झारखंड के लोगों में मोदी सरकार के विरुद्ध आक्रोश– 2024 लोकसभा चुनाव में बदलाव की अंदरूनी लहर

Written by sabrang india | Published on: March 18, 2024


18 मार्च को लोकतंत्र बचाओ 2024 (अबुआ झारखंड, अबुआ राज) अभियान ने सत्य भारती, रांची में प्रेस वार्ता कर आगामी लोक सभा चुनाव, लोकतंत्र की स्थिति और राज्य की सामाजिक-राजनैतिक ज़मीनी वास्तविकता पर अपनी बात रखी। अभियान के विभिन्न लोक सभा से आये सदस्यों ने प्रेस को संबोधित किया।

वक्ताओं ने कहा कि लोकतंत्र बचाओ 2024 अभियान झारखंड में लम्बे समय से जन मुद्दों पर संघर्ष कर रहे अनेक संगठनों व सामाजिक कार्यकर्ताओं की एक साझा पहल है। अभियान पिछले एक साल से राज्य भर में 2024 लोकसभा चुनाव के परिप्रेक्ष में लोगों के साथ संवाद व जन जागरण कार्यक्रम जैसे जन सभा, यात्रा, सम्मेलन आदि कर रहा है। यह अभियान झारखंड की एकमात्र राज्य-व्यापी पहल है जो मोदी सरकार की राजनीति और उनके लोकतंत्र व लोगों पर प्रभाव पर ज़मीनी संघर्ष व संवाद कर रही है।

पिछले एक साल से राज्य के विभिन्न लोक सभा क्षेत्रों में यात्राओं व सभाओं से यह बात साफ़ है कि जनता, खासकर आदिवासियों, दलितों व मेहनतकाश वर्ग के अन्य लोगों, में मोदी सरकार के विरुद्ध व्यापक आक्रोश है। लोग मोदी सरकार के विरुद्ध तीन मुद्दे लगातार उठा रहे हैं - 10 सालों में कई वादों का महज़ जुमला बन जाना, विभिन्न जन अधिकारों को खतम किया जाना एवं गाँव-समाज में धर्म के नाम पर हिंसा व साम्प्रदायिकता में बढ़ौतरी। हर खाते में 15 लाख रु, सालाना 2 करोड़ रोज़गार, किसानों की दुगनी आमदनी का धोखा सबकी जुबान पर है। नोटबंदी और लॉकडाउन जैसे मनमाने और तबाही मचाने वाला फैसले लोगों को याद हैं। रोज़मर्रा की महंगाई से लोग परेशान हैं। मज़दूरों, खास कर के प्रवासी मज़दूरों, के वास्तविक मजदूरी दर, काम का वातावरण या सामाजिक सुरक्षा में 10 सालों कोई सुधार नहीं हुआ है।

आदिवासी सीटों में यह साफ़ दिख रहा है कि आदिवासी समाज एकमत है कि मोदी सरकार के कार्यकाल में जल, जंगल, ज़मीन, खनिज के संरक्षण से जुड़े जन पक्षीय कानूनों और प्रावधानों को ख़तम किया जा रहा है। आरएसएस व भाजपा द्वारा आदिवासियों को सरना- ईसाई के नाम पर बांटने की कोशिश को भी सब समझते हैं। हाल में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को फर्जी आरोप पर गिरफ्तार किये जाने पर भी व्यापक आक्रोश है।

सभी लोक सभा सीटों में ग्रामीण क्षेत्र के अधिकांश’ लोग यह भी साफ़ कह रहे हैं कि मोदी सरकार के कार्यकाल में हर जगह धर्म के नाम पर झगड़ा और हिंसा बढ़ी है। समाज और सरकारी व्यवस्था में एक धर्म के वर्चस्व को स्थापित करने में लगी है मोदी सरकार। धर्म के नाम पर राजनीति करने में मेहनतकश वर्ग की सहमती नहीं है। न ही हिंदुस्तान को हिंदू राष्ट्र बनाने में।

मोदी सरकार द्वारा आरक्षण प्रावधानों को कमज़ोर करने और सरकारी नौकरियों के निजीकरण को लेकर दलित और पिछड़े समुदाय में ख़ास आक्रोश दिख रहा है। युवा रोज़गार न मिलने का सवाल भी हर जगह उठा रहे हैं।

लोगों ने जन कार्यक्रमों में यह भी कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता गाँव आकर कई झूठ फैला रहे हैं, जैसे मोदी सरकार 5 किलो राशन दे रही है, पेंशन दे रही है, गरीबी ख़तम कर रही है। अभियान ने इस झूठ का पर्दाफाश कर दिया है। राशन UPA सरकार द्वारा बनाए गए खाद्य सुरक्षा कानून के तहत मिल रहा है और पेंशन का अधिकांश हिस्सा तो राज्य सरकार दे रही है।

अभियान लोगों के बीच इस बात को रख रहा है कि किस प्रकार मोदी सरकार लोकतंत्र को ख़त्म कर रही है। जनता ED के खेल को स्पष्ट समझ रही है। मीडिया को दबोचने की कोशिश भी सबके सामने है। मोदी सरकार द्वारा किया गया भ्रष्टाचार भी सबके सामने है। इलेक्टोरल बांड योजना का इस्तेमाल कर भाजपा को 8000 करोड़ रु से भी अधिक चुनावी चंदा पूंजीपतियों और कंपनियों से चुपके से दिलवाया। इसके लिए ED का इस्तेमाल किया गया और कई कंपनियों को इसके बदले देश बेचकर उनके हाथ में डाल दिया मोदी सरकार ने। गाँव-गाँव में लोग इस सच्चाई को अब समझ गए हैं।

इसलिए झारखंड के लोगों ने इस बार निर्णय लिया है कि हर हालात में भाजपा और मोदी सरकार को चुनाव में हराना है। लोकतंत्र बचाओ 2024 अभियान भी इस मुहीम में लगा हुआ है। अभियान लगातार INDIA गठबंधन से भी इस दिशा में आगे बढ़ने की माँग कर रहा है। अब INDIA गठबंधन को लोगों के साथ खड़े होने की ज़रूरत है। गठबंधन तुरंत सीट-वार प्रत्याशी घोषणा कर सीट-वार ज़मीनी गठबंधन सुनिश्चित करे और मुद्दों पर साझा जन संपर्क अभियान शुरू करे।

प्रेस वार्ता को अलोका कुजूर, बासिंह मुंडा, बिंसय मुंडा, दिनेश मुर्मू, ज्योति कुजूर, कुमार चंद्र मार्डी, मेरी निशा हंसदा, सेबेस्टियन हंसदा व सिराज दत्ता ने संबोधित किया।

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