उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में मिड डे मील की खोल खोलने वाले पत्रकार पर केस दर्ज किया गया। इसके खिलाफ अब विपक्षी दल भी सरकार पर हमला बोल रहे हैं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि पत्रकार के खिलाफ केस दर्ज करा कर सरकार ने ये साबित कर दिया है कि अब पत्रकारों के सियासी एनकाउंटर का दौर शुरू हो गया है।
बता दें कि पत्रकार ने मिर्जापुर के एक सरकारी स्कूल में बच्चों को मिड डे मील में नमक-रोटी परोसे जाने की खबर को दिखाया था। इसके बाद पत्रका के खिलाफ ही केस दर्ज कर लिया गया है। पत्रकार पर स्कूल में वीडियो रिकॉर्डिंग कर राज्य की योगी सरकार की छवि खराब करने का आरोप है।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्विटर पर लिखा कि जिन्होंने मिर्जापुर में मिड डे मील में बच्चों का निवाला छीना, उन्होंने भ्रष्टाचार की पोल खोलने वाले पत्रकार के खिलाफ FIR दर्ज कराकर ये साबित कर दिया है कि अब पत्रकारों के सियासी एनकाउंटर का दौर शुरू हो गया है।’
अखिलेश यादव ने अपील करते हुए लिखा, ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए सबकों साथ आना चाहिए।’
समाजवादी पार्टी ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, ‘मिर्जापुर में बच्चों के निवाले छीनने वालों का काला सच उजागर करने वाले पत्रकार पवन जयसवाल पर मुकदमा स्वतंत्र और निडर पत्रकारिता पर प्रहार है। सत्ता का अहंकार भरा ये कदम भ्रष्टाचार के संकल्प को सिद्ध करता है। समाजवादी पार्टी की मांग है कि FIR को रद्द किया।’
बता दें कि पत्रकार ने मिर्जापुर के एक सरकारी स्कूल में बच्चों को मिड डे मील में नमक-रोटी परोसे जाने की खबर को दिखाया था। इसके बाद पत्रका के खिलाफ ही केस दर्ज कर लिया गया है। पत्रकार पर स्कूल में वीडियो रिकॉर्डिंग कर राज्य की योगी सरकार की छवि खराब करने का आरोप है।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्विटर पर लिखा कि जिन्होंने मिर्जापुर में मिड डे मील में बच्चों का निवाला छीना, उन्होंने भ्रष्टाचार की पोल खोलने वाले पत्रकार के खिलाफ FIR दर्ज कराकर ये साबित कर दिया है कि अब पत्रकारों के सियासी एनकाउंटर का दौर शुरू हो गया है।’
अखिलेश यादव ने अपील करते हुए लिखा, ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए सबकों साथ आना चाहिए।’
समाजवादी पार्टी ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, ‘मिर्जापुर में बच्चों के निवाले छीनने वालों का काला सच उजागर करने वाले पत्रकार पवन जयसवाल पर मुकदमा स्वतंत्र और निडर पत्रकारिता पर प्रहार है। सत्ता का अहंकार भरा ये कदम भ्रष्टाचार के संकल्प को सिद्ध करता है। समाजवादी पार्टी की मांग है कि FIR को रद्द किया।’