आजमगढ़: दलित लोको पायलट की पिटाई कर हत्या का आरोप, छह आरोपी गिरफ्तार

Written by sabrang india | Published on: September 10, 2025
“परिवार ने बताया है कि दुर्गेश की पिटाई की गई और उसे ज़बरदस्ती ज़हर पिलाया गया। वीडियो में आरोपियों की स्पष्ट पहचान होती है। उन्हें गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की जा रही है।”



सोमवार को आजमगढ़ के नौशेरा गांव में उस समय तनाव फैल गया, जब 24 वर्षीय दलित युवक दुर्गेश कुमार की हत्या की खबर सामने आई। लोको पायलट के रूप में कार्यरत दुर्गेश को कथित रूप से छह लोगों ने पीटा और उसे ज़हर पीने के लिए मजबूर किया। यह विवाद गांव की एक लड़की के साथ उसके संबंधों को लेकर बताया जा रहा है।

द ऑब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, दुर्गेश के छोटे भाई अजीत कुमार के अनुसार, आरोपियों में से एक, ज्ञानेंद्र मिश्रा ने शनिवार शाम उसे फोन कर “मामला सुलझाने” के बहाने बुलाया। जब दुर्गेश वहां पहुंचा, तो गणेश यादव, अजय यादव, श्रवण यादव, शेरू यादव, गोविंद यादव और ज्ञानेंद्र मिश्रा ने उसे घेर लिया। बाद में सामने आए एक वीडियो क्लिप में देखा गया कि दुर्गेश को थप्पड़ मारे जा रहे हैं, जमीन पर दबोचकर गिराया गया और कई लोग मिलकर उसकी पिटाई कर रहे हैं।

अजीत ने कहा, "उसने किसी तरह जेब में छिपाकर रखे एक दूसरे मोबाइल से मुझे फोन किया। उसने पिटाई की पूरी घटना बताई और हमलावरों के नाम भी बताए। जब मैं वहां पहुंचा, तो तुरंत उसे अस्पताल ले गया, लेकिन डॉक्टरों ने कुछ ही मिनटों में उसे मृत घोषित कर दिया।”

पीड़ित के पिता ने कहा, “वह मेरे परिवार का अकेला कमाने वाला सदस्य था। उन्होंने मेरा बेटा, मेरी रोशनी छीन ली है।”

पोस्टमार्टम के बाद, दुर्गेश के परिवार और गांव के लोगों ने आजमगढ़–गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर दिया और कड़ी कार्रवाई की मांग की। इस प्रदर्शन के कारण भारी ट्रैफिक जाम हो गया, जिसे हटाने के लिए पुलिस ने तीन थानों और पीएसी के जवानों को तैनात किया।

एसपी (ग्रामीण) चिराग जैन ने पुष्टि की कि हत्या के आरोप में छह आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने कहा, “परिवार ने बताया है कि दुर्गेश की पिटाई की गई और उसे ज़बरदस्ती ज़हर पिलाया गया। वीडियो में आरोपियों की स्पष्ट पहचान होती है। उन्हें गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की जा रही है।”

वाराणसी ज़ोन के अतिरिक्त महानिदेशक पियूष मोर्दिया ने कहा कि पोस्टमार्टम में मौत का कारण ज़हर पिलाना पाया गया है। उन्होंने बताया, “आंतरिक अंगों को आगे की जांच के लिए संरक्षित किया गया है। गांव में भारी पुलिस तैनाती की गई है और आरोपियों को पकड़ने के लिए प्रयास जारी हैं।”

गौरतलब है कि हाल ही में फतेहपुर जिले के खागा नगर में नवीन बस स्टॉप के पास एक मामूली कहासुनी के बाद एक दलित युवक के साथ कथित रूप से मारपीट की गई। पीड़ित आदित्य कुमार ने मीडिया को बताया कि जब वह अपनी साइकिल से जा रहा था, तो उसकी साइकिल गलती से बैरागी पुरवा निवासी कृष्णा पटेल की बाइक से छू गई।

आदित्य के अनुसार, पटेल और उसके साथियों ने उसे रोका और हिंसक हमला कर दिया। पीड़ित युवक ने अपनी शिकायत में कहा, "उन्होंने मुझे बुरी तरह पीटा, मेरे सिर पर वार किया, जिससे काफी खून बह गया। उन्होंने मुझे जातिसूचक गालियां भी दीं।”

कुछ दिनों पहले राजस्थान के बाड़मेर जिले में आठ वर्षीय एक दलित बच्चे को कथित रूप से पानी के घड़े को छूने के कारण बुरी तरह पीटा गया और पेड़ से उल्टा लटका दिया गया।

लड़के की मां पुरी देवी के हवाले से द ऑब्जर्वर पोस्ट ने लिखा कि बच्चा शुक्रवार को अपने गांव भाखरपुरा में खेल रहा था। तभी दो लोग—नरनाराम प्रजापत और डेमाराम प्रजापत—ने उसे बाथरूम साफ करने और कचरा उठाने को कहा। काम पूरा करने के बाद, बच्चे ने पानी मांगा और घड़ा छू लिया, जिससे कथित तौर पर यह बर्बर हमला हुआ।

पिछले महीने गुजरात के जूनागढ़ में भी एक दलित युवक के साथ मारपीट, लूटपाट और जान से मारने की धमकी की गंभीर घटना सामने आई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जो यह दिखाता है कि स्वतंत्रता के दशकों बाद भी समाज में जातिवाद की गहरी जड़ें अब भी मौजूद हैं।

यह घटना 16 अगस्त की दोपहर उस समय हुई, जब पीड़ित युवक अपने एक दोस्त से मिलने गया था। उसी दौरान एक लड़का उसके पास आया और मदद की गुहार लगाई, यह कहते हुए कि उसके भाई को कहीं ले जाया जा रहा है। पीड़ित युवक और उसका मित्र उसकी सहायता के इरादे से स्वामी विवेकानंद स्कूल के मैदान तक पहुंचे। वहां पहुंचकर उन्हें एहसास हुआ कि यह पूरी तरह से एक सोची-समझी साजिश थी और उन्हें फंसाया गया।

मैदान में तीन ऊंची जाति के युवकों ने दलित युवक को घेर लिया और पूछताछ शुरू कर दी। जब उसने बताया कि वह कड़ियावाड़ का है, तो हितेश नामक युवक और उसके दो साथियों ने उसे जातिसूचक गालियां दीं और बेल्ट व डंडों से बुरी तरह पीटा, जिससे युवक को गंभीर चोटें आईं।

हमलावरों ने उसका मोबाइल फोन भी छीन लिया और पुलिस में शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी।

गत अप्रैल में उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले में भी एक दलित छात्र के साथ मारपीट की घटना सामने आई थी। शिक्षक की बोतल से पानी पीने पर गुस्साए शिक्षक ने छात्र को बुरी तरह पीटा। पिटाई से उसकी उंगलियां टूट गईं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने शिकायत मिलने पर आरोपी शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज किया। आरोप था कि टीचर ने दलित छात्र को स्कूल के कमरे में बंद कर पीटा और जातिसूचक गालियां दीं। पीड़ित छात्र के परिजनों के मुताबिक, पिटाई से उसके हाथ की दो उंगलियां टूट गईं।

आरोपी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पीड़ित छात्र के परिजन एसपी के पास पहुंचे और उन्हें घटना के संबंध में जानकारी दी। एसपी के निर्देश पर आरोपी शिक्षक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। यह मामला मैनपुरी जिले के किशनी थाना क्षेत्र के हरीपुर गांव स्थित नरेंद्र प्रताप सिंह मेमोरियल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का था।

सरकारी रिपोर्टों के अनुसार, 2022 में अनुसूचित जातियों के खिलाफ अत्याचार के लगभग 97.7% मामले 13 राज्यों में दर्ज किए गए, जिनमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में सबसे अधिक मामले सामने आए।

इसी प्रकार, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत, अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के खिलाफ अत्याचार के ज्यादातर मामले भी इन्हीं 13 राज्यों में केंद्रित थे, जहां 2022 में कुल मामलों का 98.91% दर्ज किया गया।

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