मंदिर विवाद, वक्फ विधेयक और धर्मांतरण पर चर्चा में सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों ने वीएचपी की बैठक में हिस्सा लिया

Written by sabrang india | Published on: September 13, 2024
बैठक में जिन मुद्दों पर चर्चा की गई उनमें वाराणसी और मथुरा के मंदिरों पर कानूनी विवाद, वक्फ (संशोधन) विधेयक और धर्मांतरण शामिल थे।



रविवार को विश्व हिंदू परिषद के विधि प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित एक बैठक में सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न उच्च न्यायालयों के 30 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों ने हिस्सा लिया। बैठक में वाराणसी और मथुरा के मंदिरों पर कानूनी विवाद, वक्फ (संशोधन) विधेयक और धर्मांतरण जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई। इस बैठक में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी मौजूद थे।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बैठक में जिन मुद्दों पर चर्चा की गई उनमें वाराणसी और मथुरा के मंदिरों पर कानूनी विवाद, वक्फ (संशोधन) विधेयक और धर्मांतरण शामिल थे।

सोमवार देर शाम एक्स (X) पर किए गए एक पोस्ट में मेघवाल ने कहा, "आज मैंने विश्व हिंदू परिषद के विधि प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित न्यायाधीशों की बैठक में हिस्सा लिया और विकसित भारत के निर्माण के लिए न्यायिक सुधारों से संबंधित विषयों पर विस्तृत चर्चा की।"

उन्होंने एक्स (X) पर कार्यक्रम की तस्वीरें भी पोस्ट कीं और कहा, "इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार की गरिमामयी उपस्थिति में सेवानिवृत्त न्यायाधीश, अन्य न्यायविद, वरिष्ठ वकील और अन्य प्रतिष्ठित बुद्धिजीवी मौजूद थे।"

वीएचपी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, "हमने सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को आमंत्रित किया था। समाज के सामने सामूहिक मुद्दे जैसे वक्फ (संशोधन) विधेयक, मंदिरों को वापस सौंपना, सरकारी नियंत्रण वाले मंदिरों को समाज को सौंपना, और धर्मांतरण पर चर्चा की गई। इसका उद्देश्य न्यायाधीशों और वीएचपी के बीच विचारों का स्वतंत्र आदान-प्रदान करना था ताकि दोनों एक-दूसरे के बारे में बेहतर समझ विकसित कर सकें।"

सियासत की रिपोर्ट के अनुसार, यह वीएचपी के कानूनी प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित एक आंतरिक बैठक थी जिसमें वाराणसी और मथुरा के मंदिरों पर विवाद, वक्फ (संशोधन) विधेयक, गोहत्या और धर्मांतरण जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज आदर्श कुमार गोयल, जो 2018 में कोर्ट से रिटायर होने के बाद पिछले साल तक नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के चेयरपर्सन के रूप में कार्यरत रहे, और हेमंत गुप्ता, वीएचपी के इस कार्यक्रम में शामिल हुए। संपर्क करने पर जस्टिस गुप्ता ने कहा कि यह कार्यक्रम देश के मौजूदा मुद्दों पर चर्चा करने के लिए था और वह वक्ताओं में नहीं थे। उन्होंने कहा, "यह एक कानूनी संस्था है जो अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रही है और मुझे एक नागरिक के रूप में किसी भी समारोह में शामिल होने का अधिकार है जो कानून द्वारा निषिद्ध नहीं है।"

इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा कि संपर्क करने पर जस्टिस गोयल ने इस बात से इनकार नहीं किया कि उन्होंने कार्यक्रम में भाग लिया था। उनके सचिव ने कहा, "इसके लिए वीएचपी के कानूनी प्रकोष्ठ से संपर्क करें।"

रिपोर्ट के अनुसार, इस कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के 30 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों, विधि व न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, और वीएचपी अध्यक्ष आलोक कुमार ने भाग लिया। 2018 में सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत होने से पहले जस्टिस गुप्ता मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश और पटना हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं।

2022 में सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त होने के बाद जस्टिस गुप्ता को इंडिया इंटरनेशनल आर्बिट्रेशन सेंटर का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। सुप्रीम कोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई फैसले सुनाए, जिसमें 2022 में क्लास में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति देने वाले कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखना शामिल है।

Related
VHP, बजरंग दल के सांप्रदायिक पोस्टर के जवाब में वाराणसी के घाटों पर 'पैगाम-ए-मुहबत'

विहिप का "सभी" गांवों को कवर करते हुए 2,281 यात्राएं आयोजित करने का प्लान

बाकी ख़बरें