जेल से बोले भीम आर्मी चीफ- चाहे सरकार हमें फांसी पर चढ़ा दे, लेकिन झुकेंगे नहीं, लड़ेंगे

Written by sabrang india | Published on: September 19, 2019
नई दिल्ली। दिल्ली के तुगलकाबाद स्थित 600 साल पुराने रविदास मंदिर को गिराए जाने के बाद आंदोलन के चलते भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद सहित 96 युवा जेल में बंद हैं। उनपर सरकारी व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने सहित उपद्रव करने के आरोप हैं। ऐसे में चंद्रशेखर आजाद ने जेल में बंद सभी युवाओँ की तरफ से समाज के नाम पत्र लिखा है। 



इस पत्र में चंद्रशेखर ने मंदिर ढहाए जाने के दिन (10 अगस्त) से 21 अगस्त के आंदोलन की घटना का ब्यौरा देते हुए पुलिस प्रशासन पर सरकार की शह पर साजिश रचने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि 10 अगस्त की घटना के बाद हमने 21 अगस्त को शांतिपूर्वक आंदोलन बुलाया था। लेकिन शाम होते-होते पुलिस ने हमें गिरफ्तार कर लिया। 

चंद्रशेखर ने पत्र में लिखा है कि सरकार हमारा इतिहास मिटाना चाहती है लेकिन हम हरगिज ऐसा नहीं होने देंग। हम सभी 21 अगस्त से जेल में बंद हैं ऐसा कर सरकार चाहती है कि हम झुक जाएंगे लेकिन हम ऐसे कुष्चक्रों से लड़ेंगे और जीतेंगे। हमें संविधान ने जो हक दिए हैं, हम उन्हें हासिल करके ही रहेंगे। 

चंद्रशेखर ने कहा कि 2 अप्रैल को याद कीजिए जिसमें हमारे 13 नौजवान शहीद हुए और हजारों जेल गए। उस आंदोलन को भी बदनाम करने के लिए हिंसा कराई गई थी। इस बार भी कुछ ऐसा ही किया गया है। सरकार का मकसद हमारे आंदोलन को कमजोर करना है। हमारे साथियों और भाइयों पर मुकदमे दर्ज कराए जा रहे हैं। 

चंद्रशेखर ने आगे लिखा है कि मैं सरकार के कहना चाहता हूं कि सरकार हम पर म सबको फांसीसिर्फ मुकदमे दर्ज न करे, बल्कि ह पर चढ़ा दे। सरकार को लगता है कि हम जेल से डरकर झुक जाएंगे लेकिन सरकार जान ले कि हम बाबा साहब, सत्गुरू रविदास, भगवान वाल्मीकि, गुरू नानक देव के वंशज हैं, हम डरेंगे नहीं बल्कि लड़ेंगे। 

सरकार का कोई भी अत्याचार, उत्पीड़न हमारे मनोबल को कमजोर नहीं कर सकता। आंदोलन जारी रहेगा, हम लहू के आखिरी कतरे तक, आखिरी सांस तक जेल में बंद रहने के लिए तैयार हैं। ये सरकार हमारे शरीर को जेल में बंद कर सकती है, विचारों को नहीं। जब तक बाबा साहब का संविधान है, हम आजाद हैं। कोई भी हमारे अधिकारों को छीन नहीं सकता और ना ही हमारा इतिहास मिटा सकता है।


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