सहारनपुर: भीम आर्मी के संस्थापक और प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने गुरुवार को अपने संगठन की राष्ट्रीय छात्र साखा की शुरूआत कर दी है। इस छात्रसंघ का नाम भीम आर्मी स्टूडेंट्स फेडरेशन (बीएएसएफ) रखा गया है। चंद्रशेखऱ आजाद ने फेसबुक लाइव कर इसकी जानकारी दी है। इसके साथ ही उन्होंने ट्विटर पर एक फॉर्म भी जारी किया है जिसे भरकर छात्र बीएएसफ की सदस्यता ले सकते हैं।
बीएएसएफ की घोषणा करते हुए चंद्रशेखऱ आजाद ने कहा, “आज हम देखते हैं कि शिक्षा प्रणाली पर हमला हो रहा है - शिक्षा में निजीकरण को लागू किया जा रहा है हाशिए के वंचित वर्गों के छात्रों को शिक्षा की पहुंच से बाहर कर, मनुवादी, ब्राह्मणवादी व्यवस्था को सुदृढ़ करने का प्रयास किया जा रहा है। सार्वजनिक कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में आरक्षण की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
हम इस बारे में नियमित रूप से सुनते हैं कि कैसे बहुजन छात्र देश भर के विश्वविद्यालयों में जाति आधारित भेदभाव का सामना कर रहे हैं। रोहित वेमुला की संस्थागत हत्या के बाद सार्वजनिक रूप से नाराजगी के बावजूद, बहुजन छात्रों को डिग्री के लिए नियमित भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है, छात्रों को कम अंक दिए जा रहे हैं जो उनकी प्रगति में बाधा डालते हैं। इन समस्याओं के अलावा, छात्राओं को पितृसत्तात्मक भेदभाव और यौन उत्पीड़न का भी सामना करना पड़ता है। इसका एक ताजा उदाहरण उत्तराखंड के IIT रुड़की का है, जहां हमारे समुदाय की छात्रा ने लगातार उत्पीड़न का सामना किया है उसे भीम आर्मी द्वारा समर्थन दिया जा रहा है,”
चंद्रशेखऱ आजाद ने आगे कहा कि इन सभी समस्याओं को देखते हुए हम छात्र संगठन की शुरूआत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह संगठन दलित वंचित छात्रों को एकजुट करेगा और उनके हक के लिए संघर्ष करेगा। भीम आर्मी प्रमुख ने कहा कि हम एक फॉर्म जारी कर रहे हैं, जो छात्र भीम आर्मी की स्टूडेंट विंग में शामिल होना चाहते हैं वे इसमें अपना नाम, नंबर और यूनिवर्सिटी आदि की जानकारी भर सकते हैं भीम आर्मी की टीम उनसे संपर्क में रहेगी।
बीएएसएफ की घोषणा करते हुए चंद्रशेखऱ आजाद ने कहा, “आज हम देखते हैं कि शिक्षा प्रणाली पर हमला हो रहा है - शिक्षा में निजीकरण को लागू किया जा रहा है हाशिए के वंचित वर्गों के छात्रों को शिक्षा की पहुंच से बाहर कर, मनुवादी, ब्राह्मणवादी व्यवस्था को सुदृढ़ करने का प्रयास किया जा रहा है। सार्वजनिक कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में आरक्षण की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
हम इस बारे में नियमित रूप से सुनते हैं कि कैसे बहुजन छात्र देश भर के विश्वविद्यालयों में जाति आधारित भेदभाव का सामना कर रहे हैं। रोहित वेमुला की संस्थागत हत्या के बाद सार्वजनिक रूप से नाराजगी के बावजूद, बहुजन छात्रों को डिग्री के लिए नियमित भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है, छात्रों को कम अंक दिए जा रहे हैं जो उनकी प्रगति में बाधा डालते हैं। इन समस्याओं के अलावा, छात्राओं को पितृसत्तात्मक भेदभाव और यौन उत्पीड़न का भी सामना करना पड़ता है। इसका एक ताजा उदाहरण उत्तराखंड के IIT रुड़की का है, जहां हमारे समुदाय की छात्रा ने लगातार उत्पीड़न का सामना किया है उसे भीम आर्मी द्वारा समर्थन दिया जा रहा है,”
चंद्रशेखऱ आजाद ने आगे कहा कि इन सभी समस्याओं को देखते हुए हम छात्र संगठन की शुरूआत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह संगठन दलित वंचित छात्रों को एकजुट करेगा और उनके हक के लिए संघर्ष करेगा। भीम आर्मी प्रमुख ने कहा कि हम एक फॉर्म जारी कर रहे हैं, जो छात्र भीम आर्मी की स्टूडेंट विंग में शामिल होना चाहते हैं वे इसमें अपना नाम, नंबर और यूनिवर्सिटी आदि की जानकारी भर सकते हैं भीम आर्मी की टीम उनसे संपर्क में रहेगी।