नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 को लेकर सिर्फ पूर्वोत्तर में ही नहीं बल्कि देशभर के कई राज्यों में गुरुवार को बंद बुलाया गया। इस दौरान यूपी, कर्नाटक सहित भाजपा शासित राज्यों के अलावा दिल्ली, पश्चिम बंगाल (जहां चुनाव होने हैं) जैसे कई राज्यों में हिंसा हुई। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश आदि गैर भाजपा शासित राज्यों में शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुआ। .
इस दौरान यूपी के लखनऊ के अलावा मऊ शहर में सीएए के विरोध में जुलूस निकाल रहे प्रदर्शनकारियों को रोकने पर पथराव शुरू हो गया। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने जमकर लाठी चार्ज किया। शहर के सदर चौक पर बवाल के बाद सभी दुकानें बंद कर दी गईं। आने वाले सभी रास्तों को पुलिस ने सील कर दिया। सुरक्षा को लेकर चप्पे चप्पे पर आरएएफ समेत अन्य जवानों की तैनाती कर दी गयी है।
जनपद में धारा 144 लागू होने के बावजूद भी शहर में हजारों की संख्या में युवा नागरिक व अन्य लोग हाथों में सीएए का विरोध लिखी तख्ती लेकर सड़क पर निकल आए। मौके पर हालात बिगड़ने की सम्भावना व निषेधाज्ञा लागू होने को लेकर जुलूस प्रदर्शन को लेकर पुलिस ने सदर चौक पर प्रदर्शनकारियों को रोका। इससे मौके पर पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच नोकझोक शुरू हो गयी। देखते ही देखते प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसा भड़क उठी। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया।
इस प्रदर्शन को रोकने के लिए मऊ शहर में 300 पुलिसकर्मी, 25 दरोगा और आठ थाना प्रभारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। प्रदर्शन रोकने के लिए राज्य में धारा 144 लागू कर दी गई थी इसके बावजूद हजारों लोग कानून के विरोध में सड़कों पर उतर पड़े। इस बीच शहर में करीब चार दिन से इंटरनेट बंद कर दिया गया था जिसके चलते लोगों को काफी परेशानी हुई।
वाराणसी में भी प्रदर्शनकारियों पर कार्यवाई
वहीं पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी सीएए-एनआरसी का व्यापक विरोध हुआ। पुलिस द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, वाराणसी में शान्ति/कानून व्यवस्था बिगाड़ने एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण को प्रभावित करने वाले 56 नामजद व्यक्तियों व 25-30 अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध तथा मु0अ0सं0 297/19 धारा 147/148/149/188/332/353/341/153ए भादवि व 7 सीएलए एक्ट बनाम 150-200 व्यक्ति नाम पता अज्ञात पंजीकृत किया गया। पुलिस का कहना है, चुंकि जनपद वाराणसी में धारा 144 लागू है, इस सम्बन्ध में सभी को पूर्व से नोटिस के माध्यम से एवं अन्य सोशल मीडिया के स्त्रोतों से अवगत कराया गया था इसके उपरान्त भी योजनाबद्ध तरीके से भीड़ को एकत्रित कर विरोध प्रदर्शन एवं जुलूस निकालने का प्रयास एवं कानून व्यवस्था को प्रभावित किया गया। ऐसे व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।
इस दौरान यूपी के लखनऊ के अलावा मऊ शहर में सीएए के विरोध में जुलूस निकाल रहे प्रदर्शनकारियों को रोकने पर पथराव शुरू हो गया। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने जमकर लाठी चार्ज किया। शहर के सदर चौक पर बवाल के बाद सभी दुकानें बंद कर दी गईं। आने वाले सभी रास्तों को पुलिस ने सील कर दिया। सुरक्षा को लेकर चप्पे चप्पे पर आरएएफ समेत अन्य जवानों की तैनाती कर दी गयी है।
जनपद में धारा 144 लागू होने के बावजूद भी शहर में हजारों की संख्या में युवा नागरिक व अन्य लोग हाथों में सीएए का विरोध लिखी तख्ती लेकर सड़क पर निकल आए। मौके पर हालात बिगड़ने की सम्भावना व निषेधाज्ञा लागू होने को लेकर जुलूस प्रदर्शन को लेकर पुलिस ने सदर चौक पर प्रदर्शनकारियों को रोका। इससे मौके पर पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच नोकझोक शुरू हो गयी। देखते ही देखते प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसा भड़क उठी। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया।
इस प्रदर्शन को रोकने के लिए मऊ शहर में 300 पुलिसकर्मी, 25 दरोगा और आठ थाना प्रभारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। प्रदर्शन रोकने के लिए राज्य में धारा 144 लागू कर दी गई थी इसके बावजूद हजारों लोग कानून के विरोध में सड़कों पर उतर पड़े। इस बीच शहर में करीब चार दिन से इंटरनेट बंद कर दिया गया था जिसके चलते लोगों को काफी परेशानी हुई।
वाराणसी में भी प्रदर्शनकारियों पर कार्यवाई
वहीं पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी सीएए-एनआरसी का व्यापक विरोध हुआ। पुलिस द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, वाराणसी में शान्ति/कानून व्यवस्था बिगाड़ने एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण को प्रभावित करने वाले 56 नामजद व्यक्तियों व 25-30 अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध तथा मु0अ0सं0 297/19 धारा 147/148/149/188/332/353/341/153ए भादवि व 7 सीएलए एक्ट बनाम 150-200 व्यक्ति नाम पता अज्ञात पंजीकृत किया गया। पुलिस का कहना है, चुंकि जनपद वाराणसी में धारा 144 लागू है, इस सम्बन्ध में सभी को पूर्व से नोटिस के माध्यम से एवं अन्य सोशल मीडिया के स्त्रोतों से अवगत कराया गया था इसके उपरान्त भी योजनाबद्ध तरीके से भीड़ को एकत्रित कर विरोध प्रदर्शन एवं जुलूस निकालने का प्रयास एवं कानून व्यवस्था को प्रभावित किया गया। ऐसे व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।