23 अगस्त, 2023 को सामने आए वीडियो में त्यागी मुजफ्फरनगर के खुब्बापुर गांव में नेहा पब्लिक स्कूल में अपने छात्रों से सांप्रदायिक टिप्पणी करते हुए लड़के को थप्पड़ मारने के लिए कहती दिखाई दे रही थीं। इस घटना से राजनीतिक और सामाजिक हलकों में व्यापक नराजगी हुई और लोगों ने निंदा की।
साभार : द ऑब्जर्वर पोस्ट
पिछले साल एक वीडियो में छात्रों को मुस्लिम लड़के को थप्पड़ मारने को कहते हुए पाई गई शिक्षिका तृप्ता त्यागी ने गुरुवार को POCSO (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया और उन्हें जमानत दे दी गई।
23 अगस्त, 2023 को सामने आए वीडियो में त्यागी मुजफ्फरनगर के खुब्बापुर गांव में नेहा पब्लिक स्कूल में अपने छात्रों से सांप्रदायिक टिप्पणी करते हुए लड़के को थप्पड़ मारने के लिए कहती दिखाई दे रही थीं। इस घटना से राजनीतिक और सामाजिक हलकों में व्यापक नराजगी हुई और लोगों ने निंदा की।
द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (POCSO) अलका भारती ने त्यागी को जमानत दे दी, जिसमें उन्हें 25,000 रुपये के दो जमानती पेश करने की जरूरत थी। मामले की अगली सुनवाई शनिवार को होगी।
त्यागी के वकील कपिल अहलावत ने पुष्टि की कि उन्होंने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया है और नियमित जमानत के लिए आवेदन किया है। इससे पहले 23 नवंबर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी और उन्हें दो सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था।
त्यागी पर कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं, जिसमें जानबूझकर चोट पहुंचाना, किसी व्यक्ति का अपमान करना और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से दुर्भावनापूर्ण कार्य करना शामिल है। उन पर किशोर न्याय अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।
इस घटना के बाद मुजफ्फरनगर शिक्षा विभाग ने मामले के संबंध में स्कूल को नोटिस जारी किया।
ज्ञात हो कि सांप्रदियक नफरत का यह कोई पहला मामला नहीं है। हाल ही में मध्य प्रदेश में एक वीडियो सामने आया जिसमें नाबालिग बच्चों की पिटाई करके उनसे जबरन जय श्री राम के नारे लगवाए गए।
तीन नाबालिग मुस्लिम बच्चों को अमृतसागर झील के पास कथित तौर पर “जय श्री राम” बोलने के लिए मजबूर किया गया और दो लोगों ने उनकी पिटाई की। एक महीने पहले हुई यह घटना तब सामने आई जब मारपीट का एक वीडियो ऑनलाइन सामने आया।
हेट डिटेक्टर की रिपोर्ट के अनुसार, 13 वर्षीय मोहम्मद अली रजा द्वारा दर्ज कराई गई पुलिस शिकायत के अनुसार, बच्चे झील के किनारे झूले के पास बैठे थे तभी कैलाश और वीर नाम के दो लोग उनके पास आए। उनकी मुस्लिम पहचान जानने के बाद, कथित तौर पर उन लोगों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और चप्पलों से उनको पीटा।
बच्चों की पैरवी करने वाले वकील इमरान ए. खोकर ने कहा, “वीडियो में, यह स्पष्ट है कि घटना में तीन नाबालिग बच्चे शामिल थे। अमृत सागर पुराने बगीचे के पास बच्चे खेल रहे थे। उनके नजरिए से यह सिर्फ एक खेल था।”
साभार : द ऑब्जर्वर पोस्ट
पिछले साल एक वीडियो में छात्रों को मुस्लिम लड़के को थप्पड़ मारने को कहते हुए पाई गई शिक्षिका तृप्ता त्यागी ने गुरुवार को POCSO (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया और उन्हें जमानत दे दी गई।
23 अगस्त, 2023 को सामने आए वीडियो में त्यागी मुजफ्फरनगर के खुब्बापुर गांव में नेहा पब्लिक स्कूल में अपने छात्रों से सांप्रदायिक टिप्पणी करते हुए लड़के को थप्पड़ मारने के लिए कहती दिखाई दे रही थीं। इस घटना से राजनीतिक और सामाजिक हलकों में व्यापक नराजगी हुई और लोगों ने निंदा की।
द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (POCSO) अलका भारती ने त्यागी को जमानत दे दी, जिसमें उन्हें 25,000 रुपये के दो जमानती पेश करने की जरूरत थी। मामले की अगली सुनवाई शनिवार को होगी।
त्यागी के वकील कपिल अहलावत ने पुष्टि की कि उन्होंने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया है और नियमित जमानत के लिए आवेदन किया है। इससे पहले 23 नवंबर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी और उन्हें दो सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था।
त्यागी पर कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं, जिसमें जानबूझकर चोट पहुंचाना, किसी व्यक्ति का अपमान करना और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से दुर्भावनापूर्ण कार्य करना शामिल है। उन पर किशोर न्याय अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।
इस घटना के बाद मुजफ्फरनगर शिक्षा विभाग ने मामले के संबंध में स्कूल को नोटिस जारी किया।
ज्ञात हो कि सांप्रदियक नफरत का यह कोई पहला मामला नहीं है। हाल ही में मध्य प्रदेश में एक वीडियो सामने आया जिसमें नाबालिग बच्चों की पिटाई करके उनसे जबरन जय श्री राम के नारे लगवाए गए।
तीन नाबालिग मुस्लिम बच्चों को अमृतसागर झील के पास कथित तौर पर “जय श्री राम” बोलने के लिए मजबूर किया गया और दो लोगों ने उनकी पिटाई की। एक महीने पहले हुई यह घटना तब सामने आई जब मारपीट का एक वीडियो ऑनलाइन सामने आया।
हेट डिटेक्टर की रिपोर्ट के अनुसार, 13 वर्षीय मोहम्मद अली रजा द्वारा दर्ज कराई गई पुलिस शिकायत के अनुसार, बच्चे झील के किनारे झूले के पास बैठे थे तभी कैलाश और वीर नाम के दो लोग उनके पास आए। उनकी मुस्लिम पहचान जानने के बाद, कथित तौर पर उन लोगों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और चप्पलों से उनको पीटा।
बच्चों की पैरवी करने वाले वकील इमरान ए. खोकर ने कहा, “वीडियो में, यह स्पष्ट है कि घटना में तीन नाबालिग बच्चे शामिल थे। अमृत सागर पुराने बगीचे के पास बच्चे खेल रहे थे। उनके नजरिए से यह सिर्फ एक खेल था।”
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