3 अक्टूबर को राज्य प्रभारी नंदा घोष के नेतृत्व में सीजेपी की असम टीम दरांग जिले के उन स्थानों पर पहुंची जहां अतिक्रमण हटाने के नाम पर हाल ही में सैकड़ों लोगों को जमीन से बेदखल कर दिया गया था। नंदा घोष के साथ अधिवक्ता अभिजीत चौधरी, दरांग जिले के स्वयंसेवी प्रेरक जोयनल अबीदीन, हबीबुल बेपारी और जिले के छह स्वयंसेवक घटनास्थल पर गए। इस दौरान उन्होंने देखा कि घटनास्थल पर बेदखल किए किए परिवार फिर से अपनी जिंदगी शुरू करने के लिए कठिन संघर्ष कर रहे हैं। ये परिवार अराजक तत्वों से जान बचाने के लिए आश्रय ढूंढ रहे हैं। यहां हमारी टीम के द्वारा खींची गई कुछ दिल दहलाने वाली तस्वीरें हैं।
1. बेदखल परिवारों द्वारा बनाई गई एक झोपड़ी
2. बेदखल परिवार पुआल और बांस से बनी अस्थायी झोपड़ियों में सोते हैं
3. बड़ा बच्चा अपने छोटे भाई-बहनों के साथ साड़ियों से बने पालने में सो सो रहा है
4. बेदखल परिवारों द्वारा बनाए गए अस्थायी आश्रय
5. नए अस्थाई ढांचों के निर्माण के लिए ध्वस्त घरों के मलबे का इस्तेमाल किया जा रहा है'
6. एक उलटी और टूटी हुई डाइनिंग टेबल, खुली में आग के ऊपर बर्तन - रसोई का बचा हुआ सामान
7. एक बच्चा भी समझ सकता है कि उसकी दुनिया भी उलटी हो गई है
8. बड़े बच्चे भी दोस्तों की साथ में आराम पाते हैं
9. इन भूखे बच्चों के लिए रोटी का एक टुकड़ा भी दुर्लभ है
10. एक महिला अपने परिवार के लिए पानी ला रही है
1. बेदखल परिवारों द्वारा बनाई गई एक झोपड़ी
2. बेदखल परिवार पुआल और बांस से बनी अस्थायी झोपड़ियों में सोते हैं
3. बड़ा बच्चा अपने छोटे भाई-बहनों के साथ साड़ियों से बने पालने में सो सो रहा है
4. बेदखल परिवारों द्वारा बनाए गए अस्थायी आश्रय
5. नए अस्थाई ढांचों के निर्माण के लिए ध्वस्त घरों के मलबे का इस्तेमाल किया जा रहा है'
6. एक उलटी और टूटी हुई डाइनिंग टेबल, खुली में आग के ऊपर बर्तन - रसोई का बचा हुआ सामान
7. एक बच्चा भी समझ सकता है कि उसकी दुनिया भी उलटी हो गई है
8. बड़े बच्चे भी दोस्तों की साथ में आराम पाते हैं
9. इन भूखे बच्चों के लिए रोटी का एक टुकड़ा भी दुर्लभ है
10. एक महिला अपने परिवार के लिए पानी ला रही है