असम में अवैध रूप से रह रहे डेढ़ लाख से ज्यादा विदेशी, 30 हजार को निर्वासित किया जा चुका: मंत्री

Written by Navnish Kumar | Published on: March 16, 2023
असम में अवैध रूप से रह रहे डेढ़ लाख से ज्यादा विदेशियों का पता चला है जिनमें से 30 हजार को अब तक निर्वासित किया जा चुका है। यह जानकारी संबंधित मंत्री द्वारा बुधवार को राज्य विधानसभा को दी गई है। 



मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, असम समझौते के कार्यान्वयन मंत्री अतुल बोरा ने एजीपी विधायक रामेंद्र नारायण कलिता के एक प्रश्न के लिखित जवाब में कहा कि असम में अवैध रूप से रह रहे कुल 1,53,129 विदेशियों को अब तक विदेशी न्यायाधिकरण (एफटी) के माध्यम से खोजा गया है। उन्होंने कहा कि इनमें 32,193 लोग यानी अवैध विदेशी 1971 से पहले पहुंचे है जबकि 1,20,936 लोग 1971 के बाद में आए हैं।

मंत्री अतुल बोरा के अनुसार, सरकार ने अब तक असम से 30,067 अवैध विदेशियों को निर्वासित किया है, लेकिन उनके मूल देश के बारे में जानकारी नहीं दी है। बोरा ने यह भी कहा कि भारत-बांग्लादेश सीमा पर बाड़ लगाने का 98.5 फीसदी काम पूरा हो चुका है।

उन्होंने कहा, कछार-करीमगंज क्षेत्र में सीमा के 4.35 किमी के लिए बाड़ का काम अभी भी बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) की आपत्तियों के कारण लंबित है। मंत्री ने कहा कि चूंकि धुबरी-मनकाचर में सीमा निचले इलाकों से होकर गुजरती है, इसलिए इसकी 6.11 किमी लंबाई के लिए बाड़ नहीं बनाई जा सकी।

सरकार ने पिछले साल भी बताया था करीब यही आंकड़ा
सितंबर 2022 में असम समझौता कार्यान्वयन मंत्री अतुल बोरा ने कहा था कि समझौते के प्रावधानों के अनुसार इस साल 31 अगस्त तक राज्य में 1,48,022 अवैध विदेशियों का पता चला है। इन 1,48,022 अवैध विदेशियों में से, 31,953 घुसपैठिए थे, जो 1971 से पहले देश में प्रवेश कर चुके थे, और 1,16,069 लोग 1971 के बाद आए थे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गत वर्ष बोरा ने यह भी कहा कि समझौते के आधार पर 31 अगस्त 2022 तक 30,067 अवैध प्रवासियों को निर्वासित किया गया।

पंद्रह अगस्त 1985 को हस्ताक्षरित असम समझौते के अनुसार, 25 मार्च, 1971 को या उसके बाद राज्य में प्रवेश करने वाले किसी भी व्यक्ति को विदेशी माना जाएगा और उसे राज्य से निर्वासित कर दिया जाएगा।

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