बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार(19 अप्रैल) को बड़ा फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती समेत 13 अन्य नेताओं पर आपराधिक साजिश का केस चलेगा।
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस मामले से जुड़े दो मुकदमे एक साथ चलाने के निर्देश दिए हैं। इनमें से एक मामला लखनऊ में है, दूसरा रायबरेली में। कोर्ट ने कहा है कि दोनों मामलों की साझा सुनवाई रोजाना लखनऊ की कोर्ट में हो। साथ ही कोर्ट ने दो साल के भीतर दोनों मामले निपटाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि फैसला आने तक जज का ट्रांसफर नहीं होना चाहिए।
हालांकि, इस मामले में राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह को संविधान मे मिली छूट का लाभ मिलेगा। जब तक वह पद पर है तब तक उन पर आपराधिक साजिश का केस नहीं चलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कल्याण सिंह के पद से हटते ही उन पर आरोप तय होंगे।
कोर्ट ने अपना आदेश पढ़ते हुए कहा कि वह सीबीआई की अपील को स्वीकार कर रहे हैं। सीबीआई ने कोर्ट से मांग की थी कि बीजेपी नेताओं समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश का मामला जोड़ा जाए। कोर्ट ने कहा है कि मामले की रोजाना सुनवाई हो और पूरी प्रक्रिया दो साल में पूरा कर लिया जाए।
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और उमा भारती समेत 13 नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश का ट्रायल चलना चाहिए। सीबीआई ने कहा था कि रायबरेली के कोर्ट में चल रहे मामले का भी लखनऊ की स्पेशल कोर्ट के साथ ज्वाइंट ट्रायल होना चाहिए। साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट के साजिश की धारा को हटाने के फैसले को रद्द किया जाए।
Courtesy: Janta Ka Reporter
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस मामले से जुड़े दो मुकदमे एक साथ चलाने के निर्देश दिए हैं। इनमें से एक मामला लखनऊ में है, दूसरा रायबरेली में। कोर्ट ने कहा है कि दोनों मामलों की साझा सुनवाई रोजाना लखनऊ की कोर्ट में हो। साथ ही कोर्ट ने दो साल के भीतर दोनों मामले निपटाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि फैसला आने तक जज का ट्रांसफर नहीं होना चाहिए।
कोर्ट ने अपना आदेश पढ़ते हुए कहा कि वह सीबीआई की अपील को स्वीकार कर रहे हैं। सीबीआई ने कोर्ट से मांग की थी कि बीजेपी नेताओं समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश का मामला जोड़ा जाए। कोर्ट ने कहा है कि मामले की रोजाना सुनवाई हो और पूरी प्रक्रिया दो साल में पूरा कर लिया जाए।
सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और उमा भारती समेत 13 नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश का ट्रायल चलना चाहिए। सीबीआई ने कहा था कि रायबरेली के कोर्ट में चल रहे मामले का भी लखनऊ की स्पेशल कोर्ट के साथ ज्वाइंट ट्रायल होना चाहिए। साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट के साजिश की धारा को हटाने के फैसले को रद्द किया जाए।
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