चित्तौड़गढ़ की एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले बिहारी और जम्मू-कश्मीर के छात्रों के बीच हुई मारपीट में 4 कश्मीरी छात्र घायल हो गए। इस दौरान राजस्थान की पुलिस ने जम्मू-कश्मीर के तमाम छात्रों को सुरक्षा मुहैया कराई है।
PC- Indian Express
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, छात्रों के बीच हिंसा की पहली वजह कॉलेज के बाहर जाने को लेकर विवाद था। मारपीट के बाद पुलिस ने बिहार के चार छात्रों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 323, 341 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
कश्मीरी छात्रों का आरोप है कि झड़प के दौरान बिहार के छात्रों ने अनुच्छेद 370 को लेकर ताने मारे और उन्हे “आतंकवादी” कहा। हमले में घायल हुए एक 22 वर्षीय कश्मीरी छात्र ने कहा, “बिहार के 70 से अधिक छात्रों के एक समूह ने हमें चारों ओर से घेर लिया, क्योंकि हम शुक्रवार रात खाने पर जा रहे थे और हमारे साथ मारपीट शुरू कर दी। इसमें सांप्रदायिक वजह नहीं थी। क्योंकि, दूसरी तरफ भी कई छात्र मुस्लिम थे।
छात्रों ने कहा, इस दौरान वे ताने मारने लगे कि अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद अब कश्मीरी कहां जाएंगे। उनमें से कुछ ने तो हमें आतंकवादी कहा। उन्होंने अचानक ही हमें राज्य के आधार पर बांटने लगे और जम्मू-कश्मीर के छात्रों के समूह पर हमला बोल दिया। इस दौरान जम्मू के कुछ हिंदू छात्र भी निशाना बने।
विश्वविद्यालय में कश्मीर के लगभग 25 छात्र हैं और उन्हें घटना के बाद एक जगह पर अधिकारियों द्वारा रखा गया है। गंगरार पुलिस थाने के थानाध्यक्ष लाभू राम ने बताया,”हमने यूनिवर्सिटी कैंपस में 25 पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया है।
4 अभियुक्तों को सीआरपीसी की धारा 151 के हत गिरफ्तार किया गया। बाद में उन्हें जमानत मिल गई।” एक अन्य कश्मीरी छात्र ने कहा कि वह बिहार के छात्रों के रवैये से दुखी है। क्योंकि, जिनके साथ वे अच्छे से मिलते थे, अचानक ही वो उनके खिलाफ हो गए।
कश्मीर के एक छात्र ने बताया, “वे नाराज थे कि हमें बाहर जाने के लिए पास मिल रहा था। उन्होंने हम पर कश्मीरी होने के कारण हमला नहीं किया, बल्कि हमें पास दिए जाने से गुस्सा थे। लेकिन, झड़प के दौरान एक ऐसा वक्त आया जब वे हमारे खिलाफ नारेबाजी करने लगे और आतंकवादी कहकर बुलाया। इस घटना ने हमें बेहद दुख पहुंचाया है, क्योंकि इसके पहले हम उनके साथ रहते थे और उनके साथ खाना भी खाते थे।” हालांकि, अब छात्रों के दोनों गुटों के बीच में बातचीत हुई है और शांति बनाए रखने पर सहमति बनी है।
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प्राप्त जानकारी के मुताबिक, छात्रों के बीच हिंसा की पहली वजह कॉलेज के बाहर जाने को लेकर विवाद था। मारपीट के बाद पुलिस ने बिहार के चार छात्रों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 323, 341 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
कश्मीरी छात्रों का आरोप है कि झड़प के दौरान बिहार के छात्रों ने अनुच्छेद 370 को लेकर ताने मारे और उन्हे “आतंकवादी” कहा। हमले में घायल हुए एक 22 वर्षीय कश्मीरी छात्र ने कहा, “बिहार के 70 से अधिक छात्रों के एक समूह ने हमें चारों ओर से घेर लिया, क्योंकि हम शुक्रवार रात खाने पर जा रहे थे और हमारे साथ मारपीट शुरू कर दी। इसमें सांप्रदायिक वजह नहीं थी। क्योंकि, दूसरी तरफ भी कई छात्र मुस्लिम थे।
छात्रों ने कहा, इस दौरान वे ताने मारने लगे कि अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद अब कश्मीरी कहां जाएंगे। उनमें से कुछ ने तो हमें आतंकवादी कहा। उन्होंने अचानक ही हमें राज्य के आधार पर बांटने लगे और जम्मू-कश्मीर के छात्रों के समूह पर हमला बोल दिया। इस दौरान जम्मू के कुछ हिंदू छात्र भी निशाना बने।
विश्वविद्यालय में कश्मीर के लगभग 25 छात्र हैं और उन्हें घटना के बाद एक जगह पर अधिकारियों द्वारा रखा गया है। गंगरार पुलिस थाने के थानाध्यक्ष लाभू राम ने बताया,”हमने यूनिवर्सिटी कैंपस में 25 पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया है।
4 अभियुक्तों को सीआरपीसी की धारा 151 के हत गिरफ्तार किया गया। बाद में उन्हें जमानत मिल गई।” एक अन्य कश्मीरी छात्र ने कहा कि वह बिहार के छात्रों के रवैये से दुखी है। क्योंकि, जिनके साथ वे अच्छे से मिलते थे, अचानक ही वो उनके खिलाफ हो गए।
कश्मीर के एक छात्र ने बताया, “वे नाराज थे कि हमें बाहर जाने के लिए पास मिल रहा था। उन्होंने हम पर कश्मीरी होने के कारण हमला नहीं किया, बल्कि हमें पास दिए जाने से गुस्सा थे। लेकिन, झड़प के दौरान एक ऐसा वक्त आया जब वे हमारे खिलाफ नारेबाजी करने लगे और आतंकवादी कहकर बुलाया। इस घटना ने हमें बेहद दुख पहुंचाया है, क्योंकि इसके पहले हम उनके साथ रहते थे और उनके साथ खाना भी खाते थे।” हालांकि, अब छात्रों के दोनों गुटों के बीच में बातचीत हुई है और शांति बनाए रखने पर सहमति बनी है।