इस साल 18 मार्च को अद्भुत संयोग बना, जब दिन में हिंदुओं ने होली मनाई तो रात को मुस्लिमों ने दिए रौशन किए। यह सब इसलिए हुआ क्योंकि इस साल होली और शब-ए-बारात एक ही दिन पड़ी थीं।
दो संप्रदायों के त्योहार एक ही दिन पड़ना हर किसी को रास नहीं आता। विगत कई सालों से राजनीतिक स्तर से सांप्रदायिक सामंजस्य और सौहार्द बिगाड़ने की कोशिशों की निरंतरता में वृद्धि हुई है। इस बीच उत्तर प्रदेश के फतेहपुर के बिंदकी क्षेत्र में होली और शब-ए-बारात पर दोनों पक्षों में तनातनी कराने की कोशिश हुई क्योंकि अज्ञात अराजकतत्वों ने कई वर्ष पुरानी सैयद बाबा की मजार को तोड़कर उस पर जय श्री राम लिख दिया। इस घटना से लोगों में भारी आक्रोश है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामला फतेहपुर जनपद कल्याणपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत रेवाड़ी बुजुर्ग का है। जहां कई वर्ष पुरानी सैयद बाबा की मजार को बीती रात अराजकतत्वों ने ढहाकर उसमें जय श्री राम लिख दिया। सुबह जब स्थानीय लोग वहां से गुजरे तो टूटी मजार को देखकर एक-दूसरे को बुलाना शुरू कर दिया। देखते ही देखते भारी भीड़ इकट्ठा हो गई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि, आपसी भाईचारा बिगाड़ने के लिए अराजक तत्वों ने सैकड़ो वर्ष पुरानी सैयद बाबा की मजार को तोड़कर उसके ऊपर जय श्री राम लिख दिया। सूचना मिलने के बाद प्रशासन पहुंचकर उसको बनवाने का काम शुरू किया है। ताकि वहां किसी प्रकार का उपद्रव न हो।
मजार बनवाने का काम शुरू
भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस को मजार ढहाए जाने की सूचना मिलते क्षेत्राधिकारी योगेंद्र मलिक समेत कई थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई। पुलिस के मुताबिक होली त्यौहार का माहौल बिगाड़ने को लिए अराजकतत्वों ने उपद्रवी काम किया है। पुलिस अराजक तत्वों की छानबीन में जुटी हुई है। स्थानीय लोगों के आक्रोश को कम करने व भाईचारा बनाये रखने के लिये मजार को फिर से बनवाने का काम किया जा रहा है।
होली पर फतेहपुर कोतवाल के आदेश से नाराजगी
मजात तोड़े जाने से इतर फतेहपुर सदर कोतवाल की तरफ से जारी एक आदेश को लेकर लोगों में नाराजगी फैल गई। युगान्तर प्रवाह की रिपोर्ट के अनुसार, सदर कोतवाल ने आदेश जारी किया गया था कि होली पर शराब पीकर, तेज गति से तीन सवारी बैठाकर गाड़ी न चलाएं और किसी तरह का हुड़दंग न करें। ऐसा करते पकड़े जाने पर वाहन को सीज कर दिया जाएगा। यहां तक तो सब ठीक था लेकिन आदेश में आगे जो कहा गया उसे लेकर लोगों में नाराजगी फैल गई।
दरअसल, इसके बाद आदेश में कहा गया कि मुस्लिम समुदाय के लोगों के ऊपर रंग न डालें और एक जगह पर ज्यादा भीड़ इकट्ठा नहीं करें। इस आदेश पर बजरंग दल/विहिप से जुड़े शानू सिंह ने कहा कि आदेश के आखिरी लाइन पर उन्हें ऐतराज है क्योंकि जब जिला प्रशासन के साथ पीस कमेटी की बैठकर हुई थी तो वहां ऐसी कोई बात नहीं कही गई थी। बैठक में मौजूद शहर काजी की तरफ से खुद कहा गया था कि होली पर मुस्लिम समुदाय के लोग बिना जरूरत के बाहर न निकलें। यदि बाहर निकलने पर रंग पड़ भी जाए तो इसको लेकर लड़ाई झगड़ा न करें, आपसी सौहार्द बनाए रखें। उन्होंने आगे कहा कि कोतवाल बताएं कि आखिरी लाइन किसके कहने पर जोड़ी गई है।
होली पर जातीय संघर्ष
युगांतर प्रवाह ने ही फतेहपुर में जातीय संघर्ष में दो दर्जन से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर दी है जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। मामला किशनपुर थाना क्षेत्र के किशनपुर कस्बे का ही है जहां रंग लगाने को लेकर दो पक्षों में संघर्ष हो गया। यहां देर रात तक पुलिस बल मौजूद रहा। हालांकि, बताया जा रहा है कि बाद में स्थिति को नियंत्रण में कर लिया गया।
क्या है शब-ए-बारात
शब-ए-बारात को इस्लाम में बहुत ही पाक दिन माना गया है। इस दिन लोग अपने पूर्वजों को जन्नत बख्शे जाने को लेकर दुआ मांगते है। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार साल में यह एक रात ऐसी होती है, जब अल्लाह अपने बंदों को सेहत और मकबूलियत अता करते हैं। शब-ए-बारात को गुनाहों की माफी का दिन के तौर पर जाना जाता है।
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दो संप्रदायों के त्योहार एक ही दिन पड़ना हर किसी को रास नहीं आता। विगत कई सालों से राजनीतिक स्तर से सांप्रदायिक सामंजस्य और सौहार्द बिगाड़ने की कोशिशों की निरंतरता में वृद्धि हुई है। इस बीच उत्तर प्रदेश के फतेहपुर के बिंदकी क्षेत्र में होली और शब-ए-बारात पर दोनों पक्षों में तनातनी कराने की कोशिश हुई क्योंकि अज्ञात अराजकतत्वों ने कई वर्ष पुरानी सैयद बाबा की मजार को तोड़कर उस पर जय श्री राम लिख दिया। इस घटना से लोगों में भारी आक्रोश है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामला फतेहपुर जनपद कल्याणपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत रेवाड़ी बुजुर्ग का है। जहां कई वर्ष पुरानी सैयद बाबा की मजार को बीती रात अराजकतत्वों ने ढहाकर उसमें जय श्री राम लिख दिया। सुबह जब स्थानीय लोग वहां से गुजरे तो टूटी मजार को देखकर एक-दूसरे को बुलाना शुरू कर दिया। देखते ही देखते भारी भीड़ इकट्ठा हो गई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि, आपसी भाईचारा बिगाड़ने के लिए अराजक तत्वों ने सैकड़ो वर्ष पुरानी सैयद बाबा की मजार को तोड़कर उसके ऊपर जय श्री राम लिख दिया। सूचना मिलने के बाद प्रशासन पहुंचकर उसको बनवाने का काम शुरू किया है। ताकि वहां किसी प्रकार का उपद्रव न हो।
मजार बनवाने का काम शुरू
भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस को मजार ढहाए जाने की सूचना मिलते क्षेत्राधिकारी योगेंद्र मलिक समेत कई थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई। पुलिस के मुताबिक होली त्यौहार का माहौल बिगाड़ने को लिए अराजकतत्वों ने उपद्रवी काम किया है। पुलिस अराजक तत्वों की छानबीन में जुटी हुई है। स्थानीय लोगों के आक्रोश को कम करने व भाईचारा बनाये रखने के लिये मजार को फिर से बनवाने का काम किया जा रहा है।
होली पर फतेहपुर कोतवाल के आदेश से नाराजगी
मजात तोड़े जाने से इतर फतेहपुर सदर कोतवाल की तरफ से जारी एक आदेश को लेकर लोगों में नाराजगी फैल गई। युगान्तर प्रवाह की रिपोर्ट के अनुसार, सदर कोतवाल ने आदेश जारी किया गया था कि होली पर शराब पीकर, तेज गति से तीन सवारी बैठाकर गाड़ी न चलाएं और किसी तरह का हुड़दंग न करें। ऐसा करते पकड़े जाने पर वाहन को सीज कर दिया जाएगा। यहां तक तो सब ठीक था लेकिन आदेश में आगे जो कहा गया उसे लेकर लोगों में नाराजगी फैल गई।
दरअसल, इसके बाद आदेश में कहा गया कि मुस्लिम समुदाय के लोगों के ऊपर रंग न डालें और एक जगह पर ज्यादा भीड़ इकट्ठा नहीं करें। इस आदेश पर बजरंग दल/विहिप से जुड़े शानू सिंह ने कहा कि आदेश के आखिरी लाइन पर उन्हें ऐतराज है क्योंकि जब जिला प्रशासन के साथ पीस कमेटी की बैठकर हुई थी तो वहां ऐसी कोई बात नहीं कही गई थी। बैठक में मौजूद शहर काजी की तरफ से खुद कहा गया था कि होली पर मुस्लिम समुदाय के लोग बिना जरूरत के बाहर न निकलें। यदि बाहर निकलने पर रंग पड़ भी जाए तो इसको लेकर लड़ाई झगड़ा न करें, आपसी सौहार्द बनाए रखें। उन्होंने आगे कहा कि कोतवाल बताएं कि आखिरी लाइन किसके कहने पर जोड़ी गई है।
होली पर जातीय संघर्ष
युगांतर प्रवाह ने ही फतेहपुर में जातीय संघर्ष में दो दर्जन से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर दी है जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। मामला किशनपुर थाना क्षेत्र के किशनपुर कस्बे का ही है जहां रंग लगाने को लेकर दो पक्षों में संघर्ष हो गया। यहां देर रात तक पुलिस बल मौजूद रहा। हालांकि, बताया जा रहा है कि बाद में स्थिति को नियंत्रण में कर लिया गया।
क्या है शब-ए-बारात
शब-ए-बारात को इस्लाम में बहुत ही पाक दिन माना गया है। इस दिन लोग अपने पूर्वजों को जन्नत बख्शे जाने को लेकर दुआ मांगते है। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार साल में यह एक रात ऐसी होती है, जब अल्लाह अपने बंदों को सेहत और मकबूलियत अता करते हैं। शब-ए-बारात को गुनाहों की माफी का दिन के तौर पर जाना जाता है।
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