हरियाणा में एक बार फिर विश्व हिन्दू परिषद (VHP) और बजरंग दल के विरोध करने के बाद कॉमेडियन कुणाल कामरा का शो रद्द कर दिया। कामरा को सेक्टर 29 में स्थित स्टूडियो एक्सओ बार में 17 और 18 सितंबर को प्रदर्शन करना था।
विहिप और बजरंग दल ने शो रद्द करने की मांग करते हुए तहसीलदार के जरिये उपायुक्त निशांत कुमार यादव को एक ज्ञापन सौंपा। हिन्दू दक्षिणपंथी संगठनों के सदस्यों ने कहा कि यदि शो रद्द नहीं किया गया तो वे इसके विरोध में प्रदर्शन करेंगे।
प्रशासन ने शो रद्द करने की घोषणा की
उन्होंने कहा कि शो से शहर में तनाव पैदा हो सकता है. ज्ञापन में कहा गया, “कॉमेडियन कुणाल कामरा अपने शो में हिन्दू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाता है जो कि गलत है. ऐसी स्थिति में शहर में शो होने से तनाव पैदा हो सकता है इसलिए हम इसे रद्द करने का अनुरोध करते हैं वरना हम विरोध प्रदर्शन करेंगे।”
विहिप के जिला अध्यक्ष अजित यादव ने कहा, “कुणाल कामरा के विरुद्ध पहले भी कई मामले दर्ज हो चुके हैं। अगर शो रद्द नहीं किया गया तो हम विरोध प्रदर्शन करेंगे।” प्रशासन ने अभी तक इस अपील पर प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन बार प्रशासन ने किसी विवाद से बचने के लिए शो रद्द करने की घोषणा की है।
कुणाल कामरा का ट्वीट
कुणाल कामरा ने तंज कसते हुए ट्वीट किया कि, "वह हमारी संस्कृति का मजाक उड़ाता है जिसका हम दावा करते हैं, वह हमारे देवताओं का मजाक उड़ाता है जो हम सोचते हैं, हमारे पास कोई सबूत नहीं है, लेकिन उसका प्रदर्शन हमारी शांति भंग करता है, हम में से 12 लोग नहीं चाहते कि शो हो और 500 को इसे देखने के लिए टिकट मिले हैं, तो अधिकारियों को क्या करना चाहिए? (यूपीएससी प्रश्न 10 अंक)"
पहली बार हिंदू संगठनों की धमकी से नहीं हुआ शो रद्द
ये पहली बार नहीं है जब ऐसा कुछ हुआ है। इससे पहले 2019 में अगस्त के महीने में ही कुनाल कामरा का एक शो वडोदरा के एक विश्वविद्यालय में होने वाला था, जिसे तब कैंसिल किया गया जब कुछ पास आउट छात्रों ने कुनाल पर "देश विरोधी" होने का इल्ज़ाम लगाया था। छात्रों ने ये भी कहा था, कि कुनाल लोकसभा चुनावों से पहले वडोदरा के लड़कों का "माइंड वॉश" करने के लिए आए हैं।
यह पैटर्न बन गया है
ये बात सिर्फ़ कुणाल कामरा का शो कैंसिल होने की नहीं है। स्टैन्ड उप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी के शो लगातार ऐसे उत्पाती संगठनों के दबाव और धमकियों के चलते कई शहर में प्राशन ने रद्द कर दिए। ये दरअसल एक पैटर्न बन चुका है कि सरकार-विरोधी लोगों को टार्गेट किया जाए और उन्हें देश विरोधी बता दिया जाए। देश में 2014 के बाद से आए दिन लोकतंत्र का जश्न मनाया जा रहा है। लेकिन लोकतंत्र की प्रमुख शर्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को रोज़ ही कुचला जा रहा है और असहमति की जगह लगातार कम होती जा रही है।
हेक्लर वीटो को संवैधानिक राष्ट्र में कितनी जगह?
हेकलर वीटो एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके जरिए सामाजिक रूप से शक्तिशाली और तुच्छ समूह सार्वजनिक अव्यवस्था या अशांति की धमकी देकर आलोचना करने वाले या असुविधाजनक भाषण को बंद कर सकते हैं। और यही वो संघठन होते हैं जो उस अव्यवस्था और अशान्ति को पैदा करने के लिए अक्सर जिम्मेदार होते हैं।
पुलिस जो कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए व सबके संवैधानिक अधिकार की रक्षा के लिए बाध्य है, वो आए दिन हेकलर वीटो को तरजीह देकर लोकतान्त्रिक विरोध-प्रदर्शनों, फिल्म कनही फिल्म स्क्रीनदिङ, काभी आर्ट एक्सबिशन तो कभी स्टैन्ड अप शो को रद्द कर देती है। जबकि उसका काम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को इन असामाजिक तत्वों से बचाना और उन पर कार्रवाई करना है जो अव्यवस्था या अशांति की धमकी देते हैं। हेक्लर वीटो और संविधान दोनों में परस्पर टकराव है।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)
Courtesy: Newsclick
विहिप और बजरंग दल ने शो रद्द करने की मांग करते हुए तहसीलदार के जरिये उपायुक्त निशांत कुमार यादव को एक ज्ञापन सौंपा। हिन्दू दक्षिणपंथी संगठनों के सदस्यों ने कहा कि यदि शो रद्द नहीं किया गया तो वे इसके विरोध में प्रदर्शन करेंगे।
प्रशासन ने शो रद्द करने की घोषणा की
उन्होंने कहा कि शो से शहर में तनाव पैदा हो सकता है. ज्ञापन में कहा गया, “कॉमेडियन कुणाल कामरा अपने शो में हिन्दू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाता है जो कि गलत है. ऐसी स्थिति में शहर में शो होने से तनाव पैदा हो सकता है इसलिए हम इसे रद्द करने का अनुरोध करते हैं वरना हम विरोध प्रदर्शन करेंगे।”
विहिप के जिला अध्यक्ष अजित यादव ने कहा, “कुणाल कामरा के विरुद्ध पहले भी कई मामले दर्ज हो चुके हैं। अगर शो रद्द नहीं किया गया तो हम विरोध प्रदर्शन करेंगे।” प्रशासन ने अभी तक इस अपील पर प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन बार प्रशासन ने किसी विवाद से बचने के लिए शो रद्द करने की घोषणा की है।
कुणाल कामरा का ट्वीट
कुणाल कामरा ने तंज कसते हुए ट्वीट किया कि, "वह हमारी संस्कृति का मजाक उड़ाता है जिसका हम दावा करते हैं, वह हमारे देवताओं का मजाक उड़ाता है जो हम सोचते हैं, हमारे पास कोई सबूत नहीं है, लेकिन उसका प्रदर्शन हमारी शांति भंग करता है, हम में से 12 लोग नहीं चाहते कि शो हो और 500 को इसे देखने के लिए टिकट मिले हैं, तो अधिकारियों को क्या करना चाहिए? (यूपीएससी प्रश्न 10 अंक)"
पहली बार हिंदू संगठनों की धमकी से नहीं हुआ शो रद्द
ये पहली बार नहीं है जब ऐसा कुछ हुआ है। इससे पहले 2019 में अगस्त के महीने में ही कुनाल कामरा का एक शो वडोदरा के एक विश्वविद्यालय में होने वाला था, जिसे तब कैंसिल किया गया जब कुछ पास आउट छात्रों ने कुनाल पर "देश विरोधी" होने का इल्ज़ाम लगाया था। छात्रों ने ये भी कहा था, कि कुनाल लोकसभा चुनावों से पहले वडोदरा के लड़कों का "माइंड वॉश" करने के लिए आए हैं।
यह पैटर्न बन गया है
ये बात सिर्फ़ कुणाल कामरा का शो कैंसिल होने की नहीं है। स्टैन्ड उप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी के शो लगातार ऐसे उत्पाती संगठनों के दबाव और धमकियों के चलते कई शहर में प्राशन ने रद्द कर दिए। ये दरअसल एक पैटर्न बन चुका है कि सरकार-विरोधी लोगों को टार्गेट किया जाए और उन्हें देश विरोधी बता दिया जाए। देश में 2014 के बाद से आए दिन लोकतंत्र का जश्न मनाया जा रहा है। लेकिन लोकतंत्र की प्रमुख शर्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को रोज़ ही कुचला जा रहा है और असहमति की जगह लगातार कम होती जा रही है।
हेक्लर वीटो को संवैधानिक राष्ट्र में कितनी जगह?
हेकलर वीटो एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके जरिए सामाजिक रूप से शक्तिशाली और तुच्छ समूह सार्वजनिक अव्यवस्था या अशांति की धमकी देकर आलोचना करने वाले या असुविधाजनक भाषण को बंद कर सकते हैं। और यही वो संघठन होते हैं जो उस अव्यवस्था और अशान्ति को पैदा करने के लिए अक्सर जिम्मेदार होते हैं।
पुलिस जो कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए व सबके संवैधानिक अधिकार की रक्षा के लिए बाध्य है, वो आए दिन हेकलर वीटो को तरजीह देकर लोकतान्त्रिक विरोध-प्रदर्शनों, फिल्म कनही फिल्म स्क्रीनदिङ, काभी आर्ट एक्सबिशन तो कभी स्टैन्ड अप शो को रद्द कर देती है। जबकि उसका काम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को इन असामाजिक तत्वों से बचाना और उन पर कार्रवाई करना है जो अव्यवस्था या अशांति की धमकी देते हैं। हेक्लर वीटो और संविधान दोनों में परस्पर टकराव है।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)
Courtesy: Newsclick