उन्होंने किसानों की आत्महत्याओं पर चिंता जताते हुए कहा- सुसाइड पर अंकुश जरूरी है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि 4 लाख किसानों ने आत्महत्या की है, लेकिन असल में अब तक 7 लाख से ज्यादा किसान दम तोड़ चुके हैं। मेरी किसानों से अपील है कि बड़ी संख्या में आगे आएं, ताकि आंदोलन को बल मिल सके।"
साभार : एचटी सोशल मीडिया एक्स
"खनौरी बॉर्डर पर मंच से महापंचायत को संबोधित करते हुए किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि जीत उनकी ही होगी। वह 40 दिन से भूख हड़ताल पर हैं। कहा यह सब भगवान की इच्छानुसार हो रहा है। भगवान उन्हें इसके लिए शक्ति दे रहा है। उन्होंने किसानों की आत्महत्याओं पर चिंता जताते हुए कहा- सुसाइड पर अंकुश जरूरी है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि 4 लाख किसानों ने आत्महत्या की है, लेकिन असल में अब तक 7 लाख से ज्यादा किसान दम तोड़ चुके हैं। मेरी किसानों से अपील है कि बड़ी संख्या में आगे आएं, ताकि आंदोलन को बल मिल सके।"
खनौरी बॉर्डर महापंचायत में भारी संख्या में किसान जुटे। दैनिक भास्कर के अनुसार, दल्लेवाल स्ट्रेचर और एंबुलेंस की मदद से महापंचायत (मंच) तक पहुंचे और उन्होंने करीब 9 मिनट तक किसानों को संबोधित किया। इसके बाद उन्हें मंच से उतार लिया गया।
दल्लेवाल के संबोधन की 3 बड़ी बातें...
1.यह सब भगवान की मर्जी से हो रहा है किसान नेता डल्लेवाल ने राम राम कहकर संबोधन शुरू किया। उन्होंने कहा- जो मैं लड़ाई लड़ रहा हूं, यह लड़ाई मैं नहीं लड़ रहा। यह सिर्फ एक शरीर दिख रहा है लड़ाई लड़ते। यह ऊपर वाले की मर्जी है। जिसे भगवान चाहता है, उसे ही मनुष्य का शरीर देता है। उसी की मर्जी से हो रहा है, जो हो रहा है।
2.मोर्चा तो हम ही जीतेंगे पुलिस ने मुझे यहां से उठाने का प्रयास किया। जब लोगों को पता चला तो पंजाब-हरियाणा से सैकड़ों नौजवान हमारे पास पहुंचे और मोर्चा संभाला। आज जो लोग मोर्चे पर पहुंचे हैं, यह सिर्फ ऊपर वाले की कृपा है। सरकार जितना मर्जी जोर लगा ले, हम मोर्चा जीत कर ही रहेंगे।
3.किसानों की आत्महत्याओं पर अंकुश जरूरी किसानों की सुसाइड की घटनाओं पर अंकुश लगना जरूरी है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि करीब 4 लाख किसानों ने आत्महत्या की है, लेकिन असल आंकड़ों में अब तक 7 लाख से ज्यादा किसान दम तोड़ चुके हैं। मेरी किसानों से अपील है कि बड़ी संख्या में आगे आएं, जिससे आंदोलन को बल मिल सके।
खास है कि दल्लेवाल ने देशभर के किसानों से बातचीत के लिए 4 जनवरी को खनौरी बॉर्डर पर पहुंचने की अपील की थी। वह 26 नवंबर से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा के कई बड़े नेता पहुंचे और आंदोलन को लेकर मंथन किया। बैठक में किसान नेता राकेश टिकैत, जोगेंद्र सिंह उगराहा, हरियाणा से जोगिंदर नैन सहित कई किसान नेता शामिल हुए।
खनौरी बॉर्डर पर धरने से केंद्र को हो रहा फायदा : टिकैत
उधर, मीडिया से बातचीत में राकेश टिकैत ने कहा कि हरियाणा सरकार एमएसपी के नाम पर किसानों को बेवकूफ बना रही है। सरकार उन फसलों पर एमएसपी देने की बात कहती है, जिन फसलों की यहां पैदावार ही नहीं होती। खनौरी बॉर्डर पर जो किसानों का धरना चल रहा है, उससे केंद्र सरकार को फायदा हो रहा है। इससे पंजाब सरकार की छवि खराब हो रही है और सड़क जाम होने से सिख समाज के कुछ लोग इस धरने से नाराज हैं। इसलिए केंद्र सरकार चाहती है कि यह धरना लंबा चले। राकेश टिकैत ने कहा कि देश भर में किसान अलग-अलग तरीके से आंदोलन कर रहे हैं। देश में 700 के करीब किसान संगठन हैं। जब भी आंदोलन होगा, सभी किसान संगठन एक साथ नजर आएंगे और मिलकर आंदोलन करेंगे। यही नहीं इस बार दिल्ली को अंदर से घेरने की बजाय केएमपी को घेरा जाएगा। ताकि दिल्ली चारों ओर से जाम हो सके। फिलहाल आंदोलन का समय तय नहीं किया गया है।
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साभार : एचटी सोशल मीडिया एक्स
"खनौरी बॉर्डर पर मंच से महापंचायत को संबोधित करते हुए किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल ने कहा कि जीत उनकी ही होगी। वह 40 दिन से भूख हड़ताल पर हैं। कहा यह सब भगवान की इच्छानुसार हो रहा है। भगवान उन्हें इसके लिए शक्ति दे रहा है। उन्होंने किसानों की आत्महत्याओं पर चिंता जताते हुए कहा- सुसाइड पर अंकुश जरूरी है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि 4 लाख किसानों ने आत्महत्या की है, लेकिन असल में अब तक 7 लाख से ज्यादा किसान दम तोड़ चुके हैं। मेरी किसानों से अपील है कि बड़ी संख्या में आगे आएं, ताकि आंदोलन को बल मिल सके।"
खनौरी बॉर्डर महापंचायत में भारी संख्या में किसान जुटे। दैनिक भास्कर के अनुसार, दल्लेवाल स्ट्रेचर और एंबुलेंस की मदद से महापंचायत (मंच) तक पहुंचे और उन्होंने करीब 9 मिनट तक किसानों को संबोधित किया। इसके बाद उन्हें मंच से उतार लिया गया।
दल्लेवाल के संबोधन की 3 बड़ी बातें...
1.यह सब भगवान की मर्जी से हो रहा है किसान नेता डल्लेवाल ने राम राम कहकर संबोधन शुरू किया। उन्होंने कहा- जो मैं लड़ाई लड़ रहा हूं, यह लड़ाई मैं नहीं लड़ रहा। यह सिर्फ एक शरीर दिख रहा है लड़ाई लड़ते। यह ऊपर वाले की मर्जी है। जिसे भगवान चाहता है, उसे ही मनुष्य का शरीर देता है। उसी की मर्जी से हो रहा है, जो हो रहा है।
2.मोर्चा तो हम ही जीतेंगे पुलिस ने मुझे यहां से उठाने का प्रयास किया। जब लोगों को पता चला तो पंजाब-हरियाणा से सैकड़ों नौजवान हमारे पास पहुंचे और मोर्चा संभाला। आज जो लोग मोर्चे पर पहुंचे हैं, यह सिर्फ ऊपर वाले की कृपा है। सरकार जितना मर्जी जोर लगा ले, हम मोर्चा जीत कर ही रहेंगे।
3.किसानों की आत्महत्याओं पर अंकुश जरूरी किसानों की सुसाइड की घटनाओं पर अंकुश लगना जरूरी है। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि करीब 4 लाख किसानों ने आत्महत्या की है, लेकिन असल आंकड़ों में अब तक 7 लाख से ज्यादा किसान दम तोड़ चुके हैं। मेरी किसानों से अपील है कि बड़ी संख्या में आगे आएं, जिससे आंदोलन को बल मिल सके।
खास है कि दल्लेवाल ने देशभर के किसानों से बातचीत के लिए 4 जनवरी को खनौरी बॉर्डर पर पहुंचने की अपील की थी। वह 26 नवंबर से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा के कई बड़े नेता पहुंचे और आंदोलन को लेकर मंथन किया। बैठक में किसान नेता राकेश टिकैत, जोगेंद्र सिंह उगराहा, हरियाणा से जोगिंदर नैन सहित कई किसान नेता शामिल हुए।
खनौरी बॉर्डर पर धरने से केंद्र को हो रहा फायदा : टिकैत
उधर, मीडिया से बातचीत में राकेश टिकैत ने कहा कि हरियाणा सरकार एमएसपी के नाम पर किसानों को बेवकूफ बना रही है। सरकार उन फसलों पर एमएसपी देने की बात कहती है, जिन फसलों की यहां पैदावार ही नहीं होती। खनौरी बॉर्डर पर जो किसानों का धरना चल रहा है, उससे केंद्र सरकार को फायदा हो रहा है। इससे पंजाब सरकार की छवि खराब हो रही है और सड़क जाम होने से सिख समाज के कुछ लोग इस धरने से नाराज हैं। इसलिए केंद्र सरकार चाहती है कि यह धरना लंबा चले। राकेश टिकैत ने कहा कि देश भर में किसान अलग-अलग तरीके से आंदोलन कर रहे हैं। देश में 700 के करीब किसान संगठन हैं। जब भी आंदोलन होगा, सभी किसान संगठन एक साथ नजर आएंगे और मिलकर आंदोलन करेंगे। यही नहीं इस बार दिल्ली को अंदर से घेरने की बजाय केएमपी को घेरा जाएगा। ताकि दिल्ली चारों ओर से जाम हो सके। फिलहाल आंदोलन का समय तय नहीं किया गया है।
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