उत्तर प्रदेश : सरकार ने वीर अब्दुल हमीद स्कूल का नाम बदलकर पीएम श्री किया, लोगों में गुस्सा

Written by sabrang india | Published on: February 17, 2025
1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में हामिद शहीद हो गए थे और उनकी बहादुरी के लिए उन्हें मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था।


साभार : सोशल मीडिया एक्स

उत्तर प्रदेश सरकार ने गाजीपुर के वीर अब्दुल हमीद विद्यालय का नाम बदलकर प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया कम्पोजिट स्कूल धामूपुर कर दिया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राज्य शिक्षा विभाग के आदेश के बाद हामिद के परिवार और उनके पैतृक गांव धामूपुर के लोगों में नाराजगी है। इन लोगों ने बेसिक शिक्षा अधिकारी के पास शिकायत दर्ज कराई है।

दैनिक जागरण ने रिपोर्ट में लिखा, परमवीर चक्र विजेता ने इसी प्राइमरी विद्यालय से पढ़ाई की थी। आज भी रजिस्टर में उनका नाम अंकित है। स्कूल का नाम बदले जाने से बलिदानी के स्वजन स्तब्ध हैं और उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारी से आपत्ति जताई है।

1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तानी सेना के पैटन टैंकों से लड़ते हुए हामिद शहीद हो गए थे।

उनके पोते जमील आलम ने दावा किया कि नाम बदलने के बारे में स्थानीय समुदाय से सलाह नहीं ली गई। उन्होंने कहा कि यह कदम हामिद की विरासत का अपमान है।

हालांकि, बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव ने अमर उजाला को बताया कि स्कूल के प्रिंसिपल ने उन्हें बताया है कि शहीद वीर अब्दुल हामिद विद्यालय नाम का आधिकारिक रिकॉर्ड में कोई उल्लेख नहीं है। दूसरी ओर, अप्रैल 2019 से “कंपोजिट स्कूल धामूपुर” नाम से स्कूल चल रहा है।

राव ने कहा कि वह इस मामले की जांच करेंगे और हामिद को सम्मानित करना उनकी “सर्वोच्च प्राथमिकता” है।

प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया योजना, जिसे पीएम-श्री के नाम से जाना जाता है, 2022 में लगभग 14,500 स्कूलों को “मॉडल” स्कूलों में अपग्रेड करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। अपग्रेड करने की लागत केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा 60-40 के अनुपात में खर्च की जाएगी।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने कहा कि “देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुर अब्दुल हमीद के नाम पर स्थापित स्कूल का नाम बदलना देश के इतिहास के साथ खिलवाड़ है”।

एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, “वीर बलिदानी अब्दुल हमीद के नाम पर बने स्कूल का नाम बदला जाना इतिहास के साथ खिलवाड़ है। हाल ही में संपूर्णानंद स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स का नाम भी बदला गया था। आखिर इस सरकार को महापुरुषों से क्या दुश्मनी है?”

भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने भी इस फैसले की निंदा की और कहा कि "परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल के नाम पर स्थापित विद्यालय का नाम बदलना न केवल निंदनीय है, बल्कि एक महान योद्धा के सर्वोच्च बलिदान का अपमान भी है। यह कृत्य न सिर्फ शहीदों के सम्मान को ठेस पहुँचाता है, बल्कि हमारी राष्ट्रीय भावना और वीर सैनिकों के प्रति कृतज्ञता पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।"

उन्होंने आगे लिखा, “@UPGovt के शिक्षा विभाग को तुरंत इस गंभीर गलती के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए और विद्यालय का नाम पूर्ववत बहाल कर, शहीदों के सम्मान की रक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।"

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