पीड़ित का भाई जब मामले को सुलझाने के लिए स्कूल पहुंचा तो शिक्षक ने उस पर धारदार चाकू से हमला कर दिया। यह घटना उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में टिकुरहुवा क्षेत्र के सुबाहा थाने में हुई।
साभार : द ऑब्जर्वर पोस्ट
प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक अजय शर्मा ने 7 दिसंबर को होमवर्क न करने पर 5वीं क्लास की छात्रा की बेरहमी से पिटाई की। जब पीड़ित का भाई मामले को सुलझाने के लिए स्कूल पहुंचा तो शिक्षक ने उस पर धारदार चाकू से हमला कर दिया। यह घटना उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में टिकुरहुवा क्षेत्र के सुबाहा थाने में हुई।
द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, छात्रा के भाई ने भागकर खुद को बचाया बचाया। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
जब नाबालिग मुस्लिम छात्रा घर पहुंची तो उसके चेहरे पर चोट के निशान थे और इस घटना के बारे में परिजनों को बताया तो उसके माता-पिता भड़क गए। उसके भाई शकील ने अजय शर्मा से संपर्क किया और उनसे “विनम्रता से पेश आने” के लिए कहा। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन को बच्चों को थप्पड़ मारने की अनुमति नहीं है, भले ही वे गलती करें या कुछ निर्देशों का पालन करने से इनकार करें।
शकील ने कहा, “आप यहां शिक्षक हैं और आपको बिना किसी कारण के छात्रों पर हाथ नहीं उठाना चाहिए! आपको हमारे बच्चों को पीटने की अनुमति नहीं है, चाहे आप उन्हें पढ़ाएं या नहीं! आपको मुझसे संपर्क करना चाहिए!”
इस पर अजय ने उसे गाली-गलौज करते हुए धमकाया और उस पर सवाल उठाया।
अजय शर्मा ने कहा कि, “ऐसा मत सोचो कि मैं जवाब नहीं दे सकता!”
विवाद तब भड़क गया जब शिक्षक ने अपमानजनक शब्दों और गालियों का इस्तेमाल किया। शकील ग्रामीणों और कर्मचारियों के साथ इस घटना की आलोचना कर रहा था तभी अजय ने अपना चाकू निकाला और उस पर हमला कर दिया।
शकील ने भागकर खुद को बचाया, जबकि भीड़ बहस करती रही।
जब मामला बिगड़ गया तो कुछ ग्रामीणों ने हमलावर के प्रति खुले तौर पर पक्षपात करते हुए हस्तक्षेप किया और शकील पर “आपसी समझौता” करने को कहा।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रशासन ने उनसे एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा, लेकिन ग्रामीणों ने इससे इनकार कर दिया। वे कथित समझौते के जरिए मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे थे। अंत में, पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया।
फिलहाल, आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और मामले को जांच शुरू कर दी गई है। अभिभावक अब आगे की कार्यवाही का इंतजार कर रहे हैं और अपने बच्चों की सुरक्षा चाहते हैं।
स्कूल में पहले भी मुस्लिम छात्रों से हुए भेदभाव
ज्ञात हो कि इस घटना से पहले उत्तर प्रदेश में ही स्कूल में मुस्लिम बच्चे को साथियों से शिक्षक द्वारा पीटने के लिए कहने का मामला सामने आया था। पिछले साल एक वीडियो में छात्रों को मुस्लिम लड़के को थप्पड़ मारने को कहते हुए पाई गई शिक्षिका तृप्ता त्यागी ने गुरुवार को POCSO (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया और उन्हें जमानत दे दी गई।
ज्ञात हो कि 23 अगस्त, 2023 को सामने आए वीडियो में त्यागी मुजफ्फरनगर के खुब्बापुर गांव में नेहा पब्लिक स्कूल में अपने छात्रों से सांप्रदायिक टिप्पणी करते हुए लड़के को थप्पड़ मारने के लिए कहती दिखाई दे रही थीं। इस घटना से राजनीतिक और सामाजिक हलकों में व्यापक नराजगी हुई और लोगों ने निंदा की।
द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (POCSO) अलका भारती ने त्यागी को जमानत दे दी, जिसमें उन्हें 25,000 रुपये के दो जमानती पेश करने की जरूरत थी। मामले की अगली सुनवाई शनिवार को होगी।
त्यागी के वकील कपिल अहलावत ने पुष्टि की थी कि उन्होंने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया और नियमित जमानत के लिए आवेदन किया। इससे पहले 23 नवंबर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी और उन्हें दो सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था।
त्यागी पर कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं, जिसमें जानबूझकर चोट पहुंचाना, किसी व्यक्ति का अपमान करना और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से दुर्भावनापूर्ण कार्य करना शामिल है। उन पर किशोर न्याय अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।
इस घटना के बाद मुजफ्फरनगर शिक्षा विभाग ने मामले के संबंध में स्कूल को नोटिस जारी किया।
बता दें कि सांप्रदियक नफरत का यह कोई पहला मामला नहीं है। हाल ही में मध्य प्रदेश में एक वीडियो सामने आया जिसमें नाबालिग बच्चों की पिटाई करके उनसे जबरन जय श्री राम के नारे लगवाए गए।
तीन नाबालिग मुस्लिम बच्चों को अमृतसागर झील के पास कथित तौर पर “जय श्री राम” बोलने के लिए मजबूर किया गया और दो लोगों ने उनकी पिटाई की। एक महीने पहले हुई यह घटना तब सामने आई जब मारपीट का एक वीडियो ऑनलाइन सामने आया।
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साभार : द ऑब्जर्वर पोस्ट
प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक अजय शर्मा ने 7 दिसंबर को होमवर्क न करने पर 5वीं क्लास की छात्रा की बेरहमी से पिटाई की। जब पीड़ित का भाई मामले को सुलझाने के लिए स्कूल पहुंचा तो शिक्षक ने उस पर धारदार चाकू से हमला कर दिया। यह घटना उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में टिकुरहुवा क्षेत्र के सुबाहा थाने में हुई।
द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, छात्रा के भाई ने भागकर खुद को बचाया बचाया। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
जब नाबालिग मुस्लिम छात्रा घर पहुंची तो उसके चेहरे पर चोट के निशान थे और इस घटना के बारे में परिजनों को बताया तो उसके माता-पिता भड़क गए। उसके भाई शकील ने अजय शर्मा से संपर्क किया और उनसे “विनम्रता से पेश आने” के लिए कहा। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन को बच्चों को थप्पड़ मारने की अनुमति नहीं है, भले ही वे गलती करें या कुछ निर्देशों का पालन करने से इनकार करें।
शकील ने कहा, “आप यहां शिक्षक हैं और आपको बिना किसी कारण के छात्रों पर हाथ नहीं उठाना चाहिए! आपको हमारे बच्चों को पीटने की अनुमति नहीं है, चाहे आप उन्हें पढ़ाएं या नहीं! आपको मुझसे संपर्क करना चाहिए!”
इस पर अजय ने उसे गाली-गलौज करते हुए धमकाया और उस पर सवाल उठाया।
अजय शर्मा ने कहा कि, “ऐसा मत सोचो कि मैं जवाब नहीं दे सकता!”
विवाद तब भड़क गया जब शिक्षक ने अपमानजनक शब्दों और गालियों का इस्तेमाल किया। शकील ग्रामीणों और कर्मचारियों के साथ इस घटना की आलोचना कर रहा था तभी अजय ने अपना चाकू निकाला और उस पर हमला कर दिया।
शकील ने भागकर खुद को बचाया, जबकि भीड़ बहस करती रही।
जब मामला बिगड़ गया तो कुछ ग्रामीणों ने हमलावर के प्रति खुले तौर पर पक्षपात करते हुए हस्तक्षेप किया और शकील पर “आपसी समझौता” करने को कहा।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रशासन ने उनसे एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा, लेकिन ग्रामीणों ने इससे इनकार कर दिया। वे कथित समझौते के जरिए मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे थे। अंत में, पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया।
फिलहाल, आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और मामले को जांच शुरू कर दी गई है। अभिभावक अब आगे की कार्यवाही का इंतजार कर रहे हैं और अपने बच्चों की सुरक्षा चाहते हैं।
स्कूल में पहले भी मुस्लिम छात्रों से हुए भेदभाव
ज्ञात हो कि इस घटना से पहले उत्तर प्रदेश में ही स्कूल में मुस्लिम बच्चे को साथियों से शिक्षक द्वारा पीटने के लिए कहने का मामला सामने आया था। पिछले साल एक वीडियो में छात्रों को मुस्लिम लड़के को थप्पड़ मारने को कहते हुए पाई गई शिक्षिका तृप्ता त्यागी ने गुरुवार को POCSO (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया और उन्हें जमानत दे दी गई।
ज्ञात हो कि 23 अगस्त, 2023 को सामने आए वीडियो में त्यागी मुजफ्फरनगर के खुब्बापुर गांव में नेहा पब्लिक स्कूल में अपने छात्रों से सांप्रदायिक टिप्पणी करते हुए लड़के को थप्पड़ मारने के लिए कहती दिखाई दे रही थीं। इस घटना से राजनीतिक और सामाजिक हलकों में व्यापक नराजगी हुई और लोगों ने निंदा की।
द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (POCSO) अलका भारती ने त्यागी को जमानत दे दी, जिसमें उन्हें 25,000 रुपये के दो जमानती पेश करने की जरूरत थी। मामले की अगली सुनवाई शनिवार को होगी।
त्यागी के वकील कपिल अहलावत ने पुष्टि की थी कि उन्होंने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया और नियमित जमानत के लिए आवेदन किया। इससे पहले 23 नवंबर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी और उन्हें दो सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था।
त्यागी पर कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं, जिसमें जानबूझकर चोट पहुंचाना, किसी व्यक्ति का अपमान करना और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से दुर्भावनापूर्ण कार्य करना शामिल है। उन पर किशोर न्याय अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।
इस घटना के बाद मुजफ्फरनगर शिक्षा विभाग ने मामले के संबंध में स्कूल को नोटिस जारी किया।
बता दें कि सांप्रदियक नफरत का यह कोई पहला मामला नहीं है। हाल ही में मध्य प्रदेश में एक वीडियो सामने आया जिसमें नाबालिग बच्चों की पिटाई करके उनसे जबरन जय श्री राम के नारे लगवाए गए।
तीन नाबालिग मुस्लिम बच्चों को अमृतसागर झील के पास कथित तौर पर “जय श्री राम” बोलने के लिए मजबूर किया गया और दो लोगों ने उनकी पिटाई की। एक महीने पहले हुई यह घटना तब सामने आई जब मारपीट का एक वीडियो ऑनलाइन सामने आया।
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