यूपी में बेकाबू कोरोना के बीच भाजपा सांसद बोले- चुनाव जरूरी नहीं, लोगों की जान बचाना जरूरी

Written by Sabrangindia Staff | Published on: April 14, 2021
लखनऊ। देशभर में कोरोना की दूसरी लहर ने तबाही मचाई हुई है। इसके बावजूद उत्तर प्रदेश में पंचायत व पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव जारी हैं। प्रधानमंत्री से लेकर गृहमंत्री तक प्रचार में लगे हुए हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना से स्थिति बेहद खराब है। यूपी में सोमवार को जहां कोरोना संक्रमण के 13685 नए मामले सामने आए थे वहीं मंगलवार को 18,021 नए केस सामने आए और इसमें सबसे ज्यादा मामले राजधानी लखनऊ से दर्ज किए गए। बताया जा रहा है कि लखनऊ में मंगलवार को रेकॉर्ड 5382 नए केस मिले प्रदेश के किसी भी जिलों में कोरोना संक्रमितों की यह संख्या सबसे अधिक है।



उत्तर प्रदेश के कुछ जिले कोरोना संक्रमण से खासे प्रभावित हैं इसमें भी राजधानी लखनऊ का हाल बेहद खराब है, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद को आईसोलेट कर लिया है क्योंकि उनके कार्यालय के कुछ अधिकारी कोरोना से संक्रमित हुए हैं इसलिए उन्होंने ऐसा कदम उठाया है। पूर्व सीएम अखिलेश यादव भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। 

लखनऊ में कोरोना संकट के बीच लखनऊ के मोहनलालगंज से बीजेपी सांसद कौशल किशोर ने राज्य निर्वाचन आयोग से पंचायत चुनाव को आगे टालने की अपील की है। कौशल किशोर ने कहा कि इसलिए निर्वाचन आयोग को तत्काल संज्ञान में लेकर पंचायत चुनाव की निर्धारित मतदान की तिथि को एक महीना आगे बढ़ाना चाहिए, जान बचाना जरूरी है, चुनाव कराना जरूरी नहीं है।



बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने  पत्र लिखकर कहा है कि-'अगर कोविड-19 जनित परिस्थितियों को शीघ्र नियंत्रित नहीं किया गया तो हमें रोकथाम के लिए लखनऊ में लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है।'  कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य महकमे के उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर स्वास्थ्य सेवाओं की चिंताजनक हालत की ओर ध्यान आकर्षित किया और कहा कि अगर हालात में जल्दी सुधार नहीं हुआ तो कोविड-19 रोकथाम के लिए लखनऊ में लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है।उधर, समाजवादी पार्टी ने मंत्री के पत्र बहाने कोरोना प्रबंधन में अव्यवस्था के लिए पूरी सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

कानून मंत्री ब्रजेश पाठक का सोमवार को अपर मुख्‍य सचिव चिकित्सा व स्वास्थ्य तथा प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को भेजा गया कथित पत्र मंगलवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस पत्र के भेजे जाने के बारे में जब पाठक से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा, 'मैंने एक गोपनीय पत्र भेजा है।' लेकिन उन्होंने पत्र में क्या लिखा है इस बारे कुछ भी बताने से इंकार कर दिया।

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