आंध्र: पति के कर्ज के कारण महिला को बच्चों के सामने पेड़ से बांधकर पीटा गया

यह दर्दनाक घटना आंध्र प्रदेश के चित्तूर ज़िले के कुप्पम की है, जहां 25 वर्षीय सिरिषा नाम की एक महिला को उसके पति द्वारा लिए गए कर्ज के कारण पेड़ से बांधकर पीटा गया।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस चौंकाने वाले वीडियो ने पूरे राज्य में आक्रोश पैदा कर दिया है। वीडियो में सिरिषा को नीम के पेड़ से बांधकर पीटा जा रहा है। बताया गया है कि यह क्रूरता उसके पति द्वारा लिए गए कर्ज के कारण की गई।
वीडियो में उसके बच्चों की चीख-पुकार भी सुनाई देती है। वीडियो के वायरल होने के बाद घटना की व्यापक निंदा हुई। यह घटना एक दिन पुरानी बताई जा रही है और यह साफ तौर पर डराने-धमकाने और अवैध बंदी बनाने का मामला है।
पुलिस कार्रवाई और मुख्यमंत्री का दखल
साउथ फर्स्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इस अमानवीय घटना के बाद पुलिस ने कार्रवाई की और मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने व्यक्तिगत रूप से मामले में हस्तक्षेप किया। उल्लेखनीय है कि कुप्पम नायडू का गृह निर्वाचन क्षेत्र है।
घटना सामने आते ही विपक्षी वाईएसआरसीपी ने आरोप लगाया कि हमलावरों का संबंध सत्ताधारी टीडीपी से है। हालांकि, पुलिस ने हमलावरों और किसी भी राजनीतिक पार्टी के बीच कोई संबंध होने से इनकार किया है।
कुप्पम के उप-प्रभागीय पुलिस अधिकारी (SDPO) पार्थसारथी ने साउथ फर्स्ट को बताया, “सिरिषा और उनके पति थिम्मरय्यप्पा कुछ साल पहले नारायणपुरम में रहते थे। लेकिन थिम्मरय्यप्पा के लाखों रुपये के कर्ज के कारण वे तीन साल पहले बेंगलुरु भाग गए थे।”
16 जून को, सिरिषा अपने चाचा और दो बच्चों के साथ स्कूल से प्रमाणपत्र लेने गांव लौटी थीं।
SDPO पार्थसारथी ने बताया, “मुनिकन्नप्पा और वेंकटेशम्मा नाम के एक बुजुर्ग दंपति ने उन्हें 80,000 रुपये कर्ज दिए थे। उन्होंने सिरिषा को गांव में देख लिया और फिर अपने बेटे राजा और बहू जगदीश्वरी के साथ मिलकर उसे पकड़ लिया। उन्होंने सिरिषा को अपने घर के नीम के पेड़ से बांध दिया और धमकी दी कि जब तक उसका पति वापस नहीं आता और पैसा नहीं चुकाता, तब तक वह वहीं बंधी रहेगी।”
उन्होंने आगे बताया, “करीब दोपहर 2:30 बजे हमें घटना की एक तस्वीर मिली। इसके बाद हमने तुरंत पुलिसकर्मियों को मौके पर भेजा। वहां पहुंचने पर हमने देखा कि हमलावर सिरिषा से बात कर रहे थे। उसे तुरंत खोला गया और घर के भीतर बैठाया गया। हमने सिरिषा को थाने लाकर मामला दर्ज किया।”
SDPO ने कहा, “हमने चारों हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया है और वे रिमांड पर हैं। उनके खिलाफ हत्या की कोशिश, गैरकानूनी तरीके से बंधक बनाने और मारपीट के आरोप दर्ज किए गए हैं।”
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने घटना की तीखी निंदा करते हुए एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि वह पूरे मामले पर नजर रखे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने मुनिकन्नप्पा को मुख्य हमलावर बताया और इसे “अमानवीय” कृत्य करार दिया, जिसे उसने अपने परिवार के साथ मिलकर अंजाम दिया। हालांकि प्रेस विज्ञप्ति में मुनिकन्नप्पा और टीडीपी के बीच किसी प्रकार के संबंध का कोई उल्लेख नहीं किया गया।
मुख्यमंत्री ने चित्तूर के पुलिस अधीक्षक (SP) मणिकंठ चंदोलू से संपर्क कर कार्रवाई की जानकारी ली। SP ने उन्हें बताया कि आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
इसके बाद नायडू ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि “जिस व्यक्ति ने महिला को पेड़ से बांधकर प्रताड़ित किया, उसके खिलाफ सबसे सख्त कार्रवाई की जाए।”
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, और पीड़िता व उसके परिवार को हरसंभव सहायता प्रदान की जाए।
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यह दर्दनाक घटना आंध्र प्रदेश के चित्तूर ज़िले के कुप्पम की है, जहां 25 वर्षीय सिरिषा नाम की एक महिला को उसके पति द्वारा लिए गए कर्ज के कारण पेड़ से बांधकर पीटा गया।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस चौंकाने वाले वीडियो ने पूरे राज्य में आक्रोश पैदा कर दिया है। वीडियो में सिरिषा को नीम के पेड़ से बांधकर पीटा जा रहा है। बताया गया है कि यह क्रूरता उसके पति द्वारा लिए गए कर्ज के कारण की गई।
वीडियो में उसके बच्चों की चीख-पुकार भी सुनाई देती है। वीडियो के वायरल होने के बाद घटना की व्यापक निंदा हुई। यह घटना एक दिन पुरानी बताई जा रही है और यह साफ तौर पर डराने-धमकाने और अवैध बंदी बनाने का मामला है।
पुलिस कार्रवाई और मुख्यमंत्री का दखल
साउथ फर्स्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इस अमानवीय घटना के बाद पुलिस ने कार्रवाई की और मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने व्यक्तिगत रूप से मामले में हस्तक्षेप किया। उल्लेखनीय है कि कुप्पम नायडू का गृह निर्वाचन क्षेत्र है।
घटना सामने आते ही विपक्षी वाईएसआरसीपी ने आरोप लगाया कि हमलावरों का संबंध सत्ताधारी टीडीपी से है। हालांकि, पुलिस ने हमलावरों और किसी भी राजनीतिक पार्टी के बीच कोई संबंध होने से इनकार किया है।
कुप्पम के उप-प्रभागीय पुलिस अधिकारी (SDPO) पार्थसारथी ने साउथ फर्स्ट को बताया, “सिरिषा और उनके पति थिम्मरय्यप्पा कुछ साल पहले नारायणपुरम में रहते थे। लेकिन थिम्मरय्यप्पा के लाखों रुपये के कर्ज के कारण वे तीन साल पहले बेंगलुरु भाग गए थे।”
16 जून को, सिरिषा अपने चाचा और दो बच्चों के साथ स्कूल से प्रमाणपत्र लेने गांव लौटी थीं।
SDPO पार्थसारथी ने बताया, “मुनिकन्नप्पा और वेंकटेशम्मा नाम के एक बुजुर्ग दंपति ने उन्हें 80,000 रुपये कर्ज दिए थे। उन्होंने सिरिषा को गांव में देख लिया और फिर अपने बेटे राजा और बहू जगदीश्वरी के साथ मिलकर उसे पकड़ लिया। उन्होंने सिरिषा को अपने घर के नीम के पेड़ से बांध दिया और धमकी दी कि जब तक उसका पति वापस नहीं आता और पैसा नहीं चुकाता, तब तक वह वहीं बंधी रहेगी।”
उन्होंने आगे बताया, “करीब दोपहर 2:30 बजे हमें घटना की एक तस्वीर मिली। इसके बाद हमने तुरंत पुलिसकर्मियों को मौके पर भेजा। वहां पहुंचने पर हमने देखा कि हमलावर सिरिषा से बात कर रहे थे। उसे तुरंत खोला गया और घर के भीतर बैठाया गया। हमने सिरिषा को थाने लाकर मामला दर्ज किया।”
SDPO ने कहा, “हमने चारों हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया है और वे रिमांड पर हैं। उनके खिलाफ हत्या की कोशिश, गैरकानूनी तरीके से बंधक बनाने और मारपीट के आरोप दर्ज किए गए हैं।”
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने घटना की तीखी निंदा करते हुए एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि उन्होंने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि वह पूरे मामले पर नजर रखे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने मुनिकन्नप्पा को मुख्य हमलावर बताया और इसे “अमानवीय” कृत्य करार दिया, जिसे उसने अपने परिवार के साथ मिलकर अंजाम दिया। हालांकि प्रेस विज्ञप्ति में मुनिकन्नप्पा और टीडीपी के बीच किसी प्रकार के संबंध का कोई उल्लेख नहीं किया गया।
मुख्यमंत्री ने चित्तूर के पुलिस अधीक्षक (SP) मणिकंठ चंदोलू से संपर्क कर कार्रवाई की जानकारी ली। SP ने उन्हें बताया कि आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
इसके बाद नायडू ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि “जिस व्यक्ति ने महिला को पेड़ से बांधकर प्रताड़ित किया, उसके खिलाफ सबसे सख्त कार्रवाई की जाए।”
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