मुस्लिम बुजुर्ग की दाढ़ी नोचने की घटना में डेढ़ साल बाद कार्रवाई, कोतवाली प्रभारी समेत चार पुलिसकर्मी निलंबित

Written by sabrang india | Published on: February 27, 2023

सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के बाद बुजुर्ग मुस्लिम काजी अहमद की दाढ़ी नोचने के मामले में कोतवाली प्रभारी समेत चार पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है। इस मामले में देर रात सेक्टर 113 कोतवाली प्रभारी प्रमोद कुमार, तत्कालीन सेक्टर 39 कोतवाली प्रभारी आजाद तोमर समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

पुलिसकर्मियों ने बरती लापवाही
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक, जांच में पुलिसकर्मियों को वक्त पर मुकदमा नहीं लिखने का दोषी माना गया है। घटना के दौरान सेक्टर 113 कोतवाली प्रभारी प्रमोद सेक्टर 37 चौकी इंचार्ज थे और आजाद तोमर सेक्टर 39 में थाना प्रभारी थे। सेक्टर 39 के थाना 37 चौकी क्षेत्र में बुजुर्ग मुस्लिम के दाढ़ी नोचने की घटना हुई थी। यह कार्रवाई घटना के डेढ़ साल बाद की गई है।

क्या था मामला
दिल्ली के जाकिर नगर के रहने वाले काजिम अहमद 4 जुलाई वर्ष 2021 को नोएडा के सेक्टर 37 से अलीगढ़ जाने के लिए लिफ्ट लेकर कार में सवार हुए थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि कार में पहले से मौजूद पांच व्यक्तियों ने उनके समुदाय पर टिप्पणी की। उनको अपशब्द कहे और उनकी दाढ़ी नोचकर समुदाय विशेष पर अलग-अलग बातें कहीं थीं।

वहीं पीड़ित ने आरोप लगाया था कि उन्होंने नोएडा पुलिस से मामले की शिकायत की, लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। इसके बाद वह सुप्रीम कोर्ट की शरँण में पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के बाद घटना के करीब डेढ़ साल बाद 15 जनवरी 2023 को नोएडा की सेक्टर 39 कोतवाली में पेचकस गैंग के अज्ञात बदमाशों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई। बदमाश शिव कुमार, दीपक, बबलू व ट्विंकल को 24 जनवरी 2023 की रात गिरफ्तार किया गया। 

दीपक और शिवकुमार दोनों एक ही परिवार के हैं और मूल रूप से बुलंदशहर के रहने वाले हैं। वहीं, बबलू ग्रेटर नोएडा के मायचा गांव का रहने वाला है। पुलिस ने पीड़ित से बदमाशों की शिनाख्त कराई। पीड़ित ने बदमाशों की पहचान की है। साक्ष्यों के आदार पर पुलिस ने बदमाशों के खिलाफ चार्जशशीट भी दाखिल कर दी है। घटना के दौरान सेक्टर 39 कोतवाली प्रभारी रहे आजाद तोमर को करीब सवा साल पहले हुई 10 लाख की लूट के मामले में निलंबित किया गया था। एक महीने पहले ही उनको पुलिस लाइन से जोन अलाट हुआ था। वह करीब सवा साल तक लाइन में रहे। एक बार फिर से लापरवाही प्रकाश में आने के बाद उनको निलंबित कर दिया गया है।

बता दें कि 2014 में सत्ता परिवर्तन के बाद से मुस्लिमों के प्रति हिंसा और भेदभाव में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। हाल के दिनों में ही हरियाणा और बिहार में मॉब लिंचिंग की घटनाएं सामने आई हैं। 

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