जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर भीम आर्मी ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर जमकर हमला किया है। भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर नागल के उमाही में पहुंचे। उन्होंने हाथ जोड़कर लोगों से शराब छोड़ने की विनती की। प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार शराब की बिक्री बढ़ाना चाहती है और उससे होने वाली कमाई को गौशाला में लगाया जा रहा है, इंसान की कीमत कम हो गई है।
उन्होंने प्रदेश सरकार से मृतक के परिजनों को 25-25 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की। साथ ही सही मुआवजा ना मिलने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी।
चंद्रशेखर सहारनपुर के लोगों का हाल जानने के लिए मेडिकल पहुंचे। उन्होंने मरीजों के परिजनों से भी मुलाकात की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। चंद्रशेखर ने योगी सरकार को चेतावनी दी कि यदि दो दिन में मुआवजा नहीं मिला तो भीम आर्मी सहारनपुर और हरिद्वार मंडल बंद रखेगी। भीम आर्मी के संस्थापक के अलावा सभी विपक्षी दलों के नेता मेडिकल कालेज पहुंचे। उन्होंने मरीजों का हाल जाना।
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष इमरान मसूद ने कहा कि ये बहुत शर्मनाक है कि इस तरह की घटना के बावजूद सरकार का कोई प्रतिनिधि मरीजों का हाल तक जानने नहीं पहुंचा। उन्होंने कहा कि दो लाख रुपये की मुआवजा राशि बहुत कम है, इन परिवारों को 50 लाख रुपये का मुआवजा मिलना चाहिए। यूपी कांग्रेस कमेटी के महासचिव व मेरठ प्रभारी मुकेश चौधरी भी मेडिकल कालेज में भर्ती मरीजों को देखने पहुंचे।
उन्होंने कहा कि यह घटना योगी सरकार की बड़ी विफलता है। मृतकों के परिजनों को दस लाख रुपये आर्थिक सहायता राशि मिलनी चाहिए। बसपा जिलाध्यक्ष सुभाष प्रधान व सप नेता विपिन मनोठिया ने कहा कि योगी सरकार हर मोर्चे पर विफल है, इस घटना के बाद प्रदेश सरकार के दावों की पोल खुल गई है।
उन्होंने प्रदेश सरकार से मृतक के परिजनों को 25-25 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की। साथ ही सही मुआवजा ना मिलने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी।
चंद्रशेखर सहारनपुर के लोगों का हाल जानने के लिए मेडिकल पहुंचे। उन्होंने मरीजों के परिजनों से भी मुलाकात की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। चंद्रशेखर ने योगी सरकार को चेतावनी दी कि यदि दो दिन में मुआवजा नहीं मिला तो भीम आर्मी सहारनपुर और हरिद्वार मंडल बंद रखेगी। भीम आर्मी के संस्थापक के अलावा सभी विपक्षी दलों के नेता मेडिकल कालेज पहुंचे। उन्होंने मरीजों का हाल जाना।
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष इमरान मसूद ने कहा कि ये बहुत शर्मनाक है कि इस तरह की घटना के बावजूद सरकार का कोई प्रतिनिधि मरीजों का हाल तक जानने नहीं पहुंचा। उन्होंने कहा कि दो लाख रुपये की मुआवजा राशि बहुत कम है, इन परिवारों को 50 लाख रुपये का मुआवजा मिलना चाहिए। यूपी कांग्रेस कमेटी के महासचिव व मेरठ प्रभारी मुकेश चौधरी भी मेडिकल कालेज में भर्ती मरीजों को देखने पहुंचे।
उन्होंने कहा कि यह घटना योगी सरकार की बड़ी विफलता है। मृतकों के परिजनों को दस लाख रुपये आर्थिक सहायता राशि मिलनी चाहिए। बसपा जिलाध्यक्ष सुभाष प्रधान व सप नेता विपिन मनोठिया ने कहा कि योगी सरकार हर मोर्चे पर विफल है, इस घटना के बाद प्रदेश सरकार के दावों की पोल खुल गई है।