85 करोड़ 30 लाख लोग विश्व में भुखमरी के शिकार, दुनिया के लिए खतराः UN रिपोर्ट

Written by सबरंगइंडिया | Published on: September 20, 2017







Courtesy: Dawn

यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान समय में पूरे विश्व में करीब 85 करोड़ 30 लाख लोग भुखमरी के शिकार हैं। पिछले साल 81 करोड़ 50 लोग इसके शिकार थें। इस वर्ष वैश्विक स्तर पर 11 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई। पिछले दशक में भुखमरी के शिकार लोगों में कमी आने के बाद भी इस वर्ष फिर से वृद्धि दर्ज हुई। जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में हो रहे हिंसक संघर्षों के चलते इसमें वृद्धि हुई है। यूएन की तरफ से वर्ष 2030 तक के लिए तय सतत विकास लक्ष्य के तहत पहली बार वैश्विक स्तर पर खाद्य सुरक्षा और पोषण पर रोम में जारी की गई रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है।


यूएन रिपोर्ट के अनुसार एशिया में 52 करोड़ लोग भुखमरी के शिकार हैं वहीं अफ्रीका में 24 करोड़ 30 लोग प्रभावित हैं जबकि लैटिन अमेरिका और कैरिबीयाई क्षेत्रों में 4 करोड़ 20 लाख भुखमरी के शिकार हैं।

रिपेार्ट के अनुसार भुखमरी के शिकार लोगों की संख्या एक साल में 3 करोड़ 80 लाख बढ़ी। यूएन की पांच प्रमुख एजेंसियों के अध्यक्षों ने रिपोर्ट की संयुक्त प्रस्तावना में लिखा है कि ये खतरे की घंटी है जिसे हम अनदेखा नहीं कर सकते। रिपोर्ट में आगे लिखा गया है कि जब तक हम सभी एकजुट होकर खाद्य सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले कारणों को समाप्त करने का प्रयास नहीं करेंगे उस वक्त तक 2030 तक विश्व से कुपोषण समाप्त करने का लक्ष्य हासिल नहीं हो पाएगा। सुरक्षित और समग्र रूप से विकसित समाज के लिए ये सबसे पहली शर्त है।


यूएन रिपोर्ट के मुताबिक विश्व में भुखमरी और कुपोषण से ग्रसित बच्चों की संख्या सबसे अधिकहिंसाग्रस्त क्षेत्रों में है। दक्षिणी सूडान इसका ज्वलंत उदाहरण है। इस वर्ष के आरंभ में सूडान में अकाल पड़ा था। युद्ध प्रभावित सोमालिया, नाइजीरिया और यमन में भी कुछ इसी तरह के हालात हैं। यूएन के मुताबिकजिन क्षेत्रों में शांति है वहां भी हालात सामान्य नहीं है। इन क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन ने कहर बरपा रखाहै। अल नीनो के प्रभाव से इन क्षेत्रों में सूखे और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएं खाद्य संकट पैदा कर रही हैं। इनके अतिरिक्त वैश्विक आर्थिक मंदी ने भी स्थिति को खराब किया है।


ये रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन, बाल विकास कोष, अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष, विश्व खाद्य कार्यक्रम और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया गया है। खाद्य एवं कृषि संगठन की वरिष्ठ अर्थशास्त्री सिंडी होलमैन ने रिपोर्ट पर कहा विकराल रूप ले रही भुखमरी वैश्विक समस्या है। इसके चलते लोगों का स्वास्थ्य और जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। यह बड़ा संकट है और इससे मिलकर निबटना होगा।
 

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