गाजियाबाद में दलित युवक और उसकी मां पर हमला, गांव में तनाव, झड़प

Written by sabrang india | Published on: September 16, 2025
शनिवार को एक दलित युवक की बाइक राजपूत व्यक्ति को ले जा रही एक कार से टकराने के बाद तनाव शुरू हुआ। कार सवारों ने कथित तौर पर युवक को थप्पड़ मारा, जिससे गुस्सा भड़क गया। बाद में, जब लड़का और उसकी मां शिकायत करने गए, तो कथित तौर पर उनकी पिटाई की गई। इससे दोनों समूहों के बीच बड़ा झगड़ा हो गया।


साभार : द ऑब्जर्वर पोस्ट

गाजियाबाद के मसौता गांव में रविवार शाम दलित और राजपूत समुदायों के बीच झड़प के बाद जातीय हिंसा भड़क उठी है। दोनों पक्षों के बीच भारी पथराव हुआ, जिसके बाद पुलिस को इलाके में अतिरिक्त बल भेजना पड़ा। व्यवस्था बनाए रखने के लिए पीएसी तैनात किया गया है, जबकि पुलिस की कई टीमें गांव में तैनात हैं।

पुलिस के हवाले से द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को एक दलित युवक की बाइक राजपूत व्यक्ति को ले जा रही एक कार से टकराने के बाद तनाव शुरू हुआ। कार सवारों ने कथित तौर पर युवक को थप्पड़ मारा, जिससे गुस्सा भड़क गया। बाद में, जब लड़का और उसकी मां शिकायत करने गए, तो कथित तौर पर उनकी पिटाई की गई। इससे दोनों समूहों के बीच बड़ा झगड़ा हो गया।

मसूरी के कार्यवाहक सहायक पुलिस आयुक्त अमित सक्सेना ने कहा, "रात करीब 8 बजे पथराव की सूचना मिली। हमारी टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और स्थिति को नियंत्रण में कर लिया।" उन्होंने आगे कहा कि इसमें शामिल सभी लोगों की पहचान के लिए गांव के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं।

पुलिस ने अब तक कम से कम छह लोगों को हिरासत में लिया है और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम सहित कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि भीम आर्मी के नेता भी गांव पहुंचे, जिससे तनाव और बढ़ गया।

भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद, स्थानीय लोग फिर से हिंसा भड़कने के डर से सहमे हुए हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक ग्रामीण ने मीडिया को बताया, "हम सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है, और हमें उम्मीद है कि अधिकारी सख्त कार्रवाई करेंगे।"

बता दें दलितों के खिलाफ इस तरह की घटनाएं अक्सर देखी जाती है जहां मामूली सी बात बड़े विवाद का कारण बन जाती है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में एक दलित किसान को कथित रूप से पीटा गया और जातिसूचक गालियां दी गईं, जब उसने अपनी जमीन पर मवेशियों के चरने की शिकायत की।

यह घटना गुढ़ाना गांव की है जहां द्वारिका प्रसाद ने बाजरे की फसल बोई थी। द्वारिका प्रसाद ने आरोप लगाया कि गांव के तीन लोगों -प्रशांत (पुत्र सत्यभान) और सक्षम व जय (पुत्र गणादयानंद) - की गायें नियमित रूप से उसके खेत में घुसकर फसल को नुकसान पहुंचा रही थीं।

वहीं राज्य के आजमगढ़ के नौशेरा गांव में उस समय तनाव फैल गया, जब 24 वर्षीय दलित युवक दुर्गेश कुमार की हत्या की खबर सामने आई। लोको पायलट के रूप में कार्यरत दुर्गेश को कथित रूप से छह लोगों ने पीटा और उसे ज़हर पीने के लिए मजबूर किया। यह विवाद गांव की एक लड़की के साथ उसके संबंधों को लेकर बताया जा रहा है।

मीडिाय रिपोर्ट के अनुसार, दुर्गेश के छोटे भाई अजीत कुमार के अनुसार, आरोपियों में से एक, ज्ञानेंद्र मिश्रा ने शनिवार शाम उसे फोन कर “मामला सुलझाने” के बहाने बुलाया। जब दुर्गेश वहां पहुंचा, तो गणेश यादव, अजय यादव, श्रवण यादव, शेरू यादव, गोविंद यादव और ज्ञानेंद्र मिश्रा ने उसे घेर लिया। बाद में सामने आए एक वीडियो क्लिप में देखा गया कि दुर्गेश को थप्पड़ मारे जा रहे हैं, जमीन पर दबोचकर गिराया गया और कई लोग मिलकर उसकी पिटाई कर रहे हैं।

उधर कुछ सप्ताह पहले फतेहपुर जिले के खागा नगर में नवीन बस स्टॉप के पास एक मामूली कहासुनी के बाद एक दलित युवक के साथ कथित रूप से मारपीट की गई। पीड़ित आदित्य कुमार ने मीडिया को बताया कि जब वह अपनी साइकिल से जा रहा था, तो उसकी साइकिल गलती से बैरागी पुरवा निवासी कृष्णा पटेल की बाइक से छू गई।

आदित्य के अनुसार, पटेल और उसके साथियों ने उसे रोका और हिंसक हमला कर दिया। पीड़ित युवक ने अपनी शिकायत में कहा, "उन्होंने मुझे बुरी तरह पीटा, मेरे सिर पर वार किया, जिससे काफी खून बह गया। उन्होंने मुझे जातिसूचक गालियां भी दीं।”

उधर राजस्थान के बाड़मेर जिले में आठ वर्षीय एक दलित बच्चे को कथित रूप से पानी के घड़े को छूने के कारण बुरी तरह पीटा गया और पेड़ से उल्टा लटका दिया गया।

लड़के की मां पुरी देवी के हवाले से द ऑब्जर्वर पोस्ट ने लिखा कि बच्चा शुक्रवार को अपने गांव भाखरपुरा में खेल रहा था। तभी दो लोग—नरनाराम प्रजापत और डेमाराम प्रजापत—ने उसे बाथरूम साफ करने और कचरा उठाने को कहा। काम पूरा करने के बाद, बच्चे ने पानी मांगा और घड़ा छू लिया, जिससे कथित तौर पर यह बर्बर हमला हुआ। 

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