कार्बी आंगलोंग के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजीब कुमार सैकिया ने बताया कि नेहकाम जोम्हाओ का शव गुरुवार को एक नदी से बरामद किया गया, जिसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

असम के कार्बी आंगलोंग जिले की एक नदी से 59 वर्षीय आदिवासी नेता का शव बरामद हुआ है। पुलिस के अनुसार, कुछ दिन पहले उनका अपहरण कर कुकी उग्रवादी गुट से जुड़े पांच लोगों ने उनकी हत्या कर दी थी। अधिकारियों ने शुक्रवार को इस घटना की जानकारी दी।
मृतक की पहचान नेहकाम जोम्हाओ के रूप में हुई है, जिन्होंने 16 अगस्त को इंफाल में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया था। इस बैठक में थाडो समुदाय और मैतेई नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। मणिपुर में पिछले वर्ष भड़की जातीय हिंसा के बाद यह दोनों पक्षों के बीच पहली औपचारिक बातचीत थी।
द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, कार्बी आंगलोंग के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजीब कुमार सैकिया ने बताया कि नेहकाम जोम्हाओ का शव गुरुवार को एक नदी से बरामद किया गया, जिसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। उन्होंने कहा, “पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच और कानूनी प्रक्रिया जारी है। अभी और जानकारी साझा करना संभव नहीं है।”
थाडो लिटरेरी सोसाइटी असम के अध्यक्ष जोम्हाओ पिछले शनिवार को मंझा स्थित अपने घर से लापता हो गए थे। जांच के दौरान पता चला कि अपहरण और हत्या में शामिल पांच लोग कुकी रिवॉल्यूशनरी आर्मी (KRA) से जुड़े हुए हैं। यह संगठन पहले से ही केंद्र सरकार के साथ सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन्स (SoO) समझौते पर हस्ताक्षर कर चुका है।
पुलिस के अनुसार, नेहकाम जोम्हाओ को अपहरण के बाद जंगल में ले जाया गया, जहां उनकी हत्या कर दी गई। इसके बाद उनका शव नदी में फेंक दिया गया। शव को लंबी तलाश के बाद बरामद किया गया।
कुकी रिवोल्यूशनरी आर्मी (KRA) ने स्वीकार किया है कि आदिवासी नेता नेहकाम जोम्हाओ की हत्या उसके कैडरों द्वारा की गई। संगठन ने इस घटना को “घोर आपराधिक कृत्य” बताते हुए गहरा दुख और शर्मिंदगी व्यक्त की है। KRA के महासचिव एल.एस. गंगटे ने एक बयान जारी कर कहा कि यह कार्रवाई संगठन की जानकारी या अनुमति के बिना की गई थी।
एल.एस. गंगटे ने कहा, “कैडरों ने यह कदम भावनात्मक आवेग में आकर उठाया। हमें इस घटना पर गहरा खेद है। हम मृतक के परिवार से माफी मांगते हैं और इन पांचों कैडरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर रहे हैं।”
संगठन ने पुलिस की जांच में पूरा सहयोग करने और आंतरिक समीक्षा कर अनुशासन व जवाबदेही को मजबूत करने की बात कही।
इस हत्या को लेकर आदिवासी समुदाय में गहरी नाराजगी फैल गई है। थाडो इंपी मणिपुर, थाडो स्टूडेंट्स एसोसिएशन और थाडो कम्युनिटी इंटरनेशनल सहित कई संगठनों ने इस जघन्य कृत्य की कड़ी निंदा की है।
यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब केंद्र सरकार ने हाल ही में मणिपुर सरकार और कुकी-ज़ो उग्रवादी गुटों के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के परिणामस्वरूप दो वर्षों से बंद पड़ी एक महत्वपूर्ण राजमार्ग पर यातायात बहाल हो सका है। इसे मणिपुर में शांति और स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति के रूप में देखा जा रहा है।
मणिपुर में वर्ष 2023 से अब तक जारी जातीय हिंसा में कम से कम 260 लोगों की जान जा चुकी है। इस हिंसा के चलते मैतेई और कुकी-ज़ो समुदायों के क्षेत्र एक-दूसरे से अलग हो गए हैं। हालात को नियंत्रित करने और शांति बहाल करने के लिए सुरक्षा बलों ने इन इलाकों के बीच बफर ज़ोन स्थापित किए हैं।
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असम के कार्बी आंगलोंग जिले की एक नदी से 59 वर्षीय आदिवासी नेता का शव बरामद हुआ है। पुलिस के अनुसार, कुछ दिन पहले उनका अपहरण कर कुकी उग्रवादी गुट से जुड़े पांच लोगों ने उनकी हत्या कर दी थी। अधिकारियों ने शुक्रवार को इस घटना की जानकारी दी।
मृतक की पहचान नेहकाम जोम्हाओ के रूप में हुई है, जिन्होंने 16 अगस्त को इंफाल में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया था। इस बैठक में थाडो समुदाय और मैतेई नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। मणिपुर में पिछले वर्ष भड़की जातीय हिंसा के बाद यह दोनों पक्षों के बीच पहली औपचारिक बातचीत थी।
द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, कार्बी आंगलोंग के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजीब कुमार सैकिया ने बताया कि नेहकाम जोम्हाओ का शव गुरुवार को एक नदी से बरामद किया गया, जिसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। उन्होंने कहा, “पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। जांच और कानूनी प्रक्रिया जारी है। अभी और जानकारी साझा करना संभव नहीं है।”
थाडो लिटरेरी सोसाइटी असम के अध्यक्ष जोम्हाओ पिछले शनिवार को मंझा स्थित अपने घर से लापता हो गए थे। जांच के दौरान पता चला कि अपहरण और हत्या में शामिल पांच लोग कुकी रिवॉल्यूशनरी आर्मी (KRA) से जुड़े हुए हैं। यह संगठन पहले से ही केंद्र सरकार के साथ सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन्स (SoO) समझौते पर हस्ताक्षर कर चुका है।
पुलिस के अनुसार, नेहकाम जोम्हाओ को अपहरण के बाद जंगल में ले जाया गया, जहां उनकी हत्या कर दी गई। इसके बाद उनका शव नदी में फेंक दिया गया। शव को लंबी तलाश के बाद बरामद किया गया।
कुकी रिवोल्यूशनरी आर्मी (KRA) ने स्वीकार किया है कि आदिवासी नेता नेहकाम जोम्हाओ की हत्या उसके कैडरों द्वारा की गई। संगठन ने इस घटना को “घोर आपराधिक कृत्य” बताते हुए गहरा दुख और शर्मिंदगी व्यक्त की है। KRA के महासचिव एल.एस. गंगटे ने एक बयान जारी कर कहा कि यह कार्रवाई संगठन की जानकारी या अनुमति के बिना की गई थी।
एल.एस. गंगटे ने कहा, “कैडरों ने यह कदम भावनात्मक आवेग में आकर उठाया। हमें इस घटना पर गहरा खेद है। हम मृतक के परिवार से माफी मांगते हैं और इन पांचों कैडरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर रहे हैं।”
संगठन ने पुलिस की जांच में पूरा सहयोग करने और आंतरिक समीक्षा कर अनुशासन व जवाबदेही को मजबूत करने की बात कही।
इस हत्या को लेकर आदिवासी समुदाय में गहरी नाराजगी फैल गई है। थाडो इंपी मणिपुर, थाडो स्टूडेंट्स एसोसिएशन और थाडो कम्युनिटी इंटरनेशनल सहित कई संगठनों ने इस जघन्य कृत्य की कड़ी निंदा की है।
यह घटना ऐसे समय में सामने आई है जब केंद्र सरकार ने हाल ही में मणिपुर सरकार और कुकी-ज़ो उग्रवादी गुटों के साथ एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के परिणामस्वरूप दो वर्षों से बंद पड़ी एक महत्वपूर्ण राजमार्ग पर यातायात बहाल हो सका है। इसे मणिपुर में शांति और स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति के रूप में देखा जा रहा है।
मणिपुर में वर्ष 2023 से अब तक जारी जातीय हिंसा में कम से कम 260 लोगों की जान जा चुकी है। इस हिंसा के चलते मैतेई और कुकी-ज़ो समुदायों के क्षेत्र एक-दूसरे से अलग हो गए हैं। हालात को नियंत्रित करने और शांति बहाल करने के लिए सुरक्षा बलों ने इन इलाकों के बीच बफर ज़ोन स्थापित किए हैं।
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