आंध्र विश्वविद्यालय में एक दलित प्रोफेसर से दक्षिणपंथी समूह ने मारपीट की: सूत्र

Written by sabrang india | Published on: December 4, 2024
लोगों का एक समूह विश्वविद्यालय परिसर में घुस आया और डॉ. चंगैया के साथ बहस शुरू कर दी जो सामाजिक न्याय और दलित अधिकारों के लिए जाने जाते हैं। बहस के बाद हाथापाई शुरू हो गई और समूह ने प्रोफेसर की पिटाई कर दी।


प्रतीकात्मक तस्वीर

आंध्र प्रदेश के तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. सीएच चंगैया को परिसर के अंदर बजरंग दल के सदस्यों ने कथित तौर पर पीटा।

इंडिया टूडे की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि आंध्र प्रदेश के तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय के एक दलित प्रोफेसर को बुधवार को दक्षिणपंथी समूह के सदस्यों ने कथित तौर पर पीटा। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर और डीन डॉ. सीएच चंगैया को परिसर के भीतर बजरंग दल के सदस्यों ने कथित तौर पर पीटा।

सूत्रों ने बताया कि लोगों का एक समूह विश्वविद्यालय परिसर में घुस आया और डॉ. चंगैया के साथ बहस शुरू कर दी जो सामाजिक न्याय और दलित अधिकारों के लिए जाने जाते हैं। बहस के बाद हाथापाई शुरू हो गई और समूह ने प्रोफेसर की पिटाई कर दी।

पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। आरोपियों को पकड़ने के लिए तलाश भी शुरू कर दी गई है।

दलित समुदाय के किसी व्यक्ति पर एक सप्ताह के भीतर इस तरह का यह दूसरा हमला है जो सामने आया है। 27 नवंबर को मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के इंद्रगढ़ गांव में एक दलित व्यक्ति को स्थानीय सरपंच और उसके परिवार के सदस्यों ने हैंडपंप से पानी भरने को लेकर कथित तौर पर पीट-पीटकर मार डाला।

पुलिस के अनुसार, इंद्रगढ़ में अपनी मौसी के घर आए 27 वर्षीय नारद जाटव की कथित तौर पर ग्राम प्रधान पद्म सिंह धाकड़ और उसके परिवार द्वारा लाठी और रबर पाइप से पीटने के बाद मौत हो गई।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सुभाषपुरा पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले इंदरगढ़ गांव के एक खेत में कथित तौर पर जाटव की ऊंची जाति के लोगों के एक समूह ने पिटाई की थी।

इस घटना के वीडियो में देखा गया कि जाटव को लाठी-डंडों और पाइपों से बेरहमी से पीटा जा रहा है, जबकि भीड़ तमाशा देख रही है। हमलावरों ने जाटव पर तब भी हमला जारी रखा, जब वह बेहोश हो गया।

बाद में जाटव को कुछ युवकों द्वारा पास के अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।

मध्य प्रदेश में ही एक अन्य मामला सामने आया था जहां जबलपुर में दलित परिवार के साथ हुए क्रूरता का मामला सामने आया था। घटना त्रिपुरी वार्ड स्थित शाहनाला की थी। इस घटना ने प्रदेश की राजनीति को गरमा दिया।

द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा नेता अमित द्विवेदी द्वारा दलित अनिल झारिया और उनकी पत्नी वर्षा पर हुए हमले के बाद पीड़ित परिवार को अपना घर छोड़कर रिश्तेदारों के यहां शरण लेनी पड़ी। घटना के बाद से परिवार डरा हुआ था और आरोपियों के रसूख के कारण पुलिस और प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगा रहा था।

गत 25 नवंबर की सुबह अनिल झारिया अपने घर के पीछे नाले के पास जंगली पेड़ काटकर एक कमरा बनाने की तैयारी कर रहे थे। इसी दौरान पड़ोसी भाजपा नेता अमित द्विवेदी वहां पहुंचा और विवाद शुरू हो गया। बात काफी बढ़ गई। अनिल और उनकी पत्नी वर्षा के साथ अमित, उसके पिता संतोष और मां शिववती ने मारपीट शुरू कर दी।

इस विवाद के दौरान अमित ने अनिल से मारपीट की और उसको जमीन पर गिरा दिया और उसके शरीर पर बैठकर पीटा। जब वर्षा ने इस घटना का वीडियो बनाने की कोशिश की तो अमित की मां ने उन्हें पकड़कर घसीटा और चप्पलों से मारा। इस विवाद में जब अनिल की नाबालिग बेटी ने अपने पिता को बचाने की कोशिश की तो उसे भी चोटें आईं।

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