पंजाब बंद: किसानों ने एमएसपी के विरोध में सड़कें जाम कीं, ट्रेनें रोकी और कारोबार बंद किए

Written by sabrang india | Published on: December 30, 2024
संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा द्वारा बुलाए गए बंद के कारण किसानों ने प्रमुख सड़कों पर धरना दिया और यातायात बाधित किया। बंद की घोषणा एक सप्ताह पहले की गई थी और यह सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक किया जा रहा है।



अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी के लिए प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा बुलाए गए बंद के कारण आज पंजाब में जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। सड़कें और रेलमार्ग बुरी तरह प्रभावित हुए और राज्य भर में कई कारोबार बंद रहे।

द ऑब्जर्वर की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा द्वारा बुलाए गए बंद के कारण किसानों ने प्रमुख सड़कों पर धरना दिया और यातायात बाधित किया। बंद की घोषणा एक सप्ताह पहले की गई थी और यह सुबह 7 बजे से शाम 4 बजे तक किया जा रहा है।

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, "आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी। फ्लाइट पकड़ने, नौकरी के लिए इंटरव्यू देने या शादी में शामिल होने वाले व्यक्ति को यात्रा करने की अनुमति होगी। लेकिन आज पंजाब में सभी प्रतिष्ठान बंद हैं। हमारे किसानों ने एकता दिखाई है।"

कई इलाकों में ट्रेन सेवाएं पूरी तरह से बंद रहीं। कोई भी ट्रेन पंजाब में प्रवेश नहीं कर रही थी और अनाज मंडियां बंद थीं। मोहाली में सार्वजनिक परिवहन भी सड़कों से नदारद रहा, अधिकांश निजी बसों ने बंद का समर्थन करते हुए अपनी सेवाएं स्थगित कर दीं।

फगवाड़ा में किसानों ने एनएच-44 पर शुगरमिल क्रॉसिंग पर आवाजाही बाधित कर दिया, जिससे आस-पास के शहरों में यातायात प्रभावित हुआ। पंधेर ने कहा, "हमारे बंद को ट्रांसपोर्टरों, यूनियनों और धार्मिक समूहों का पूरा समर्थन मिला है।"

बंद का असर अंबाला के नजदीक भी देखने को मिला, जहां पंजाब में सड़क अवरोधों के कारण बसों को वैकल्पिक मार्ग अपनाने पड़े। अंबाला से जीरकपुर तक रोजाना यात्रा करने वाली संगीता ने कहा, "अंबाला से चंडीगढ़ जाने वाली सभी बसें खचाखच भरी थीं। मेरे जैसे यात्रियों के लिए यह बहुत मुश्किल रहा है।"

इस बीच, 70 वर्षीय किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की भूख हड़ताल 35वें दिन भी जारी है। इलाज से इनकार करने वाले दल्लेवाल एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी की मांग को लेकर सैकड़ों किसानों के साथ पंजाब-हरियाणा सीमा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। दल्लेवाल ने कहा, "जब तक सरकार हमारी बात नहीं सुनती, मैं अपना अनशन नहीं तोड़ूंगा।"

किसान फरवरी से ही विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जब सुरक्षा बलों ने दिल्ली जाने से उन्हें रोक दिया था। उनकी मांगों में एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी, कर्ज माफी, पेंशन, बिजली दरों में बढ़ोतरी पर रोक और 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय शामिल है।

पंजाब सरकार को दल्लेवाल को उनकी भूख हड़ताल खत्म करने के लिए मनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 31 दिसंबर तक का समय दिया है।

बाकी ख़बरें