सोनभद्र। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले के लिलासी क्षेत्र में पुलिस द्वारा कथित तौर पर गलत तरीके से गिरफ्तार किए गए वन भूमि अधिकार कार्यकर्ता नंदू गोंड को कहां रखा गया है इसका पता नहीं चल पा रहा है। करीब सप्ताह भर पहले ही नंदू गोंड को गिरफ्तार किया गया था। सबरंग इंडिया इस मामले को 1 मार्च से रिपोर्ट कर रहा है इसके साथ ही सोनभद्र जिला प्रशासन से लगातार संपर्क कर नंदू गोंड की स्थिति का जायजा लेने की कोशिश कर रहा है लेकिन अभी तक कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है।
नंदू गोंड की पत्नी सुखवरिया गोंड
सीजेपी के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने लिलासी गांव का दौरा कर नंदू गोंड के परिजनों और गांव वालों से बात की थी जहां यह निककर सामने आया कि पुलिस ने उन्हें दूसरी बार गलत तरीके से गिरफ्तार किया है। नंदू गोंड की गिरफ्तारी के बाद उनके परिजन भी लगातार उन्हें ट्रेस करने की कोशिश में हैं लेकिन प्रशासन नहीं बता रहा कि नंदू गोंड को कहां रखा गया है और वे किस स्थिति में हैं। इसे लेकर नंदू गोंड के परिजन चिंतित हैं।
नंदू गोंड की गिरफ्तारी के बारे में कहा गया था कि उनका जुर्म यह प्रतीत होता है कि वे वनाधिकार के लिए लड़ने वाले सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता हैं। नंदू गोंड की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही थी। नंदू गोंड के पास इलाहाबाद हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक के आदेश भी थे इसके बावजूद उन्हें भागने के लिए मजबूर किया जाता रहा।
नंदू गोंड अपनी पत्नी, दो बेटों, दो बेटियों और एक भाई के साथ गाँव में रहते थे। वन भूमि अधिकार को लेकर उनकी सक्रियता और संगठन में भागीदारी के चलते उन्हें निशाना बनाए जाने का आऱोप परिजनों द्वारा लगाया गया है।
ऑल इंडिया यूनियन ऑफ़ फॉरेस्ट वर्किंग पीपल्स (AIUFWP) की यूनियन लीडर और प्रतिनिधि सोकालो गोंड ने सबरंग इंडिया को बताया, " नंदू गोंड के बारे में हम सिर्फ इतना पता लगाने में कामयाब रहे हैं कि उन्हें नेवारपु पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें दुदही पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित कर दिया था। लेकिन उन्हें किसी न्यायाधीश के सामने पेश नहीं किया गया। हम यह भी सुन रहे हैं कि उन्हें घोरावल की जेल में बंद किया गया होगा। किसी भी चीज़ का कोई रिकॉर्ड नहीं है, इसलिए हमें नहीं पता कि उसके साथ क्या हुआ है।”
तमाम तरह से सुराग मिलने में विफल होने के बाद सबरंग इंडिया ने मयोरपुर पुलिस स्टेशन के एसएचओ विजय प्रताप सिंह से बात की। फोन पर एसएचओ ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में पुलिस ने नंदू गोंड नाम के किसी व्यक्ति को नहीं उठाया। जब हमने कहा कि गिरफ्तारी लिलासी गांव से एक भूमि के दावे के मामले में कुर्की से संबंधित हुई थी, तो उन्होंने कहा, "हां, मैंने लिलासी गांव में एक कुर्की मामले के बारे में सुना है, लेकिन मुझे किसी नंदू गोंड के बारे में नहीं पता। संभावना है कि कल दुद्धी सब डिविजनल मजिस्ट्रेट की अदालत में उसे पेश किया जाएगा।"
एसएचओ विजय प्रताप सिंह ने आगे कहा कि हम जमीन की कुर्की के मामले में किसी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं करते। अगर किसी को गिरफ्तार किया गया है तो उसने पुलिस के साथ बदतमीजी की होगी। ऐसे केस में आरोपी को सीआरपीसी की धारा 151 के तहत आरोपित किया जाएगा और एसडीएम कोर्ट में पेश किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि लेकिन हमने नंदू गोंड नाम के किसी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया। अगर किसी को गिरफ्तार किया गया है तो उसे निश्चित तौर पर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा कोई हमें अपने घर में तो रखना नहीं है।
हमने आस-पास के क्षेत्राधिकार में भी कुछ अधिकारियों को फोन किया, यह सुनिश्चित करने के लिए कि नंदू गोंड को किसी अन्य स्टेशन में से किसी ने उठाया हो लेकिन हर जगह से निराशा हाथ लगी और ना में ही जवाब मिला। व्याधमगंज पुलिस स्टेशन के एसएचओ पीके सिंह ने कहा, "हमारे इलाके में नंदू गोंड के नाम से किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है। आपको नेवरपुर पुलिस स्टेशन से जांच करनी चाहिए क्योंकि लिलसी गांव उनके अधिकार क्षेत्र में आता है।"
दुद्धी पुलिस स्टेशन में एके सिंह ने कहा, "नंदू गोंड नाम के किसी व्यक्ति को हमारे द्वारा गिरफ्तार नहीं किया गया है। आप छत्तीसगढ़ की सीमा या म्योरपुर और बीजपुर पुलिस स्टेशनों में व्यंदमगंज पुलिस स्टेशन से जांच कर सकते हैं।"
शुक्रवार 1 मार्च को, जब हमने डीएसपी सुनील कुमार विश्नोई (सोनभद्र, सीओ-दुद्धी) से बात की, तो उन्होंने कहा कि वह इलाहाबाद में होने वाली किसी भी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं कर सकते और हमें थाना प्रभारी (थाना प्रभारी) से बात करने का निर्देश दिया। दुदही पुलिस स्टेशन में, इंस्पेक्टर इस बात से अनभिज्ञ था कि इस तरह की गिरफ्तारी हुई है क्योंकि वह एक 'कार्यक्रम' में व्यस्त था। बाद में दुदही पुलिस थाने से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। इंस्पेक्टर शिव कुमार जो पहले नेवारपुर थाने में तैनात थे, ने कहा कि उनका तबादला 15 फरवरी, 2019 को हुआ था। लेकिन उन्हें सुखद आश्चर्य हुआ कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने नंदू गोंड के घर पर किए गए कुर्की पर बड़े गर्व और विस्तार के साथ बात की।
Https://uppolice.gov.in/frmOfficials.aspx?sonbhadra पर DSP के रूप में सूचीबद्ध राहुल मिश्रा ने कहा कि उन्हें ऐसी किसी भी गिरफ्तारी की जानकारी नहीं है। ज्ञान प्रकाश राय (सीओ-ओबरा) ने कहा कि उनके अधिकार क्षेत्र में ऐसा कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।
भूमि के मामलों पर झूठे मुकदमों और प्रतिशोध की कार्रवाई के इतिहास का पता लगाने के लिए cjp.org.in पर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे लोगों के साथ दिसंबर 2018 में नंदू गोंड और उनके परिवार पर बर्बरता की रिपोर्ट की थी। लिलासी गांव में उनके घर पर 'कुर्की' के नाम पर सारे सामान भी नष्ट कर दिए थे।
नंदू गोंड की पत्नी सुखवरिया गोंड
सीजेपी के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने लिलासी गांव का दौरा कर नंदू गोंड के परिजनों और गांव वालों से बात की थी जहां यह निककर सामने आया कि पुलिस ने उन्हें दूसरी बार गलत तरीके से गिरफ्तार किया है। नंदू गोंड की गिरफ्तारी के बाद उनके परिजन भी लगातार उन्हें ट्रेस करने की कोशिश में हैं लेकिन प्रशासन नहीं बता रहा कि नंदू गोंड को कहां रखा गया है और वे किस स्थिति में हैं। इसे लेकर नंदू गोंड के परिजन चिंतित हैं।
नंदू गोंड की गिरफ्तारी के बारे में कहा गया था कि उनका जुर्म यह प्रतीत होता है कि वे वनाधिकार के लिए लड़ने वाले सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता हैं। नंदू गोंड की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही थी। नंदू गोंड के पास इलाहाबाद हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक के आदेश भी थे इसके बावजूद उन्हें भागने के लिए मजबूर किया जाता रहा।
नंदू गोंड अपनी पत्नी, दो बेटों, दो बेटियों और एक भाई के साथ गाँव में रहते थे। वन भूमि अधिकार को लेकर उनकी सक्रियता और संगठन में भागीदारी के चलते उन्हें निशाना बनाए जाने का आऱोप परिजनों द्वारा लगाया गया है।
ऑल इंडिया यूनियन ऑफ़ फॉरेस्ट वर्किंग पीपल्स (AIUFWP) की यूनियन लीडर और प्रतिनिधि सोकालो गोंड ने सबरंग इंडिया को बताया, " नंदू गोंड के बारे में हम सिर्फ इतना पता लगाने में कामयाब रहे हैं कि उन्हें नेवारपु पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें दुदही पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित कर दिया था। लेकिन उन्हें किसी न्यायाधीश के सामने पेश नहीं किया गया। हम यह भी सुन रहे हैं कि उन्हें घोरावल की जेल में बंद किया गया होगा। किसी भी चीज़ का कोई रिकॉर्ड नहीं है, इसलिए हमें नहीं पता कि उसके साथ क्या हुआ है।”
तमाम तरह से सुराग मिलने में विफल होने के बाद सबरंग इंडिया ने मयोरपुर पुलिस स्टेशन के एसएचओ विजय प्रताप सिंह से बात की। फोन पर एसएचओ ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में पुलिस ने नंदू गोंड नाम के किसी व्यक्ति को नहीं उठाया। जब हमने कहा कि गिरफ्तारी लिलासी गांव से एक भूमि के दावे के मामले में कुर्की से संबंधित हुई थी, तो उन्होंने कहा, "हां, मैंने लिलासी गांव में एक कुर्की मामले के बारे में सुना है, लेकिन मुझे किसी नंदू गोंड के बारे में नहीं पता। संभावना है कि कल दुद्धी सब डिविजनल मजिस्ट्रेट की अदालत में उसे पेश किया जाएगा।"
एसएचओ विजय प्रताप सिंह ने आगे कहा कि हम जमीन की कुर्की के मामले में किसी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं करते। अगर किसी को गिरफ्तार किया गया है तो उसने पुलिस के साथ बदतमीजी की होगी। ऐसे केस में आरोपी को सीआरपीसी की धारा 151 के तहत आरोपित किया जाएगा और एसडीएम कोर्ट में पेश किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि लेकिन हमने नंदू गोंड नाम के किसी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया। अगर किसी को गिरफ्तार किया गया है तो उसे निश्चित तौर पर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा कोई हमें अपने घर में तो रखना नहीं है।
हमने आस-पास के क्षेत्राधिकार में भी कुछ अधिकारियों को फोन किया, यह सुनिश्चित करने के लिए कि नंदू गोंड को किसी अन्य स्टेशन में से किसी ने उठाया हो लेकिन हर जगह से निराशा हाथ लगी और ना में ही जवाब मिला। व्याधमगंज पुलिस स्टेशन के एसएचओ पीके सिंह ने कहा, "हमारे इलाके में नंदू गोंड के नाम से किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है। आपको नेवरपुर पुलिस स्टेशन से जांच करनी चाहिए क्योंकि लिलसी गांव उनके अधिकार क्षेत्र में आता है।"
दुद्धी पुलिस स्टेशन में एके सिंह ने कहा, "नंदू गोंड नाम के किसी व्यक्ति को हमारे द्वारा गिरफ्तार नहीं किया गया है। आप छत्तीसगढ़ की सीमा या म्योरपुर और बीजपुर पुलिस स्टेशनों में व्यंदमगंज पुलिस स्टेशन से जांच कर सकते हैं।"
शुक्रवार 1 मार्च को, जब हमने डीएसपी सुनील कुमार विश्नोई (सोनभद्र, सीओ-दुद्धी) से बात की, तो उन्होंने कहा कि वह इलाहाबाद में होने वाली किसी भी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं कर सकते और हमें थाना प्रभारी (थाना प्रभारी) से बात करने का निर्देश दिया। दुदही पुलिस स्टेशन में, इंस्पेक्टर इस बात से अनभिज्ञ था कि इस तरह की गिरफ्तारी हुई है क्योंकि वह एक 'कार्यक्रम' में व्यस्त था। बाद में दुदही पुलिस थाने से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। इंस्पेक्टर शिव कुमार जो पहले नेवारपुर थाने में तैनात थे, ने कहा कि उनका तबादला 15 फरवरी, 2019 को हुआ था। लेकिन उन्हें सुखद आश्चर्य हुआ कि उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने नंदू गोंड के घर पर किए गए कुर्की पर बड़े गर्व और विस्तार के साथ बात की।
Https://uppolice.gov.in/frmOfficials.aspx?sonbhadra पर DSP के रूप में सूचीबद्ध राहुल मिश्रा ने कहा कि उन्हें ऐसी किसी भी गिरफ्तारी की जानकारी नहीं है। ज्ञान प्रकाश राय (सीओ-ओबरा) ने कहा कि उनके अधिकार क्षेत्र में ऐसा कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।
भूमि के मामलों पर झूठे मुकदमों और प्रतिशोध की कार्रवाई के इतिहास का पता लगाने के लिए cjp.org.in पर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे लोगों के साथ दिसंबर 2018 में नंदू गोंड और उनके परिवार पर बर्बरता की रिपोर्ट की थी। लिलासी गांव में उनके घर पर 'कुर्की' के नाम पर सारे सामान भी नष्ट कर दिए थे।