उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची से 3 करोड़ से अधिक नाम हटाए जाने की संभावना है। इनमें लखनऊ और गाजियाबाद जिलों में सबसे अधिक नाम कटने की आशंका है।

साभार : अमर उजाला
उत्तर प्रदेश की मतदाता सूची से तीन करोड़ से अधिक नाम हटाए जाने की संभावना जताई जा रही है। विभिन्न जिलों से मिल रही रिपोर्टों के अनुसार, अनुपस्थित, स्थानांतरित, दूसरी जगह दर्ज या मृत (ASD) श्रेणी में आने वाले मतदाताओं का प्रतिशत 20% से अधिक पाया गया है। विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) से जुड़े सूत्रों का कहना है कि लखनऊ और गाजियाबाद में यह आंकड़ा 25% से 30% तक पहुंच सकता है।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में 27 अक्तूबर 2025 की रिपोर्ट के अनुसार कुल मतदाता संख्या 15,44,30,092 है। SIR के तहत जहां 11 दिसंबर तक गणना फॉर्म भरकर जमा किए जा सकते हैं, वहीं इसी विशेष अभियान में मृतक, अनुपस्थित, जगह छोड़ चुके और दूसरे स्थान पर पहले से पंजीकृत मतदाताओं को चिह्नित करने का काम भी किया जा रहा है। चुनाव आयोग से प्राप्त आधिकारिक जानकारी के अनुसार औरैया, आजमगढ़ और एटा जिलों ने SIR का कार्य पूरी तरह पूरा कर लिया है। एटा जिला निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक, जिले में कुल 13,11,967 मतदाता दर्ज हैं, जिनमें से 18% मतदाता ASD श्रेणी में पाए गए हैं। इस तथ्य की पुष्टि एटा के जिला निर्वाचन अधिकारी और डीएम प्रेम रंजन ने भी की है।
इस प्रकार, 11 दिसंबर की रात के बाद एटा का स्थानीय प्रशासन इन सभी नामों को मतदाता सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू करेगा। ASD श्रेणी में सबसे अधिक संख्या स्थानांतरित मतदाताओं की है—लगभग 7.9%। इसके बाद 5.7% अनुपस्थित, 2.49% मृतक और 1.023% ऐसे मतदाता मिले हैं जिनके नाम कहीं और दर्ज हैं।
SIR से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, अब तक की समीक्षा दर्शाती है कि पूरे प्रदेश में लगभग 6% अनुपस्थित, 10% स्थानांतरित और 4% मृतकों के नाम मतदाता सूची से हटाए जाएंगे।
ज्ञात हो कि निर्वाचन आयोग (ECI) द्वारा 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों—अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल—में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का दूसरा और सबसे व्यापक चरण जारी है। 27 अक्टूबर 2025 के निर्देश के अनुसार इस चरण की तय तिथि “01.01.2026” निर्धारित की गई है।
उधर, चुनाव आयोग (EC) ने नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के तहत वोटरों के एन्यूमरेशन फॉर्म जमा करने की अंतिम तारीख 4 दिसंबर से बढ़ाकर 11 दिसंबर कर दी है। इसके चलते वोटर सूची के प्रकाशन की तारीख 7 फरवरी 2026 से बदलकर अब 14 फरवरी 2026 हो गई है।
11 दिसंबर तक फॉर्म जमा करने वाले सभी मतदाताओं को ड्राफ्ट रोल में शामिल किया जाएगा। अंतिम सूची 14 फरवरी 2026 को जारी होगी।
ड्राफ्ट रोल प्रकाशित होने के बाद, मतदाताओं के पास 16 दिसंबर से 15 जनवरी 2026 तक दावा और आपत्ति दर्ज कराने का एक महीना होगा। जो लोग पिछले इंटेंसिव रिवीजन के आधार पर अपने या अपने रिश्तेदारों के नाम को लिंक नहीं करा पाए थे, उन्हें 16 दिसंबर से 7 फरवरी 2026 के बीच आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे।
यह निर्णय ऐसे समय आया है जब कुछ दिन पहले भारत के चीफ जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने संकेत दिया था कि यदि याचिकाकर्ता औपचारिक रूप से याचिका दायर करते हैं, तो कोर्ट EC को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट के प्रकाशन की समय-सीमा बढ़ाने का निर्देश दे सकती है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 26 नवंबर को पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में SIR प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर EC से जवाब मांगते हुए पीठ ने कहा:
“अगर आप कोई केस बनाते हैं, तो हम उन्हें तारीख बढ़ाने का निर्देश दे सकते हैं। क्या वह तारीख कोर्ट के लिए यह कहने का आधार हो सकती है कि हमारे पास कोई पावर नहीं है? यह कोर्ट हमेशा ऐसा कह सकता है।”
बता दें कि 24 जून को EC ने बिहार से शुरुआत करते हुए इलेक्ट्रोरल रोल्स के SIR का आदेश दिया था, क्योंकि राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले थे। आदेश के अनुसार, 2003 के बाद पंजीकृत सभी लोगों को—जब बिहार में आखिरी बार इंटेंसिव रिवीजन हुआ था—जन्म तिथि और/या जन्मस्थान साबित करने के लिए 11 दस्तावेजों की एक इंडिकेटिव लिस्ट में से दस्तावेज जमा करने को कहा गया था।
बिहार SIR के चलते राज्य में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या में 6% की कमी दर्ज की गई। EC ने कहा कि नाम इसलिए हटाए गए क्योंकि मतदाता मृत्यु, स्थानांतरण या अनुपलब्धता के कारण सूची में नहीं थे। इसके बाद 27 अक्टूबर को EC ने 12 राज्यों/UTs के लिए नया शेड्यूल घोषित किया, जिसमें 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक गिनती का चरण तय किया गया था। EC के अनुसार, बाकी राज्यों और UTs में गिनती का काम समय पर पूरा कर लिया जाएगा।
SIR पर EC के आदेश को विपक्षी नेताओं, राजनीतिक दलों और सिविल सोसाइटी समूहों ने कई याचिकाओं के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
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साभार : अमर उजाला
उत्तर प्रदेश की मतदाता सूची से तीन करोड़ से अधिक नाम हटाए जाने की संभावना जताई जा रही है। विभिन्न जिलों से मिल रही रिपोर्टों के अनुसार, अनुपस्थित, स्थानांतरित, दूसरी जगह दर्ज या मृत (ASD) श्रेणी में आने वाले मतदाताओं का प्रतिशत 20% से अधिक पाया गया है। विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) से जुड़े सूत्रों का कहना है कि लखनऊ और गाजियाबाद में यह आंकड़ा 25% से 30% तक पहुंच सकता है।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में 27 अक्तूबर 2025 की रिपोर्ट के अनुसार कुल मतदाता संख्या 15,44,30,092 है। SIR के तहत जहां 11 दिसंबर तक गणना फॉर्म भरकर जमा किए जा सकते हैं, वहीं इसी विशेष अभियान में मृतक, अनुपस्थित, जगह छोड़ चुके और दूसरे स्थान पर पहले से पंजीकृत मतदाताओं को चिह्नित करने का काम भी किया जा रहा है। चुनाव आयोग से प्राप्त आधिकारिक जानकारी के अनुसार औरैया, आजमगढ़ और एटा जिलों ने SIR का कार्य पूरी तरह पूरा कर लिया है। एटा जिला निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक, जिले में कुल 13,11,967 मतदाता दर्ज हैं, जिनमें से 18% मतदाता ASD श्रेणी में पाए गए हैं। इस तथ्य की पुष्टि एटा के जिला निर्वाचन अधिकारी और डीएम प्रेम रंजन ने भी की है।
इस प्रकार, 11 दिसंबर की रात के बाद एटा का स्थानीय प्रशासन इन सभी नामों को मतदाता सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू करेगा। ASD श्रेणी में सबसे अधिक संख्या स्थानांतरित मतदाताओं की है—लगभग 7.9%। इसके बाद 5.7% अनुपस्थित, 2.49% मृतक और 1.023% ऐसे मतदाता मिले हैं जिनके नाम कहीं और दर्ज हैं।
SIR से जुड़े अधिकारियों के अनुसार, अब तक की समीक्षा दर्शाती है कि पूरे प्रदेश में लगभग 6% अनुपस्थित, 10% स्थानांतरित और 4% मृतकों के नाम मतदाता सूची से हटाए जाएंगे।
ज्ञात हो कि निर्वाचन आयोग (ECI) द्वारा 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों—अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल—में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का दूसरा और सबसे व्यापक चरण जारी है। 27 अक्टूबर 2025 के निर्देश के अनुसार इस चरण की तय तिथि “01.01.2026” निर्धारित की गई है।
उधर, चुनाव आयोग (EC) ने नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के तहत वोटरों के एन्यूमरेशन फॉर्म जमा करने की अंतिम तारीख 4 दिसंबर से बढ़ाकर 11 दिसंबर कर दी है। इसके चलते वोटर सूची के प्रकाशन की तारीख 7 फरवरी 2026 से बदलकर अब 14 फरवरी 2026 हो गई है।
11 दिसंबर तक फॉर्म जमा करने वाले सभी मतदाताओं को ड्राफ्ट रोल में शामिल किया जाएगा। अंतिम सूची 14 फरवरी 2026 को जारी होगी।
ड्राफ्ट रोल प्रकाशित होने के बाद, मतदाताओं के पास 16 दिसंबर से 15 जनवरी 2026 तक दावा और आपत्ति दर्ज कराने का एक महीना होगा। जो लोग पिछले इंटेंसिव रिवीजन के आधार पर अपने या अपने रिश्तेदारों के नाम को लिंक नहीं करा पाए थे, उन्हें 16 दिसंबर से 7 फरवरी 2026 के बीच आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे।
यह निर्णय ऐसे समय आया है जब कुछ दिन पहले भारत के चीफ जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने संकेत दिया था कि यदि याचिकाकर्ता औपचारिक रूप से याचिका दायर करते हैं, तो कोर्ट EC को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट के प्रकाशन की समय-सीमा बढ़ाने का निर्देश दे सकती है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 26 नवंबर को पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में SIR प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर EC से जवाब मांगते हुए पीठ ने कहा:
“अगर आप कोई केस बनाते हैं, तो हम उन्हें तारीख बढ़ाने का निर्देश दे सकते हैं। क्या वह तारीख कोर्ट के लिए यह कहने का आधार हो सकती है कि हमारे पास कोई पावर नहीं है? यह कोर्ट हमेशा ऐसा कह सकता है।”
बता दें कि 24 जून को EC ने बिहार से शुरुआत करते हुए इलेक्ट्रोरल रोल्स के SIR का आदेश दिया था, क्योंकि राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले थे। आदेश के अनुसार, 2003 के बाद पंजीकृत सभी लोगों को—जब बिहार में आखिरी बार इंटेंसिव रिवीजन हुआ था—जन्म तिथि और/या जन्मस्थान साबित करने के लिए 11 दस्तावेजों की एक इंडिकेटिव लिस्ट में से दस्तावेज जमा करने को कहा गया था।
बिहार SIR के चलते राज्य में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या में 6% की कमी दर्ज की गई। EC ने कहा कि नाम इसलिए हटाए गए क्योंकि मतदाता मृत्यु, स्थानांतरण या अनुपलब्धता के कारण सूची में नहीं थे। इसके बाद 27 अक्टूबर को EC ने 12 राज्यों/UTs के लिए नया शेड्यूल घोषित किया, जिसमें 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक गिनती का चरण तय किया गया था। EC के अनुसार, बाकी राज्यों और UTs में गिनती का काम समय पर पूरा कर लिया जाएगा।
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