मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के पास बैरसिया के गांव में दलित किसान को जिंदा जलाए जाने की घटना ने राज्य की कानून व्यवस्था की पोल खोल दी है।

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मामले को तूल पकड़ता देख सरकार ने आनन-फानन में एसआईटी का गठन किया है। हत्या के चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। आगे की जांच डीआईजी धर्मेंद्र चौधरी द्वारा गठित एसआईटी करेगी।
दैनिक भास्कर के अनुसार, घटना 21 जून गुरुवार की है। 70 साल के दलित किसान किशोरीलाल जाटव को परसोरिया घाटखेड़ी गांव में चार दबंगों ने पेट्रोल डालकर उसकी पत्नी के सामने ही जला दिया। ये दबंग किशोरीलाल की पट्टे की जमीन को जबरन जोत रहे थे।
घटना के बाद गांव में तनाव फैल गया तब पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या और खेत पर कब्जे की कोशिश तथा एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। पुलिस पर दबाव बढ़ने पर रात साढ़े 11 बजे चारों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
मृतक किशोरीलाल के छोटे बेटे ने बताया कि 2002 में सरकार ने परसोरिया रोड पर साढ़े तीन एकड़ जमीन पर पट्टा दिया था, लेकिन इस साल इस जमीन पर तीरन सिंह ने कब्जा कर लिया। गुरुवार को आरोपी खेत पर ट्रैक्टर चला रहा था और किशोरीलाल ने इसका विरोध किया तो चार लोगों ने उस पर पेट्रोल डालकर उसे जिंदा जला दिया। बुरी तरह से जले किशोरीलाल जाटव को उसके परिजन अस्पताल ले गए जहां उसकी मौत हो गई।
गांव में तनाव बढ़ने पर भोपाल से अतिरिक्त पुलिस बुलानी पड़ी। पुलिस के बड़े अफसरों की मौजूदगी में किशोरीलाल जाटव का अंतिम संस्कार हो सका।
दैनिक भास्कर के अनुसार, प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने भी ट्वीट करके दुख व्यक्त किया है। एक अन्य मंत्री लाल सिंह आर्य भी कड़ी कार्रवाई की बात कर रहे हैं। कांग्रेस ने भी दो सदस्यों की समिति बनाई है जो मौके पर जाकर पूरे घटनाक्रम की जांच करेगी।
भाजपा के शासनकाल में दलितों की जबरन जमीन छीनने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। 18 मई को ही नीमच में भी एक भाजपा नेता निरंजन राजू तिवारी की प्रताड़ना से तंग आकर दलित सुनील धानुक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उसके पहले सुनील धानुक पुलिस के सामने आत्महत्या की चेतावनी भी दे चुका था। 2 मई को सुनील की पत्नी ने भी बच्चों समेत रेल की पटरी पर कटकर आत्महत्या कर ली थी। आरोपी भाजपा नेता निरंजन राजू तिवारी अब तक फरार है।