में लाकर चौधरी चरण सिंह के लक्ष्य को साकार करने में कितना सफल होते हैं।

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