भारतीय जनता पार्टी ने 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों और 2019 के लोकसभा चुनावों में अटल बिहारी वाजपेयी के नाम का फायदा उठाने की जो योजना बनाई थी, वह अब उसके गले की फांस बन गई है।
जोश-जोश में तो पहले भाजपा ने ऐलान कर दिया था कि अटल बिहारी की पुण्यतिथि मासिक आधार पर मनाई जाएगी, और 16 सितंबर को पहली मासिक पुण्यतिथि पर पार्टी ने कई कार्यक्रम किए भी, लेकिन अब चुनावों की घोषणा होने के बाद, सारे भाजपाई ऐसे बिज़ी हुए कि किसी को अटल का नाम तक याद न आया।
इतना ही नहीं, रायपुर में तो अटल बिहारी के अस्थि-कलश के अपमान तक का आरोप भाजपा पर लग गया है। जनतंत्र टीवी के मुताबिक, भाजपा ने छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में अस्थि-कलश पहुंचाने और घुमाने की योजना बनाई थी, और पार्टी ऑफिस एकात्म परिसर में अस्थि-कलश पहुंचा भी दिए थे।
इसके बाद इन अस्थि-कलशों को बोरों में भर दिया गया और वो बोरे कोनों में फेंक दिए गए। ये खबर सामने आने के बाद, कांग्रेसियों ने आरोप लगाने शुरू कर दिए कि भाजपा अटल बिहारी के अस्थि-कलशों का अपमान कर रही है।
इसके बाद कांग्रेसियों का एक समूह भाजपा कार्यालय का घेराव करने पहुंच गया जिसमें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल और अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला भी शामिल थे।
नईदुनिया के अनुसार, करुणा शुक्ला कुछ महिला कांग्रेसियों के साथ जाकर एकात्म परिसर में अटल बिहारी के अस्थि-कलशों की मांग करने लगीं। इस दौरान कांग्रेसियों ने हंगामा और नारेबाजी की। इसके बाद करुणा शुक्ला अपने समर्थकों के साथ एकात्म परिसर के गेट के बाहर धरने पर बैठ गईं।
फजीहत होती देख कई भाजपाई भी मौके पर पहुंच गए और फिर पुलिस ने करुणा शुक्ला को समर्थकों समेत गिरफ्तार करके जेल भेज दिया।
पूरे मामले से ये साफ हो गया कि अटल बिहारी अब भाजपा के लिए केवल वोट बटोरने के साधन रह गए हैं, और उनमें अब किसी भाजपाई की श्रद्धा नहीं रह गई है।
जोश-जोश में तो पहले भाजपा ने ऐलान कर दिया था कि अटल बिहारी की पुण्यतिथि मासिक आधार पर मनाई जाएगी, और 16 सितंबर को पहली मासिक पुण्यतिथि पर पार्टी ने कई कार्यक्रम किए भी, लेकिन अब चुनावों की घोषणा होने के बाद, सारे भाजपाई ऐसे बिज़ी हुए कि किसी को अटल का नाम तक याद न आया।
इतना ही नहीं, रायपुर में तो अटल बिहारी के अस्थि-कलश के अपमान तक का आरोप भाजपा पर लग गया है। जनतंत्र टीवी के मुताबिक, भाजपा ने छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में अस्थि-कलश पहुंचाने और घुमाने की योजना बनाई थी, और पार्टी ऑफिस एकात्म परिसर में अस्थि-कलश पहुंचा भी दिए थे।
इसके बाद इन अस्थि-कलशों को बोरों में भर दिया गया और वो बोरे कोनों में फेंक दिए गए। ये खबर सामने आने के बाद, कांग्रेसियों ने आरोप लगाने शुरू कर दिए कि भाजपा अटल बिहारी के अस्थि-कलशों का अपमान कर रही है।
इसके बाद कांग्रेसियों का एक समूह भाजपा कार्यालय का घेराव करने पहुंच गया जिसमें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल और अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी करुणा शुक्ला भी शामिल थे।
नईदुनिया के अनुसार, करुणा शुक्ला कुछ महिला कांग्रेसियों के साथ जाकर एकात्म परिसर में अटल बिहारी के अस्थि-कलशों की मांग करने लगीं। इस दौरान कांग्रेसियों ने हंगामा और नारेबाजी की। इसके बाद करुणा शुक्ला अपने समर्थकों के साथ एकात्म परिसर के गेट के बाहर धरने पर बैठ गईं।
फजीहत होती देख कई भाजपाई भी मौके पर पहुंच गए और फिर पुलिस ने करुणा शुक्ला को समर्थकों समेत गिरफ्तार करके जेल भेज दिया।
पूरे मामले से ये साफ हो गया कि अटल बिहारी अब भाजपा के लिए केवल वोट बटोरने के साधन रह गए हैं, और उनमें अब किसी भाजपाई की श्रद्धा नहीं रह गई है।