नई दिल्ली। असम में सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर एक लड़की के उत्पीड़न संबंधी पोस्ट करने और उस पर राज्य सरकार के एक मंत्री द्वारा विवादित बयान देने के बाद गुवाहाटी समेत राज्य भर में हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरकर बीजेपी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
दरअसल, पिछले सप्ताह एक लड़की ने उत्पीड़न से जुड़ा एक फेसबुक पोस्ट किया था, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। लड़की ने अपने पोस्ट में कथित तौर पर आरोप लगाया था कि जोरहाट शहर में कुछ मोटरसाइकिल सवार युवक उसके साथ हमेशा छेड़खानी करते हैं और उसके खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग करते हैं।
पीड़िता द्वारा किए गए इस पोस्ट के बाद संसदीय कार्य मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने लड़की को एसएफआई कार्यकर्ता बताते हुए कहा कि उसको फेसबुक पोस्ट लिखने के बजाय शिकायत दर्ज करानी चाहिए। लड़की द्वारा की गई इस पोस्ट के बाद मंत्री के बयान ने आग में घी डालने का काम किया।
नाराज लोगों द्वारा सरकार के खिलाफ जनसभाएं, रैली और कई हस्ताक्षर अभियान चलाए गए। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में छात्रों, महिला संगठनों और अन्य लोगों ने मंत्री के बयान पर आश्चर्य, चिंता और नाराजगी जाहिर की और पटवारी के इस्तीफे की मांग की। गुवाहाटी, जोरहाट, गोलाघाट और सोनितपुर जिलों समेत राज्य भर में विरोध प्रदर्शन देखने को मिले।
इस मामले पर असम के पुलिस महानिदेशक मुकेश सहाय ने कहा कि लड़की ने अभी तक कोई शिकायत नहीं दर्ज कराई है, लेकिन पुलिस ने इस पर स्वत: संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। बता दें कि विधायकों ने 13 फरवरी को यह मुद्दा विधानसभा में भी उठाया था और इस पर चर्चा हुई।
मंत्री द्वारा इस गैर-जिम्मेदार बयान के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर भी सरकार के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकाली।
दरअसल, पिछले सप्ताह एक लड़की ने उत्पीड़न से जुड़ा एक फेसबुक पोस्ट किया था, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। लड़की ने अपने पोस्ट में कथित तौर पर आरोप लगाया था कि जोरहाट शहर में कुछ मोटरसाइकिल सवार युवक उसके साथ हमेशा छेड़खानी करते हैं और उसके खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग करते हैं।
पीड़िता द्वारा किए गए इस पोस्ट के बाद संसदीय कार्य मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने लड़की को एसएफआई कार्यकर्ता बताते हुए कहा कि उसको फेसबुक पोस्ट लिखने के बजाय शिकायत दर्ज करानी चाहिए। लड़की द्वारा की गई इस पोस्ट के बाद मंत्री के बयान ने आग में घी डालने का काम किया।
नाराज लोगों द्वारा सरकार के खिलाफ जनसभाएं, रैली और कई हस्ताक्षर अभियान चलाए गए। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में छात्रों, महिला संगठनों और अन्य लोगों ने मंत्री के बयान पर आश्चर्य, चिंता और नाराजगी जाहिर की और पटवारी के इस्तीफे की मांग की। गुवाहाटी, जोरहाट, गोलाघाट और सोनितपुर जिलों समेत राज्य भर में विरोध प्रदर्शन देखने को मिले।
इस मामले पर असम के पुलिस महानिदेशक मुकेश सहाय ने कहा कि लड़की ने अभी तक कोई शिकायत नहीं दर्ज कराई है, लेकिन पुलिस ने इस पर स्वत: संज्ञान लेते हुए प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। बता दें कि विधायकों ने 13 फरवरी को यह मुद्दा विधानसभा में भी उठाया था और इस पर चर्चा हुई।
मंत्री द्वारा इस गैर-जिम्मेदार बयान के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर भी सरकार के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकाली।