जेएनयू छात्रसंघ चुनाव के परिणाम सामने आने के बाद एबीवीपी के कार्यकर्ताओं की ओर से कैंपस में हिंसा की ताजा खबरें सामने आ रही हैं।
![](/sites/default/files/jnu.png?614)
जेएनयू की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष गीता कुमारी के मुताबिक, एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने पवन कौशिक और जेएनयू के छात्र आशुतोष अभिनय को बुरी तरह पीटा। जब एक छात्रा ज्योति ने इस घटना का वीडियो बनाने की कोशिश की तो उसे भी रोक दिया गया।
जेएनयू छात्रसंघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष एन. साई बालाजी ने कहा, आज एबीवीपी के छात्रों ने छात्रों पर अचानक हमला किया। मुझे सतलज में बुलाया गया था। जेएनयू छात्र संघ के निर्वाचित अध्यक्ष के रुप में मैं यह पवन मीणा की सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर पहुंचा था जिसपर एबीवीपी के छात्रों ने लाठी डंडों से हमला कर रहे थे। वहां पहुंचने पर मैने देखा हाथापाई चल रही थी। सौरभ शर्मा की अगुवाई वाली भीड़ हर उस छात्र के खून के प्यासे थे जिसे वो पवन मीना का मित्र समझ रहे थे। और इस तरह से वो छात्रों पर लाठियों से हमला कर रहे थे। उन लोगों ने खुलेआम मुझे, गीता और वहां मौजूद दूसरे छात्रों को धमकी दी कि अगर हममें से कोई भी हिंसा रोकने की कोशिश करेगा तो उसे उसके नतीजे भुगतने पड़ेंगे।
उसके बाद समूह मॉब में तब्दील हो गया और उसने जेएनयू के एक पूर्व छात्र अभिनय की पिटाई शुरू कर दी। उन्होंने उसका पीछा कर लॉन उसकी बिल्कुल लिंचिंग कर दी। मैं दूसरे छात्रों के साथ अभिनय को बचाने के लिए दौड़ा जो उस पिटाई के बाद बिल्कुल अचेत हो गया था। मैंने एंबुलेंस बुलवाकर उसे मेडिकल सहायता के लिए भेज दिया।
उसके बाद जो हुआ वो बेहद भयानक था। मुझे फिर मॉब द्वारा धमकी दी गयी और मेरी सुक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ छात्रों ने मुझे पीसीआर गाड़ी में बैठ जाने के लिए कहा। हालांकि आशुतोष मिश्रा और सौरभ शर्मा ने पीसीआर गाड़ी को रोक दिया और हमारे बगल में एक एबीवीपी के छात्र को बैठा दिया। ये दोनों छात्र लगातार पीसीआर रोकने और मुझे धमकाने की कोशिश कर रहे थे।
आश्चर्यजनक रूप से सौरभ शर्मा ने पीसीआर को झेलम और सतलज के बीच में रोक दिया और पीसीआर के भीतर बैठे एबीवीपी छात्रों ने पीसीआर वैन के दरवाजे को खोल दिया। दरवाजा खुलने पर और ज्यादा धमकियां देने के साथ पीसीआर के भीतर मुझ पर शारीरिक रूप से हमला किया गया। हमला करने वालों में वैन के बाहर मौजूद एबीवीपी के छात्र शामिल थे।
मैं अवाक रह गया और अपनी सुरक्षा को लेकर डरा हुआ था। मैंने पीसीआर से खुद को वसंत कुंज पुलिस स्टेशन ले चलने के लिए कहा। मेरा स्वास्थ्य खराब हो रहा था और मैं दवा लेने के लिए वापस अपने छात्रावास आ गया। अब मैं शिकायत दर्ज करने के लिए पुलिस स्टेशन जा रहा हूं। मैं जेएनयू के छात्रों से सतलज के सामने इकट्ठा होने की अपील करता हूं। हम कुछ ही देर में वहां से जाएंगे।
![](/sites/default/files/jnu.png?614)
जेएनयू की पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष गीता कुमारी के मुताबिक, एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने पवन कौशिक और जेएनयू के छात्र आशुतोष अभिनय को बुरी तरह पीटा। जब एक छात्रा ज्योति ने इस घटना का वीडियो बनाने की कोशिश की तो उसे भी रोक दिया गया।
जेएनयू छात्रसंघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष एन. साई बालाजी ने कहा, आज एबीवीपी के छात्रों ने छात्रों पर अचानक हमला किया। मुझे सतलज में बुलाया गया था। जेएनयू छात्र संघ के निर्वाचित अध्यक्ष के रुप में मैं यह पवन मीणा की सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर पहुंचा था जिसपर एबीवीपी के छात्रों ने लाठी डंडों से हमला कर रहे थे। वहां पहुंचने पर मैने देखा हाथापाई चल रही थी। सौरभ शर्मा की अगुवाई वाली भीड़ हर उस छात्र के खून के प्यासे थे जिसे वो पवन मीना का मित्र समझ रहे थे। और इस तरह से वो छात्रों पर लाठियों से हमला कर रहे थे। उन लोगों ने खुलेआम मुझे, गीता और वहां मौजूद दूसरे छात्रों को धमकी दी कि अगर हममें से कोई भी हिंसा रोकने की कोशिश करेगा तो उसे उसके नतीजे भुगतने पड़ेंगे।
उसके बाद समूह मॉब में तब्दील हो गया और उसने जेएनयू के एक पूर्व छात्र अभिनय की पिटाई शुरू कर दी। उन्होंने उसका पीछा कर लॉन उसकी बिल्कुल लिंचिंग कर दी। मैं दूसरे छात्रों के साथ अभिनय को बचाने के लिए दौड़ा जो उस पिटाई के बाद बिल्कुल अचेत हो गया था। मैंने एंबुलेंस बुलवाकर उसे मेडिकल सहायता के लिए भेज दिया।
उसके बाद जो हुआ वो बेहद भयानक था। मुझे फिर मॉब द्वारा धमकी दी गयी और मेरी सुक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ छात्रों ने मुझे पीसीआर गाड़ी में बैठ जाने के लिए कहा। हालांकि आशुतोष मिश्रा और सौरभ शर्मा ने पीसीआर गाड़ी को रोक दिया और हमारे बगल में एक एबीवीपी के छात्र को बैठा दिया। ये दोनों छात्र लगातार पीसीआर रोकने और मुझे धमकाने की कोशिश कर रहे थे।
आश्चर्यजनक रूप से सौरभ शर्मा ने पीसीआर को झेलम और सतलज के बीच में रोक दिया और पीसीआर के भीतर बैठे एबीवीपी छात्रों ने पीसीआर वैन के दरवाजे को खोल दिया। दरवाजा खुलने पर और ज्यादा धमकियां देने के साथ पीसीआर के भीतर मुझ पर शारीरिक रूप से हमला किया गया। हमला करने वालों में वैन के बाहर मौजूद एबीवीपी के छात्र शामिल थे।
मैं अवाक रह गया और अपनी सुरक्षा को लेकर डरा हुआ था। मैंने पीसीआर से खुद को वसंत कुंज पुलिस स्टेशन ले चलने के लिए कहा। मेरा स्वास्थ्य खराब हो रहा था और मैं दवा लेने के लिए वापस अपने छात्रावास आ गया। अब मैं शिकायत दर्ज करने के लिए पुलिस स्टेशन जा रहा हूं। मैं जेएनयू के छात्रों से सतलज के सामने इकट्ठा होने की अपील करता हूं। हम कुछ ही देर में वहां से जाएंगे।