कोरोना वायरस के खौफ से नहीं आए रिश्तेदार तो पड़ोसी मुस्लिमों ने उठाई हिंदू की अर्थी

Written by Sabrangindia Staff | Published on: March 30, 2020
बुलंदशहर। देश में इस समय जहां कोरोना वायरस का संकट है। प्रत्येक राज्य में इसके मामले बढ़ते जा रहे हैं। लेकिन इस संकट के बीच कई लोग मिसाल कायम कर रहे हैं। दरअसल उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हिंदू और मुस्लिम का नजारा देखने को मिला। यहां एक हिंदू की मौत हो गई, इसके बाद कोरोना वायरस के डर से कोई भी रिश्तेदारों ने किनारा कर लिया तो पड़ोसी मुस्लिम समुदाय के लोग मदद में आगे हैं, और उन्होंने अर्थी को कंधा दिया। 



बताया जा रहा है कि यहां शनिवार की सुबह इलाके के ही रहने वाले रवि शंकर का अचानक देहांत हो गया। रवि शंकर यहां अपने दो बेटे और पत्नी के साथ रहते थे। देहांत की खबर रिश्तेदारों को दी गई। लेकिन लॉकडाउन और कोरोना के ख़तरे के चलते रिश्तेदार अंतिम संस्कार के लिए रवि शंकर के घर नहीं पहुंचे।


जिसके बाद मृतक के परिजनों के सामने यह समस्या खड़ी हो गई कि अंतिम संस्कार कैसे किया जाय। मृतक के परिजन अभी इस समस्या का समाधान ढूंढ ही रहे थे कि इलाक़े के रहने वाले मुस्लिम उनके लिए फरिश्ता बनकर सामने आ गए। मुसलमानों ने रवि के अंतिम संस्कार का बीड़ा उठा लिया। उन्होंने ना सिर्फ अंतिम संस्कार के लिए आर्थिक रूप से कमज़ोर मृतक के परिजनों की आर्थिक मदद की बल्कि अर्थी को अपने कंधों पर उठाकर श्मशान घाट तक पहुंचाया।

मुसलमानों द्वारा ले जाई गई इस शव यात्रा की सबसे दिलचस्प बात ये रही कि इस दौरान मुसलमानों ने हिंदू रीति रावाज के साथ राम नाम सत्य है का जमकर उद्घोष भी किया। मुसलमानों ने उसी राम नाम को सत्य बताया जिस राम के जयकारे के साथ झारखंड में तबरेज अंसारी की हत्या कर दी गई थी। राम के नाम पर मुसलमानों के साथ हिंसा करने वालों को बुलंदशहर के मुसलमानों ने बेहतरीन अंदाज़ में आइना दिखाया है।

मुसलमानों ने इस तरह रवि शंकर की अर्थी को श्मशान पहुंचाया। जिसके बाद हिंदू रीति-रिवाज के तहत मृतक रवि शंकर के शरीर को उनके बड़े बेटे ने मुखाग्नि दी। इस मामले जा वीडियो भी सामने आया है। जो सोशल मीडिया पर जमकर वायरस हो रहा है। लोग इस वीडियो को शेयर करने के साथ बुलंदशहर के मुसलमानों की जमकर तारीफ़ कर रहे हैं।

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