पश्चिम बंगाल में एक रेलवे स्टेशन के पास स्थित सार्वजनिक शौचालय की दीवार पर पाकिस्तानी झंडा लगाकर सांप्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिश करने के आरोप में ‘सनातनी एकता मंच’ से जुड़े दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने इस घटना की कड़ी निंदा की। पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर साजिश रचने का आरोप लगाया। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान चंदन मालाकार (30) और प्रोग्याजीत मंडल (45) के रूप में हुई है। उधर, पंजाब के लुधियाना में भी इसी तरह की एक घटना सामने आई है।

बोंगांव पुलिस ने उत्तर 24 परगना जिले के अकईपुर रेलवे स्टेशन के पास एक सार्वजनिक शौचालय की दीवार पर पाकिस्तानी झंडा लगाने के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। यह झंडा 20 अप्रैल की देर रात देखा गया था। यह इलाका गोपालनगर पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आता है।
पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने दीवार पर “हिंदुस्तान मुर्दाबाद” और “पाकिस्तान जिंदाबाद” जैसे भड़काऊ नारे लिखने की भी योजना बनाई थी।
1 मई को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर साझा की गई एक पोस्ट में बोंगांव पुलिस ने बताया कि यह कृत्य जानबूझकर सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के उद्देश्य से किया गया था और आरोपियों ने इस साजिश को स्वीकार भी किया है। पोस्ट में लिखा गया, “यह जानबूझकर सांप्रदायिक अशांति फैलाने के उद्देश्य से किया गया था।”

पुलिस ने कहा, “हम ऐसे अपराधियों को सज़ा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।”
सनातनी एकता मंच के सक्रिय सदस्य निकले आरोपी
दोनों आरोपियों के खिलाफ औपचारिक मामला दर्ज कर लिया गया है और वे पुलिस हिरासत में हैं। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि जांच के दौरान इस साजिश के संभावित संगठित पहलुओं और सांप्रदायिक नफरत फैलाने के इरादे की भी पड़ताल की जा रही है। पुलिस ने ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाते हुए कहा है कि सार्वजनिक व्यवस्था बिगाड़ने या धार्मिक भावनाओं का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
प्रारंभिक पूछताछ से पता चला है कि दोनों आरोपी ‘सनातनी एकता मंच’ के सक्रिय सदस्य हैं और एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल से भी कथित रूप से जुड़े हुए हैं। जांचकर्ता यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कहीं यह घटना एक बड़े समन्वित प्रयास का हिस्सा तो नहीं।
टीएमसी ने भाजपा और आरएसएस पर साजिश का आरोप लगाया
टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने इस घटना को दक्षिणपंथी ताक़तों द्वारा सांप्रदायिक दंगे भड़काने की सुनियोजित कोशिश बताया। उन्होंने कहा, “भाजपा और संघ परिवार इस तरह सांप्रदायिक दंगे भड़काने की साजिश कर रहे हैं। आतंकी हमले में मारे गए 26 निर्दोष भारतीयों की मौत का भाजपा और आरएसएस द्वारा इस तरह से इस्तेमाल शर्मनाक है।”

उन्होंने इस उकसावे को हाल की राष्ट्रीय त्रासदियों से जोड़ते हुए कहा कि इसका उद्देश्य जनता का ध्यान भटकाना और धार्मिक तनाव को भड़काना है। गोखले ने स्थानीय पुलिस की त्वरित और कड़ी कार्रवाई की सराहना की और कहा, “बंगाल इस तरह की साजिशों को कभी सफल नहीं होने देगा।”
टीएमसी सांसद सागरिका घोष ने भी भाजपा की आलोचना करते हुए उसे "भारतीय जुमला पार्टी" कहा। उन्होंने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया: “चंदन और प्रोग्याजीत ने पाकिस्तान का झंडा लगाया और पूछताछ में कबूल किया कि उनका उद्देश्य बंगाल में दंगे भड़काना था। भगवा गुंडे बंगाल में सफल नहीं होंगे।”

घोष ने राज्य में शांति बनाए रखने के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस की सतर्कता की प्रशंसा की और धर्मनिरपेक्षता को बनाए रखने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा, “वे पश्चिम बंगाल पुलिस की सख्त कानून व्यवस्था के खिलाफ हैं।”
पंजाब: लुधियाना के हनुमान मंदिर के बाहर पाकिस्तानी झंडा मिलने से मचा हड़कंप
29 अप्रैल को लुधियाना के हैबोवाल इलाके में महाबली संकटमोचन श्री हनुमान मंदिर के बाहर पाकिस्तानी झंडा मिलने से हड़कंप मच गया। यह घटना शाम करीब 5 बजे हुई, ठीक उस समय जब मंदिर में बालाजी की साप्ताहिक पूजा आरंभ होने वाली थी, जिसमें हजारों श्रद्धालु आते हैं।
मंदिर समिति के अध्यक्ष ऋषि जैन के अनुसार, दो अज्ञात युवक एक्टिवा स्कूटर पर आए, मंदिर के मुख्य द्वार के पास झंडा रखा और तुरंत भाग गए। मंदिर के सीसीटीवी कैमरों में यह पूरी घटना रिकॉर्ड हो गई। पुलिस ने फुटेज की जांच के बाद मुख्य आरोपी की पहचान लुधियाना के चंदर नगर निवासी विक्रम आनंद के रूप में की है। माना जा रहा है कि वह अपने एक साथी के साथ इस कृत्य में शामिल था, जिसकी पहचान अभी नहीं हो सकी है।
दोनों फिलहाल फरार हैं, और पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए शहरभर में छापेमारी कर रही है।
पुलिस ने मामला दर्ज किया, सांप्रदायिक तनाव फैलाने की मंशा जताई
हैबोवाल थाने के एसएचओ राम कृष्ण ने बताया कि यह मामला विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी बढ़ाने और शांति भंग करने के इरादे से दर्ज किया गया है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या यह कृत्य हालिया आतंकवादी घटनाओं की प्रतिक्रिया स्वरूप किया गया या फिर जानबूझकर संवेदनशील माहौल में तनाव फैलाने की साजिश थी।
मंदिर के एक अन्य पदाधिकारी अनुज मदान ने इसे एक पूर्व-नियोजित साजिश बताया और कहा कि यह घटना उस समय की गई जब मंदिर में भारी भीड़ होती है, और वातावरण पहले से ही भावनात्मक होता है।
संयोग या साजिश? बढ़ती चिंताओं ने खड़े किए सवाल
लुधियाना की इस घटना ने वहां के नागरिक समाज और धार्मिक नेताओं में आक्रोश फैला दिया है। सभी ने शांति बनाए रखने की अपील की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। बंगाल और पंजाब की इन घटनाओं की समय-सीमा और प्रवृत्ति में समानता इस आशंका को जन्म देती है कि यह कोई इत्तेफाक नहीं, बल्कि एक समन्वित सांप्रदायिक साजिश का हिस्सा हो सकता है।
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पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने दीवार पर “हिंदुस्तान मुर्दाबाद” और “पाकिस्तान जिंदाबाद” जैसे भड़काऊ नारे लिखने की भी योजना बनाई थी।
1 मई को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर साझा की गई एक पोस्ट में बोंगांव पुलिस ने बताया कि यह कृत्य जानबूझकर सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के उद्देश्य से किया गया था और आरोपियों ने इस साजिश को स्वीकार भी किया है। पोस्ट में लिखा गया, “यह जानबूझकर सांप्रदायिक अशांति फैलाने के उद्देश्य से किया गया था।”

पुलिस ने कहा, “हम ऐसे अपराधियों को सज़ा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।”
सनातनी एकता मंच के सक्रिय सदस्य निकले आरोपी
दोनों आरोपियों के खिलाफ औपचारिक मामला दर्ज कर लिया गया है और वे पुलिस हिरासत में हैं। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि जांच के दौरान इस साजिश के संभावित संगठित पहलुओं और सांप्रदायिक नफरत फैलाने के इरादे की भी पड़ताल की जा रही है। पुलिस ने ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाते हुए कहा है कि सार्वजनिक व्यवस्था बिगाड़ने या धार्मिक भावनाओं का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
प्रारंभिक पूछताछ से पता चला है कि दोनों आरोपी ‘सनातनी एकता मंच’ के सक्रिय सदस्य हैं और एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल से भी कथित रूप से जुड़े हुए हैं। जांचकर्ता यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि कहीं यह घटना एक बड़े समन्वित प्रयास का हिस्सा तो नहीं।
टीएमसी ने भाजपा और आरएसएस पर साजिश का आरोप लगाया
टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने इस घटना को दक्षिणपंथी ताक़तों द्वारा सांप्रदायिक दंगे भड़काने की सुनियोजित कोशिश बताया। उन्होंने कहा, “भाजपा और संघ परिवार इस तरह सांप्रदायिक दंगे भड़काने की साजिश कर रहे हैं। आतंकी हमले में मारे गए 26 निर्दोष भारतीयों की मौत का भाजपा और आरएसएस द्वारा इस तरह से इस्तेमाल शर्मनाक है।”

उन्होंने इस उकसावे को हाल की राष्ट्रीय त्रासदियों से जोड़ते हुए कहा कि इसका उद्देश्य जनता का ध्यान भटकाना और धार्मिक तनाव को भड़काना है। गोखले ने स्थानीय पुलिस की त्वरित और कड़ी कार्रवाई की सराहना की और कहा, “बंगाल इस तरह की साजिशों को कभी सफल नहीं होने देगा।”
टीएमसी सांसद सागरिका घोष ने भी भाजपा की आलोचना करते हुए उसे "भारतीय जुमला पार्टी" कहा। उन्होंने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया: “चंदन और प्रोग्याजीत ने पाकिस्तान का झंडा लगाया और पूछताछ में कबूल किया कि उनका उद्देश्य बंगाल में दंगे भड़काना था। भगवा गुंडे बंगाल में सफल नहीं होंगे।”

घोष ने राज्य में शांति बनाए रखने के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस की सतर्कता की प्रशंसा की और धर्मनिरपेक्षता को बनाए रखने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा, “वे पश्चिम बंगाल पुलिस की सख्त कानून व्यवस्था के खिलाफ हैं।”
पंजाब: लुधियाना के हनुमान मंदिर के बाहर पाकिस्तानी झंडा मिलने से मचा हड़कंप
29 अप्रैल को लुधियाना के हैबोवाल इलाके में महाबली संकटमोचन श्री हनुमान मंदिर के बाहर पाकिस्तानी झंडा मिलने से हड़कंप मच गया। यह घटना शाम करीब 5 बजे हुई, ठीक उस समय जब मंदिर में बालाजी की साप्ताहिक पूजा आरंभ होने वाली थी, जिसमें हजारों श्रद्धालु आते हैं।
मंदिर समिति के अध्यक्ष ऋषि जैन के अनुसार, दो अज्ञात युवक एक्टिवा स्कूटर पर आए, मंदिर के मुख्य द्वार के पास झंडा रखा और तुरंत भाग गए। मंदिर के सीसीटीवी कैमरों में यह पूरी घटना रिकॉर्ड हो गई। पुलिस ने फुटेज की जांच के बाद मुख्य आरोपी की पहचान लुधियाना के चंदर नगर निवासी विक्रम आनंद के रूप में की है। माना जा रहा है कि वह अपने एक साथी के साथ इस कृत्य में शामिल था, जिसकी पहचान अभी नहीं हो सकी है।
दोनों फिलहाल फरार हैं, और पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए शहरभर में छापेमारी कर रही है।
पुलिस ने मामला दर्ज किया, सांप्रदायिक तनाव फैलाने की मंशा जताई
हैबोवाल थाने के एसएचओ राम कृष्ण ने बताया कि यह मामला विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी बढ़ाने और शांति भंग करने के इरादे से दर्ज किया गया है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या यह कृत्य हालिया आतंकवादी घटनाओं की प्रतिक्रिया स्वरूप किया गया या फिर जानबूझकर संवेदनशील माहौल में तनाव फैलाने की साजिश थी।
मंदिर के एक अन्य पदाधिकारी अनुज मदान ने इसे एक पूर्व-नियोजित साजिश बताया और कहा कि यह घटना उस समय की गई जब मंदिर में भारी भीड़ होती है, और वातावरण पहले से ही भावनात्मक होता है।
संयोग या साजिश? बढ़ती चिंताओं ने खड़े किए सवाल
लुधियाना की इस घटना ने वहां के नागरिक समाज और धार्मिक नेताओं में आक्रोश फैला दिया है। सभी ने शांति बनाए रखने की अपील की है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। बंगाल और पंजाब की इन घटनाओं की समय-सीमा और प्रवृत्ति में समानता इस आशंका को जन्म देती है कि यह कोई इत्तेफाक नहीं, बल्कि एक समन्वित सांप्रदायिक साजिश का हिस्सा हो सकता है।
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