पूर्वोत्तर क्षेत्रीय कार्यालय शिलांग स्थित केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के मुख्य अभियंता मुकेश कुमार के दौरे के तुरंत बाद फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआई) में 45 छात्रों का विरोध प्रदर्शन 15 मई को शुरू हुआ।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन भारत के तीसरे राष्ट्रीय फिल्म विद्यालय अरुणाचल प्रदेश में फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआई) जोटे परिसर में छात्रों का पहला बैच बुनियादी सुविधाओं की कमी को लेकर करीब एक सप्ताह से विरोध प्रदर्शन कर रहा है। इसके चलते पढ़ने पढ़ाने का काम पूरी तरह से ठप्प हो गया है।
मकतूब की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वोत्तर क्षेत्रीय कार्यालय शिलांग स्थित केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के मुख्य अभियंता मुकेश कुमार के दौरे के तुरंत बाद फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआई) में 45 छात्रों का विरोध प्रदर्शन 15 मई को शुरू हुआ।
प्रदर्शनकारी छात्रों द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मार्च के बाद से नवनिर्मित फिल्म संस्थान में यह दूसरी शैक्षणिक हड़ताल है।
छात्रों द्वारा उठाए गए मुद्दों में स्वच्छ पेयजल, बिजली, पावर बैकअप, परिसर की सुरक्षा, कार्यशील कक्षाएं और डिजिटल एक्सेस की कमी शामिल है। इसके अलावा, क्लासरूम थिएटर (CRT) और पोस्ट-प्रोडक्शन ब्लॉक जैसे प्रमुख शैक्षणिक बुनियादी ढांचे के पूरा होने का वादा अभी भी लंबित है।
छात्रों ने कहा कि हड़ताल पर जाने का उनका निर्णय जल्दबाजी में नहीं लिया गया था बल्कि यह "महीनों से चली आ रही प्रशासनिक उदासीनता और बुनियादी ढांचे व शैक्षणिक आवश्यकताओं के बारे में भी टूटे वादों का परिणाम था।"
उन्होंने कहा, "मार्च 2025 में पढ़ाई रोककर मीटिंग भी हुई थी और लिखित में कई वादे किए गए थे, लेकिन इतने बार बोलने के बाद भी अब तक जरूरी बातों पर कोई काम होता हुआ नहीं दिख रहा है।"
उन्होंने कहा, "छात्र अब भी गंदा पानी पीने से बीमार पड़ रहे हैं, इंटरनेट बार-बार बंद हो जाता है और क्लासेज अधूरे या असुरक्षित कमरों में चल रही हैं।"
FTI जोटे कैंपस के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट की कुल लागत 125 करोड़ रूपये है, जिसमें से 85 करोड़ रूपये पहले ही CPWD (सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट) को दिए जा चुके हैं।
छात्र इसलिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि CPWD ने पहले दी गई डेडलाइन पूरी नहीं की और अब उन्होंने कैंपस की कई इमारतों के काम के लिए नई तारीखें घोषित कर दी हैं।
कुल मिलाकर कैंपस में कम से कम 12 निर्माण कार्य अभी अधूरे हैं, जिनमें गर्ल्स हॉस्टल भी शामिल है। पहले इसे 15 मई 2025 तक पूरा करना था लेकिन अब तारीख बढ़ाकर 31 मई 2025 कर दी गई है।
CPWD के मुताबिक, गर्ल्स हॉस्टल अभी 90% पूरा हुआ है।
क्लासरूम थिएटर के 31 मई 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है, जबकि साउंड ब्लॉक 15 जुलाई तक, डाइनिंग ब्लॉक 31 जुलाई तक, एडमिन ब्लॉक 31 अगस्त 2025 तक पूरा किया जाना है।
वहीं, बॉयज़ हॉस्टल जो फिलहाल 65% बन चुका है उसके लिए 30 सितंबर की डेडलाइन तय की गई है। अकादमिक ब्लॉक को 31 अक्टूबर 2025 तक पूरा करने की योजना है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन भारत के तीसरे राष्ट्रीय फिल्म विद्यालय अरुणाचल प्रदेश में फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआई) जोटे परिसर में छात्रों का पहला बैच बुनियादी सुविधाओं की कमी को लेकर करीब एक सप्ताह से विरोध प्रदर्शन कर रहा है। इसके चलते पढ़ने पढ़ाने का काम पूरी तरह से ठप्प हो गया है।
मकतूब की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वोत्तर क्षेत्रीय कार्यालय शिलांग स्थित केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के मुख्य अभियंता मुकेश कुमार के दौरे के तुरंत बाद फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआई) में 45 छात्रों का विरोध प्रदर्शन 15 मई को शुरू हुआ।
प्रदर्शनकारी छात्रों द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मार्च के बाद से नवनिर्मित फिल्म संस्थान में यह दूसरी शैक्षणिक हड़ताल है।
छात्रों द्वारा उठाए गए मुद्दों में स्वच्छ पेयजल, बिजली, पावर बैकअप, परिसर की सुरक्षा, कार्यशील कक्षाएं और डिजिटल एक्सेस की कमी शामिल है। इसके अलावा, क्लासरूम थिएटर (CRT) और पोस्ट-प्रोडक्शन ब्लॉक जैसे प्रमुख शैक्षणिक बुनियादी ढांचे के पूरा होने का वादा अभी भी लंबित है।
छात्रों ने कहा कि हड़ताल पर जाने का उनका निर्णय जल्दबाजी में नहीं लिया गया था बल्कि यह "महीनों से चली आ रही प्रशासनिक उदासीनता और बुनियादी ढांचे व शैक्षणिक आवश्यकताओं के बारे में भी टूटे वादों का परिणाम था।"
उन्होंने कहा, "मार्च 2025 में पढ़ाई रोककर मीटिंग भी हुई थी और लिखित में कई वादे किए गए थे, लेकिन इतने बार बोलने के बाद भी अब तक जरूरी बातों पर कोई काम होता हुआ नहीं दिख रहा है।"
उन्होंने कहा, "छात्र अब भी गंदा पानी पीने से बीमार पड़ रहे हैं, इंटरनेट बार-बार बंद हो जाता है और क्लासेज अधूरे या असुरक्षित कमरों में चल रही हैं।"
FTI जोटे कैंपस के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट की कुल लागत 125 करोड़ रूपये है, जिसमें से 85 करोड़ रूपये पहले ही CPWD (सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट) को दिए जा चुके हैं।
छात्र इसलिए विरोध कर रहे हैं क्योंकि CPWD ने पहले दी गई डेडलाइन पूरी नहीं की और अब उन्होंने कैंपस की कई इमारतों के काम के लिए नई तारीखें घोषित कर दी हैं।
कुल मिलाकर कैंपस में कम से कम 12 निर्माण कार्य अभी अधूरे हैं, जिनमें गर्ल्स हॉस्टल भी शामिल है। पहले इसे 15 मई 2025 तक पूरा करना था लेकिन अब तारीख बढ़ाकर 31 मई 2025 कर दी गई है।
CPWD के मुताबिक, गर्ल्स हॉस्टल अभी 90% पूरा हुआ है।
क्लासरूम थिएटर के 31 मई 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है, जबकि साउंड ब्लॉक 15 जुलाई तक, डाइनिंग ब्लॉक 31 जुलाई तक, एडमिन ब्लॉक 31 अगस्त 2025 तक पूरा किया जाना है।
वहीं, बॉयज़ हॉस्टल जो फिलहाल 65% बन चुका है उसके लिए 30 सितंबर की डेडलाइन तय की गई है। अकादमिक ब्लॉक को 31 अक्टूबर 2025 तक पूरा करने की योजना है।