एयर इंडिया क्रैश: यूएई के भारतीय डॉक्टर ने मृत प्रत्येक मेडिकल छात्रों के परिजनों को 1 करोड़ रूपये देने की पेशकश की 

Written by sabrang india | Published on: June 17, 2025
दूसरों की मदद करन वाले डॉक्टर शमशीर वयालिल ने अहमदाबाद में पिछले गुरुवार, 12 जून को हुए एयर इंडिया फ्लाइट 171 दुर्घटना से प्रभावित मेडिकल छात्रों और डॉक्टरों के परिवारों को वित्तीय सहायता देने की घोषणा की। इस दुखद विमान दुर्घटना में कुल 270 लोगों की मौत हुई, जिनमें 240 यात्री शामिल थे। 


Image: news9live.com

नई दिल्ली: यूएई में रहने वाले एक भारतीय मूल के डॉक्टर ने गुजरात के अहमदाबाद में बी.जे. मेडिकल कॉलेज पर एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद मारे गए और घायल हुए मेडिकल छात्रों के परिवारों को 6 करोड़ रूपये की वित्तीय सहायता देने की पेशकश की है। मीडिया संस्थानों ने ये रिपोर्ट प्रकाशित किया है। 

दूसरों की मदद करन वाले डॉक्टर शमशीर वयालिल ने अहमदाबाद में पिछले गुरुवार, 12 जून को हुए एयर इंडिया फ्लाइट 171 दुर्घटना से प्रभावित मेडिकल छात्रों और डॉक्टरों के परिवारों को वित्तीय सहायता देने की घोषणा की। इस दुखद विमान दुर्घटना में कुल 270 लोगों की मौत हुई, जिनमें 240 यात्री शामिल थे। 

यह त्रासदी 12 जून को उस समय घटी जब एक बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल और मेस ब्लॉक से टकरा गया। इस दुर्घटना में चार मेडिकल छात्रों की मौत हो गई, दर्जनों घायल हो गए और कैंपस में रहने वाले डॉक्टरों के परिजनों की भी जान चली गई। 

दोपहर के खाने के समय विमान अतुल्यम हॉस्टल कॉम्प्लेक्स से भी टकरा गया, जिससे छात्रों के रहने के कमरे और डाइनिंग हॉल मलबे में तब्दील हो गए। इस भीषण हादसे में जिन लोगों की मौत हुई, उनमें एमबीबीएस छात्र जयप्रकाश चौधरी (बाड़मेर, राजस्थान), मानव भादू (श्रीगंगानगर, राजस्थान), आर्यन राजपूत (ग्वालियर, मध्य प्रदेश) और राकेश दियोरा (भावनगर, गुजरात) शामिल हैं। ये सभी युवा मेडिकल छात्र थे। इसके अलावा, इस दुर्घटना में डॉक्टरों के पांच परिजनों की भी जान चली गई। 

अबू धाबी से राहत की घोषणा करते हुए डॉ. शमशीर वयालिल (बुर्जील होल्डिंग्स के संस्थापक और चेयरमैन तथा वीपीएस हेल्थ के मैनेजिंग डायरेक्टर) ने कहा कि वह इस दुर्घटना के बाद आई तस्वीरों से काफी परेशान हैं। उन्होंने कहा, “एक ऐसा व्यक्ति होने के नाते जिसने अपनी मेडिकल पढ़ाई के दौरान मंगलुरु के कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज और चेन्नई के श्री रामचंद्र मेडिकल कॉलेज में ऐसे ही हॉस्टलों में समय बिताया है, ये दृश्य मेरे दिल को झकझोर दिया।”

डॉ. शमशीर ने कहा, “मैंने मेस और हॉस्टल की फुटेज देखी और वह वाकई मुझे अंदर तक झकझोर गई। उसने मुझे उन जगहों की याद दिला दी जिन्हें मैं कभी अपना घर कहा करता था - वे गलियारे, वो बिस्तर, वो हंसी-ठिठोली, परीक्षा का तनाव और परिवार से फोन आने की बेसब्री। कोई भी यह उम्मीद नहीं करता कि एक विमान उस दुनिया में आकर तबाही मचा देगा।” 

उन्होंने आगे कहा, “वे छात्र दिन की शुरुआत लेक्चर, असाइनमेंट्स और मरीजों के बारे में सोचकर करते थे। उनकी ज़िंदगियां इस तरह खत्म हो गईं जिसकी हममें से किसी ने भी कभी कल्पना नहीं की थी। यह बहुत करीब से धक्का लगा। बहुत ही करीब से।” 

डॉ. शमशीर के राहत पैकेज में चार मृत छात्रों के प्रत्येक परिवार को 1 करोड़ रुपये, पांच गंभीर रूप से घायल छात्रों को प्रत्येक 20 लाख रुपये, और जिन डॉक्टरों के परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उन्हें भी प्रत्येक 20 लाख रुपये की वित्तीय सहायता शामिल है। यह आर्थिक सहायता बी.जे. मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन की मदद से दी जाएगी, ताकि जरूरतमंदों तक जल्दी से मदद पहुंच सके। 

यह पहली बार नहीं है जब डॉ. शमशीर ने ऐसी किसी आपदा पर सहायता की हो। साल 2010 में, मंगलुरु एयर क्रैश के बाद उन्होंने प्रभावित परिवारों को बुर्जील होल्डिंग्स (जो कि मध्य पूर्व का एक प्रमुख स्वास्थ्य सेवा प्रदाता है)  के माध्यम से वित्तीय सहायता और रोजगार के अवसर दिए थे। 

डॉ. शमशीर की मानवीय सहायता प्राकृतिक आपदाओं, सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकालों और भारत व खाड़ी देशों में विस्थापन संकट तक फैली हुई हैं। लेकिन उन्होंने कहा कि इस बार यह पूरी तरह से व्यक्तिगत रूप से महसूस हुआ। 

उन्होंने कहा, “ये युवा उन्हीं साथियों का हिस्सा थे जिनका मैं कभी हिस्सा था। मुझे पता है कि क्लिनिकल परीक्षाओं की तैयारी करते हुए रातभर जागना कैसा होता है, मेस हॉल में एक टेबल के चारों ओर जुटना कैसा होता है, और थके हुए शिफ्ट के बाद हॉस्टल के कमरे में जाना कैसा होता है। वह जिंदगी सिर्फ डॉक्टर ही नहीं बनाता, बल्कि चरित्र भी बनाता है। और उस जीवन को इतनी हिंसक और अचानक तरीके से छीन लेना दिल तोड़ देने वाला है।” 

घायलों में तीसरे वर्ष के छात्र रितेश कुमार शर्मा भी शामिल हैं, जो पैर की गंभीर चोटों के साथ मलबे के नीचे कई घंटे फंसे रहे। उनके कई दोस्त भी उनके साथ घायल हुए। अन्य छात्र मजबूरी से देखते रहे कि कैसे उनके साथी इस हादसे की चपेट में आ गए। 

डॉ. शमशीर ने जोर देकर कहा कि यह मदद केवल वित्तीय सहायता नहीं, बल्कि एक सांकेतिक है। यह इस बात की याद दिलाने वाला है कि मेडिकल समुदाय पीढ़ियों और भौगोलिक सीमाओं से परे एकजुट है। उन्होंने कहा, “जो हुआ उसे वापस नहीं किया जा सकता। ये छात्र दूसरों की सेवा करने की तैयारी कर रहे थे। उनकी यादें सिर्फ सुर्खियों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। हमें उनके अधूरे सपनों को आगे बढ़ाना होगा। यह हम सभी की साझा जिम्मेदारी है।” 

बी.जे. मेडिकल कॉलेज इस भारी नुकसान से जूझ रहा है और विस्थापित छात्रों तथा परिवारों को अस्थायी रूप से पुनः स्थानांतरित किया जा रहा है। प्रभावित छात्रों और परिवारों का समर्थन करने में सक्रिय रहे जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन, मदद पहुंचाने के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय कर रहा है। 

बाकी ख़बरें