ईडी, आईटी और डर लोकतंत्र की नई परिभाषा, नाजुक हालत से गुजर रहा देशः अखिलेश यादव

Written by Sabrangindia Staff | Published on: August 26, 2019
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि ईडी, सीबीआई नए भारत का नया लोकतंत्र है। ईडी, आईटी और डर लोकतंत्र की नई परिभाषा है। देश नाजुक दौर से गुजर रहा है। किसानों की आत्महत्या की सूचनाएं मिल रही हैं। कानून व्यवस्था में सरकार पूरी तरह असफल है। लग रहा है प्रदेश, हत्या प्रदेश बन गया है। सपा कार्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने ये बातें कही।



सपा मुखिया ने कहा कि इन्वेस्टर्स समिट के नाम पर उद्योगपति बुलाए गए, लेकिन कोई निवेश जमीन पर नहीं दिख रहा है। 70 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा, ऐसा बताया गया था, लेकिन न प्रदेश में रोजगार है न देश में। अर्थव्यवस्था चरमराई है, जिससे रोजगार का संकट पैदा हो गया है। अर्थव्यस्था में बांग्लादेश की मुद्रा भारतीय मुद्रा से मजबूत हो गई है। सरकार की गलत नीतियों के कारण डॉलर लगातार मजबूत हो रहा है और रुपया कमजोर हो रहा है।

उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास कोई न कोई ऐसा मुद्दा रहता है, जो जनता का ध्यान भटका देता है। उन्होंने बढ़ते डीजल और पेट्रोल के बढ़ते दामों के लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सरकार ने चुनाव खत्म होते ही डीजल-पेट्रोल महंगा कर दिया। बिजली का बिल अभी आया नहीं है, जो पैसा आपको दिया, वही वापस ले लिया।

उन्होंने कानून व्यवस्था पर कहा कि ये यूपी की कानून व्यवस्था है कि जमानत पर छूटे अपराधियों का स्वागत किया जा रहा है। मुख्यमंत्री खुद मुकदमे वापस ले रहे हैं। उन्होंने प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ओडीओपी पर भी सवालिया निशान खड़े किए। उन्होंने कहा कि देश में मंदी का आलम यह है कि रीयल एस्टेट, आटोमोबाइल की हालत खस्ता है, लोग बेरोजगार हो रहे हैं। मैंने सुना है गोरखपुर में दो या तीन मॉल बंद हो गए।

यूपी में कैबिनेट विस्तार पर उन्होंने कहा कि मंत्रियों के इस्तीफे और विभाग बदलना भ्रस्टाचार बता रहा है। मुख्यमंत्री ने खुद स्वीकार कर लिया है कि भ्रष्टाचार था है और रहेगा।

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