नई दिल्ली। देश में कोरोनावायरस महामारी की दूसरी लहर में 329 डॉक्टरों की मौत हुई है जिनमें से सबसे अधिक 80 डॉक्टरों ने बिहार में जान गंवाई है। यह जानकारी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने बृहस्पतिवार को जारी अद्यतन आंकड़ों में दी।
आईएमए के मुताबिक बिहार के 80 डॉक्टरों के अलावा दिल्ली में 73, उत्तर प्रदेश में 41, आंध्र प्रदेश में 22 और तेलंगाना में 20 डॉक्टरों की मौत हुई है। आईएमए के मुताबिक कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान 748 डॉक्टरों की संक्रमण से मौत हुई थी। आईएमए के अध्यक्ष डॉ. जेए जयलाल ने बताया कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन देशभर में फैली शाखाओं से मिली जानकारी के आधार पर यह सूची तैयार कर रही है।
डॉक्टरों की मौत का राज्यवार आंकड़़ा
1- आंध्र प्रदेश - 22
2- असम - 03
3- बिहार - 80
4- छत्तीसगढ़ - 03
5- दिल्ली - 73
6- गुजरात - 02
7- गोवा - 02
8- हरियाणा - 02
9- जम्मू-कश्मीर - 03
10- कर्नाटक - 08
11- केरल - 03
12- मध्य प्रदेश - 06
13- महाराष्ट्र - 14
14- उड़ीसा - 14
15- पुड्डुचेरी- 01
16- पंजाब - 01
17- तमिल नाडु - 11
18- तेलंगाना - 20
19- त्रिपुरा - 02
20- उत्तर प्रदेश - 41
21- उत्तराखंड - 02
22- पश्चिम बंगाल - 15
23- अज्ञात- 01
आईएमए ने कहा कि यह डाटा न केवल मृत्यु की तारीख पर आधारित है, बल्कि हमें प्राप्त होने वाले डाटा पर आधारित है। औसतन हम प्रतिदिन 20 डॉक्टरों को खो रहे है।
कोरोना के घटते आंकड़ों में मौतें ज्यादा कैसे?
भारत में 18 अप्रैल को 1620 मौतें दर्ज की गई, उसके बाद से ये संख्या लगातार बढ़ी है। 18 मई को देश में 45 सौ से अधिक मौत दर्ज की गई, जो अबतक का रिकॉर्ड था। लेकिन 20 मई को एक बार फिर 4 हज़ार से नीचे आंकड़ा पहुंचा है। ऐसे में सवाल है कि आखिर ऐसा क्यों है कि केस कम होने के बावजूद कोविड से मौतों की संख्या ज्यादा है, एक्सपर्ट्स ने इसका जवाब दिया है।।।
एक्सपर्ट्स की मानें तो, 'भारत में अभी ही कोविड के मामलों में रिकवरी शुरू हुई है, जबकि मौतों की संख्या बराबर शुरू हो रही है। ऐसे में एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस ट्रेंड को ठीक होने में 15 दिन का वक्त लगेगा। क्योंकि अब जो कम संख्या सामने आ रही है, उस संक्रमित व्यक्ति को ठीक होने में 15 दिन का वक्त लगेगा। क्योंकि अब जो कम संख्या सामने आ रही है, उस संक्रमित व्यक्ति को ठीक होने में 15 दिन का वक्त लगता है, इतने ही वक्त में अगर उसकी हालत बिगड़ती है तो मौत भी हो सकती है, ऐसे में ये दो हफ्ते बाद ही रिफ्लेक्ट करेगा।
आईएमए के मुताबिक बिहार के 80 डॉक्टरों के अलावा दिल्ली में 73, उत्तर प्रदेश में 41, आंध्र प्रदेश में 22 और तेलंगाना में 20 डॉक्टरों की मौत हुई है। आईएमए के मुताबिक कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान 748 डॉक्टरों की संक्रमण से मौत हुई थी। आईएमए के अध्यक्ष डॉ. जेए जयलाल ने बताया कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन देशभर में फैली शाखाओं से मिली जानकारी के आधार पर यह सूची तैयार कर रही है।
डॉक्टरों की मौत का राज्यवार आंकड़़ा
1- आंध्र प्रदेश - 22
2- असम - 03
3- बिहार - 80
4- छत्तीसगढ़ - 03
5- दिल्ली - 73
6- गुजरात - 02
7- गोवा - 02
8- हरियाणा - 02
9- जम्मू-कश्मीर - 03
10- कर्नाटक - 08
11- केरल - 03
12- मध्य प्रदेश - 06
13- महाराष्ट्र - 14
14- उड़ीसा - 14
15- पुड्डुचेरी- 01
16- पंजाब - 01
17- तमिल नाडु - 11
18- तेलंगाना - 20
19- त्रिपुरा - 02
20- उत्तर प्रदेश - 41
21- उत्तराखंड - 02
22- पश्चिम बंगाल - 15
23- अज्ञात- 01
आईएमए ने कहा कि यह डाटा न केवल मृत्यु की तारीख पर आधारित है, बल्कि हमें प्राप्त होने वाले डाटा पर आधारित है। औसतन हम प्रतिदिन 20 डॉक्टरों को खो रहे है।
कोरोना के घटते आंकड़ों में मौतें ज्यादा कैसे?
भारत में 18 अप्रैल को 1620 मौतें दर्ज की गई, उसके बाद से ये संख्या लगातार बढ़ी है। 18 मई को देश में 45 सौ से अधिक मौत दर्ज की गई, जो अबतक का रिकॉर्ड था। लेकिन 20 मई को एक बार फिर 4 हज़ार से नीचे आंकड़ा पहुंचा है। ऐसे में सवाल है कि आखिर ऐसा क्यों है कि केस कम होने के बावजूद कोविड से मौतों की संख्या ज्यादा है, एक्सपर्ट्स ने इसका जवाब दिया है।।।
एक्सपर्ट्स की मानें तो, 'भारत में अभी ही कोविड के मामलों में रिकवरी शुरू हुई है, जबकि मौतों की संख्या बराबर शुरू हो रही है। ऐसे में एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इस ट्रेंड को ठीक होने में 15 दिन का वक्त लगेगा। क्योंकि अब जो कम संख्या सामने आ रही है, उस संक्रमित व्यक्ति को ठीक होने में 15 दिन का वक्त लगेगा। क्योंकि अब जो कम संख्या सामने आ रही है, उस संक्रमित व्यक्ति को ठीक होने में 15 दिन का वक्त लगता है, इतने ही वक्त में अगर उसकी हालत बिगड़ती है तो मौत भी हो सकती है, ऐसे में ये दो हफ्ते बाद ही रिफ्लेक्ट करेगा।