ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने फ्रंट पेज काला छापकर दिखाया सरकार को आईना

Written by sabrang india | Published on: October 22, 2019
नई दिल्लीः ऑस्ट्रेलिया के सभी अखबारों ने प्रेस प्रतिबंधों के विरोध में सोमवार को अपने फ्रंट पेज को काला छापकर एकता का प्रदर्शन किया। यह विरोध राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों और प्रेस की आजादी के हनन के खिलाफ किया गया। ऑस्ट्रेलिया की मीडिया ने लचर मीडिया हाउसों को भी आईना दिखाया है जिनमें सत्ता की भक्ति कूट-कूटकर भरी नजर आती है। 



द ऑस्ट्रेलियन, द सिडनी मॉर्निंग और ऑस्ट्रेलियन फाइनेंशियल रिव्यू सहित राष्ट्रीय और क्षेत्रीय अखबारों ने अपने फ्रंट पेज को काला छापकर प्रेस की आजादी को बरकरार रखने के लिए सरकार को आईना दिखाने की कोशिश की। इस संबंध में देशभर के टेलीविजन नेटवर्कों पर एक विज्ञापन प्रसारित किया गया, जिसमें दर्शकों से इस सवाल पर विचार करने को कहा जा रहा है, ‘जब सरकार आपसे सच दूर रखती हो, वे क्या कवर करेंगे?’

बता दें कि इसी साल जून में ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (एबीसी) के मुख्यालय और न्यूज कॉर्प के एक पत्रकार के घर पर छापेमारी के बाद ऑस्ट्रेलिया के ‘राइट टू नो कोएलिशन’ अभियान के तहत अखबारों ने यह कदम उठाया है। ये छापेमारी प्रकाशित किए गए दो लेखों के बाद की गई, जिनसे सरकार की काफी किरकिरी हुई थी। इस संबंध में प्रेस की छह मांगें हैं, जिनमें से एक पत्रकारों को सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों से छूट देना है क्योंकि उनका यह कहना है कि यह सख्त कानून उन्हें लोगों तक जानकारियां ला पाने से रोक रहा है।

द गार्डियन की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑस्ट्रेलियाई संसद ने पिछले 20 वर्षों में गोपनीयता और जासूसी से संबंधित 60 से अधिक कानून पारित किए हैं। पिछले दो वर्षों में  22 कानून पारित किए गए हैं। अखबारों के विरोध पर सरकार का कहना है कि वे प्रेस की स्वतंत्रता का समर्थन करते हैं लेकिन कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।

गौरतलब है कि रविवार को ही ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने कहा कि छापेमारी के बाद तीन पत्रकारों पर मुकदमा चल सकता है। इसी के मद्देनजर मीडिया संस्थानों ने विरोध जताया है। प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि प्रेस स्वतंत्रता ऑस्ट्रेलिया के लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन कानून को बरकरार रखने की जरूरत है।

 

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