नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के युवा सांसद तेजस्वी सूर्या एक नए विवाद में घिरते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस ने एक कथित ऑडियो टेप का हवाला देते हुए शनिवार को आरोप लगाया कि कर्नाटक के एक निजी अस्पताल में कोरोना रोधी टीके की प्रति खुराक पर कमीशन लिया जा रहा है और इसमें भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या के नजदीकी रिश्तेदार एवं विधायक रवि सुब्रमण्यम की सीधे तौर पर संलिप्तता है।
पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि भाजपा के इन दोनों नेताओं के खिलाफ प्राथमिकता दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए तथा उनकी लोकसभा एवं विधानसभा की सदस्यता को रद्द किया जाना चाहिए। कांग्रेस के इस आरोप पर फिलहाल भाजपा या सूर्या की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी हैं। हालांकि सुब्रमण्यम ने ट्वीट के जरिए और कर्नाटक की स्थानीय मीडिया से बातचीत में अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि कुछ शरारती तत्व उनके नाम गलत ढंग से इस्तेमाल कर रहे हैं।
मुख्य विपक्षी दल ने जिस कथित ऑडियो टेप का हवाला देते आरोप लगाया है उसकी प्रामाणिकता की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हुई है। पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, 'कर्नाटक के एक निजी अस्पताल की सुपरवाइजर इस ऑडियो में यह कहते हुए सुनी जा सकती हैं कि टीके के एक खुराक की कीमत 900 रुपये वसूली जा रही है क्योंकि इसमें 700 रुपये सुब्रमण्यम को देने होते हैं।'
उन्होंने यह दावा भी किया कि सूर्या ने इस निजी अस्पताल में टीकाकरण को होर्डिंग के माध्यम से प्रचारित-प्रसारित किया। उन्होंने सवाल किया, 'सरकारी अस्पतालों में टीके नहीं मिल रहे हैं, लेकिन निजी अस्पताल में टीके मिल रहे हैं। क्या इसकी वजह यही कमीशन है?'
कांग्रेस नेता खेड़ा ने कहा, 'हम मांग करते हैं कि तेजस्वी सूर्या और उनके रिश्तेदार रवि सुब्रमण्यम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए। कुछ सांसदों के पश्न पूछने के बदले पैसे लेने के मामले की तर्ज पर इस मामले में भी सूर्या की लोकसभा और सुब्रमण्यम की विधानसभा की सदस्य रद्द करनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'अगर कर्नाटक की जनता को टीके की कालाबाजारी से बचाना है तो भाजपा के इन नेताओं की गिरफ्तारी की जाए।' खेड़ा ने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को इस विषय पर सामने आकर जवाब देना चाहिए।
पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि भाजपा के इन दोनों नेताओं के खिलाफ प्राथमिकता दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए तथा उनकी लोकसभा एवं विधानसभा की सदस्यता को रद्द किया जाना चाहिए। कांग्रेस के इस आरोप पर फिलहाल भाजपा या सूर्या की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी हैं। हालांकि सुब्रमण्यम ने ट्वीट के जरिए और कर्नाटक की स्थानीय मीडिया से बातचीत में अपने खिलाफ लगे आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि कुछ शरारती तत्व उनके नाम गलत ढंग से इस्तेमाल कर रहे हैं।
मुख्य विपक्षी दल ने जिस कथित ऑडियो टेप का हवाला देते आरोप लगाया है उसकी प्रामाणिकता की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हुई है। पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, 'कर्नाटक के एक निजी अस्पताल की सुपरवाइजर इस ऑडियो में यह कहते हुए सुनी जा सकती हैं कि टीके के एक खुराक की कीमत 900 रुपये वसूली जा रही है क्योंकि इसमें 700 रुपये सुब्रमण्यम को देने होते हैं।'
उन्होंने यह दावा भी किया कि सूर्या ने इस निजी अस्पताल में टीकाकरण को होर्डिंग के माध्यम से प्रचारित-प्रसारित किया। उन्होंने सवाल किया, 'सरकारी अस्पतालों में टीके नहीं मिल रहे हैं, लेकिन निजी अस्पताल में टीके मिल रहे हैं। क्या इसकी वजह यही कमीशन है?'
कांग्रेस नेता खेड़ा ने कहा, 'हम मांग करते हैं कि तेजस्वी सूर्या और उनके रिश्तेदार रवि सुब्रमण्यम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए। कुछ सांसदों के पश्न पूछने के बदले पैसे लेने के मामले की तर्ज पर इस मामले में भी सूर्या की लोकसभा और सुब्रमण्यम की विधानसभा की सदस्य रद्द करनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'अगर कर्नाटक की जनता को टीके की कालाबाजारी से बचाना है तो भाजपा के इन नेताओं की गिरफ्तारी की जाए।' खेड़ा ने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को इस विषय पर सामने आकर जवाब देना चाहिए।