किसान आत्महत्या मामला: नहीं हुआ भाजपा नेता गिरफ्तार

मध्यप्रदेश में नीमच में भाजपा नेता पंडित निरंजन राजू तिवारी की गुंडागर्दी से परेशान दलित किसान सुनील धानुक के आत्महत्या मामले में करीब 25 दिन बीतने के बाद भी अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। प्रशासन ने किसान की आत्महत्या से पहले भी जिस तरह की लापरवाही की, उसी तरह की आगे भी कर रही है।

farmer suicide
आरोपी को पकड़ने के लिए दलितों ने दिया ज्ञापन      Imag Courtesy: News18


घटना के विरोध में 12 दलित संगठन भी विरोध जता चुके हैं, लेकिन तिवारी के रसूख के आगे सब बौने साबित हो रहे हैं।

कुचड़ौद निवासी सुनील धानुक इसके पहले जनसुनवाई में भी पंडित निरंजन राजू तिवारी के किलाफ जमीन हड़पने और प्रताड़ित करने का आरोप लगा चुका था और कह चुका था कि उसे न्याय न मिला तो वो आत्महत्या कर लेगा। निरंजन राजू तिवारी की प्रताड़ना से परेशान सुनील की पत्नी पहले ही अपने दो बच्चों समेत 2 मई को ट्रेन के आगे कूद कर आत्महत्या कर चुकी थी।

इसके बाद भी पुलिस ने निरंजन राजू तिवारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की और उलटे सुनील धानुक को ही आरोपी बताने लगी थी। इस वजह से भी सुनील परेशान था।

उसकी आत्महत्या की धमकी के बाद भी अधिकारियों ने भाजपा नेता निरंजन राजू तिवारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे परेशान होकर सुनील धानुक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

पूरा मामला कुछ इस प्रकार है। मृतक सुनील धानुक के पास 3 बीघा पथरीली जमीन का पट्टा था। निरंजन राजू तिवारी उस जमीन को छीनना चाहता था और इसके लिए आए दिन सुनील धानुक और उसके परिजनों को परेशान करता रहता था।

पत्नी और बच्चों की आत्महत्या के बाद परेशान सुनील अपने छोटे भाई के घर कनावटी में रहने लगा था। गुरुवार को जब उसका भाई मजदूरी करने गया तो सुनील ने अकेले में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

इसके बाद पुलिस ने भाजपा नेता और मंडी अध्यक्ष निरंजन राजू तिवारी के खिलाफ धारा 306ए 34 आईपीसी और अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था।

मामले की जांच सीएसपी टीसी पवार को सौंपी गई है। खुद कलेक्टर ने मौके पर जाकर विवादित जमीन का मुआयना किया था लेकिन राजनीतिक रसूख वाले निरंजन राजू तिवारी को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।

मामला काफी चर्चा में आ चुका है और जिले की प्रभारी मंत्री अर्चना चिटनिस भी इसकी रिपोर्ट तलब कर चुकी हैं। मजिस्टीरियल जांच के आदेश भी दिए गए थे लेकिन जांच रुकी पड़ी है।

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह खुद इस मामले को अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के सामने ले जाने का ऐलान कर चुके हैं।
 
 

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