लोगों के संघर्ष की जीत: बहराइच का महबूबनगर वन टोंगिया भी बना राजस्व ग्राम, मिल सकेंगी सुविधाएं

Written by Navnish Kumar | Published on: March 18, 2024
लोगों के संघर्ष की एक बार फिर जीत हुई है। उत्तर प्रदेश के बहराइच की तहसील मिहीपुरवा (मोतीपुर) के वन ग्राम महबूब नगर को शासन द्वारा राजस्व ग्राम घोषित कर दिया गया है। अब यहां के तकरीबन साढ़े तीन सौ परिवारों को शासन की योजनाओं के साथ बिजली पानी सड़क आदि की बुनियादी सुविधाएं मिल सकेगी। यही नहीं, अब वन टांगिया गांव महबूबनगर के लोग भी अपने गांव की सरकार यानी पंचायत का चुनाव कर सकेंगे लोगों में खुशी है। अखिल भारतीय वन जन श्रमजीवी यूनियन ने इसे लोगों के एकजुट संघर्ष और वन अधिकार कानून की जीत बताया है। 



मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बहराइच जिले के मोतीपुर तहसील के वन टांगिया गांव महबूबनगर की आबादी 2000 से अधिक है। यह गांव वर्ष 1919 में बसा था। इस गांव के लोग आज आजादी के अमृत काल में भी गांव की सरकार नहीं चुन पाते थे जबकि प्रदेश और केंद्र सरकार के चुनाव में इनको मतदान करने का अधिकार था। इसका मुख्य कारण इनका वन टांगिया गांव का निवासी होना था। 

वन टांगिया गांव को राजस्व ग्राम का दर्जा देने के लिए ग्रामीण काफी दिनों से मांग कर रहे थे। वनाधिकार कानून के तहत अधिकारों को लेकर यूनियन से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी द्वारा बुनियादी सुविधाओं के लिए निरंतर आवाज उठाई जा रही थी। 

आखिरकार लोगों का संघर्ष रंग लाया। उनकी जीत हुई। वनाधिकार कानून की जीत हुई और वन टांगिया गांव महबूबनगर को सरकार ने राजस्व ग्राम घोषित किया। इसकी खबर सुनते ही गांव के लोगों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। अब इस गांव के लोग भी ग्राम पंचायत के चुनाव में मतदान कर सकेंगे साथ ही उनके पक्के आवास भी बन जाएंगे। सरकार की इस घोषणा से लोगों में खुशी है। जिलाधिकारी मोनिका रानी ने बताया कि वन टोंगिया गांव महबूबनगर को प्रदेश सरकार की ओर से राजस्व गांव में घोषित कर दिया गया है। इसकी अधिसूचना भी शनिवार को लिखित में शासन की ओर से जारी कर दी गई है। 

इससे गांव में निवास करने वाले लोगों में काफी खुशी है। डीएम मोनिका रानी ने बताया कि अब इस गांव में सभी सरकारी सुविधाएं लोगों को मिलेंगी। मालूम हो कि वन टांगिया गांव होने के चलते केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ इस गांव में रहने वाले लोगों को नहीं मिल रहा था। यहां तक कि मोतीपुर तहसील के वन टांगिया गांव महबूबनगर में बच्चों की शिक्षा के लिए सिर्फ एक प्राथमिक विद्यालय है। यहां सिर्फ कक्षा पांच तक ही पढ़ाई होती है। ऐसे में उच्च शिक्षा के लिए यहां के बच्चों को लंबी दूरी तय कर दूसरे गांव और नगर का रुख करना पड़ता हैं। अब यहां के बच्चे विद्यालय बनने से गांव में ही शिक्षा हासिल कर सकते हैं।

2007 से मिलना शुरू हुआ खाद्यान्न

मोतीपुर तहसील के वन टांगिया गांव महबूबनगर की स्थापना वर्ष 1919 में हुई थी। पड़ोसी ग्राम पंचायत हसूरिया के ग्राम प्रधान मनोज कुमार रावत ने बताया कि स्थापना के बाद से ही इस गांव के लोगों को खाद्यान्न नहीं मिलता था। बसपा सरकार में 2007 में इनको खाद्यान्न मिलना शुरू हुआ। सबसे पहले पड़ोस के गांव चुरवा, इसके बाद गोपिया और अब हसुलिया गांव में लोगों को खाद्यान्न मिल रहा है। 

लोगों के संघर्ष की जीत: रोमा

जंगल के किनारे बसे गांव के हक की आवाज उठाने वाले वन अधिकार और सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी ने बताया कि राजस्व ग्राम के लिए गांव के लोगों के साथ काफी संघर्ष किया जिसका नतीजा लंबे अरसे बाद मिला है, इसके लिए प्रदेश सरकार के साथ जिला प्रशासन बधाई का पात्र है। अब यहां के लोगों को भी विकास की जरूरत है। उधर, अखिल भारतीय वन जन श्रमजीवी यूनियन की राष्ट्रीय महासचिव रोमा ने भी राजस्व दर्जे को लोगों के संघर्ष की जीत बताते हुए ग्राम वासियों को बधाई दी है।

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