उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार पर यह कहते हुए तंज कसा है, ''अंधेर नगरी चौपट राजा, दिनदहाड़े रेप और रात भर गांजा, जिसको देखना है यूपी में आ जा''। अखिलेश यहीं नहीं रुके, उन्होंने सीधे सीएम योगी पर वार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं ठोक दो, ठोक दो के चक्कर में पुलिस को नहीं पता किसे ठोकना है, और जनता को नहीं पता कि पुलिस किसको ठोक दे।
अखिलेश यादव टप्पल में किसान महापंचायत को संबोधित कर रहे थे। जहां यूपी की कानून व्यवस्था को लेकर उन्होंने अंधेर नगरी चौपट..., वाला तंज कसा है। तल्ख तेवरों में आए अखिलेश ने कहा कि उन्होंने राज्यसभा में पीएम मोदी से एमएसपी के बारे में पूछा था, तो उन्होंने जवाब दिया कि एमएसपी थी, है और रहेगी। वह फिर आज पूछ रहे हैं कि एमएसपी कहां है। किसको मिल रही है। भाजपा वाले सदस्यता अभियान के लिए मिस्ड काल के नंबर का प्रयोग करते हैं तो एमएसपी का फायदा दिलान के लिए भी कोई मिस्ड काल का नंबर दे दें। अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर देश है, लेकिन वह भी किसानों का पूरा ध्यान रखता है। वहां खेती को घाटे का सौदा नहीं बनने दिया जा रहा है। वे जानते हैं कि किसानों को बाजार के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है, लेकिन वर्तमान सरकार किसानों को बर्बाद करने पर अमादा है।
उन्होंने किसानों से पूछा कि उन्हें ईस्ट इंडिया कंपनी की याद है या नहीं..? ये वही कंपनी है जो भारत में कारोबार करने आई और एक कानून पास होने के बाद पूरे देश को उसने अपना गुलाम बना लिया था। आज फिर वही इतिहास दोहराया जा रहा है। पढ़े लिखे लोग इसको जानते हैं। आज सरकार सब कुछ बेच देने पर तुली है। उन्होंने कहा कि कानून बनते हैं रद्द होते हैं। ये एक प्रक्रिया है। चौ. चरण सिंह ने एक कानून बनाकर किसानों को उनका हक दिलाया था।
पूर्व मुख्यमंत्री ने महंगाई, पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों पर तंज कसते हुए कहा कि आखिर इसका फायदा किसको मिल रहा है। क्या ये फायदा केवल कुछ लोगों को मिल रहा है। दूसरी ओर बेरोजगारी बढ़ रही है और महंगाई उससे ज्यादा रफ्तार से बढ़ रही है। यादव ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान 200 से अधिक किसानों ने अपनी जान गंवाई है लेकिन मोदी सरकार अभी भी अपने किसानों के साथ ऐसा व्यवहार कर रही है कि मानो वे देश की सीमाओं पर खड़े दुश्मन हों। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार इस बात से बेखबर है कि इन विनम्र किसानों के पास सत्ता की कुर्सी से अहंकारी शासकों को हटाने की शक्ति है। सत्ता के अहंकार ने दिल्ली में बैठे शासकों को ‘अंधा और बहरा' बना दिया है और उन्हें देश के लाखों किसानों की पीड़ा का भान नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार कॉरपोरेट घरानों को सशक्त बना रही है. उन्होंने कहा कि किसान विरोधी कानूनों के बाद अब सरकार किसानों और आम लोगों के घावों पर नमक रगड़ रही है। यादव ने चेतावनी दी कि सरकार किसानों को जितना अधिक अपमानित करेगी, किसान उतना ही अधिक दृढ़संकल्पित हो रहे हैं।
अखिलेश यादव ने कहा, 'भाजपा सरकार को यह जान लेना चाहिए कि किसानों का उत्पीड़न कर कोई सत्ता में नहीं टिक सकता। जनता परिवर्तन के लिए बस 2022 के विधानसभा चुनावों का इंतजार बेसब्री से कर रही है और सबकी निगाहें समाजवादी पार्टी पर लगी हैं।
मुख्यमंत्री एवं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी सरकार बनने पर यमुना एक्सप्रेस वे पर अनाज मंडियां खोली जाएंगी। जहां किसानों का अनाज उचित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लिया जाएगा। नये कृषि कानूनों को रद्द कराएंगे। शांता कुमार कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार देश में 42 हजार अनाज मंडियों की जरूरत है, लेकिन केवल सात हजार मंडियां हैं।
पूर्व सीएम ने कहा कि उनके कार्यकाल में मैनपुरी, इटावा, कन्नौज में नई मंडियां बनी थीं। 2022 में सरकार बनने पर वह यमुना एक्सप्रेस वे पर मंडियां बनवाएंगे। कोरोना काल में जब देश में दवाओं और खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ी तो चंद कारोबारियों ने नये कृषि कानूनों की रूपरेखा तय करा दी और कुछ लोगों के हाथों में सब कुछ देने की साजिश रची गई।
किसानों का आंदोलन हो या राकेश टिकैत प्रकरण, हर जगह सपा ने पूरा साथ दिया है। उन्होंने कहा कि जब अनुबंध पर खेती होगी तो मालिक कोई और होगा। ऐसे में जब खेत नहीं रहेंगे तो अन्नदाता, उसका परिवार और पीढ़ियां कैसे जिंदा रहेंगी। कोरोना काल में जब सब काम धंधे बंद हो गए तो किसान खेत पर डटे रहे। इसी वजह से देश की अर्थव्यवस्था संभल पाई। जीडीपी की बात करने वाले नेता उसमें कृषि और किसान के योगदान की बात नहीं करते हैं। उलटे आज सरकारें किसानों को अपमानित कर रही है। ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि कोरोना काल में लोगों के मुंह और नाक बंद हुए थे, इस सरकार के आंख और कान भी बंद हो गए हैं। किसानों को रोकने के लिए सीमेंट की बैरिकेडिंग के साथ कीलें लगाई गईं हैं। उनको प्रताड़ित किया गया। कहा कृषि कानूनों की लड़ाई लड़ रहे किसानों के साथ सपा पहले दिन से है। दिल्ली में किसान धरने के 100 दिन हो गए हैं। उनकी ये लड़ाई ही भारत का भविष्य तय करेगी।
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अखिलेश यादव टप्पल में किसान महापंचायत को संबोधित कर रहे थे। जहां यूपी की कानून व्यवस्था को लेकर उन्होंने अंधेर नगरी चौपट..., वाला तंज कसा है। तल्ख तेवरों में आए अखिलेश ने कहा कि उन्होंने राज्यसभा में पीएम मोदी से एमएसपी के बारे में पूछा था, तो उन्होंने जवाब दिया कि एमएसपी थी, है और रहेगी। वह फिर आज पूछ रहे हैं कि एमएसपी कहां है। किसको मिल रही है। भाजपा वाले सदस्यता अभियान के लिए मिस्ड काल के नंबर का प्रयोग करते हैं तो एमएसपी का फायदा दिलान के लिए भी कोई मिस्ड काल का नंबर दे दें। अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर देश है, लेकिन वह भी किसानों का पूरा ध्यान रखता है। वहां खेती को घाटे का सौदा नहीं बनने दिया जा रहा है। वे जानते हैं कि किसानों को बाजार के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है, लेकिन वर्तमान सरकार किसानों को बर्बाद करने पर अमादा है।
उन्होंने किसानों से पूछा कि उन्हें ईस्ट इंडिया कंपनी की याद है या नहीं..? ये वही कंपनी है जो भारत में कारोबार करने आई और एक कानून पास होने के बाद पूरे देश को उसने अपना गुलाम बना लिया था। आज फिर वही इतिहास दोहराया जा रहा है। पढ़े लिखे लोग इसको जानते हैं। आज सरकार सब कुछ बेच देने पर तुली है। उन्होंने कहा कि कानून बनते हैं रद्द होते हैं। ये एक प्रक्रिया है। चौ. चरण सिंह ने एक कानून बनाकर किसानों को उनका हक दिलाया था।
पूर्व मुख्यमंत्री ने महंगाई, पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों पर तंज कसते हुए कहा कि आखिर इसका फायदा किसको मिल रहा है। क्या ये फायदा केवल कुछ लोगों को मिल रहा है। दूसरी ओर बेरोजगारी बढ़ रही है और महंगाई उससे ज्यादा रफ्तार से बढ़ रही है। यादव ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान 200 से अधिक किसानों ने अपनी जान गंवाई है लेकिन मोदी सरकार अभी भी अपने किसानों के साथ ऐसा व्यवहार कर रही है कि मानो वे देश की सीमाओं पर खड़े दुश्मन हों। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार इस बात से बेखबर है कि इन विनम्र किसानों के पास सत्ता की कुर्सी से अहंकारी शासकों को हटाने की शक्ति है। सत्ता के अहंकार ने दिल्ली में बैठे शासकों को ‘अंधा और बहरा' बना दिया है और उन्हें देश के लाखों किसानों की पीड़ा का भान नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार कॉरपोरेट घरानों को सशक्त बना रही है. उन्होंने कहा कि किसान विरोधी कानूनों के बाद अब सरकार किसानों और आम लोगों के घावों पर नमक रगड़ रही है। यादव ने चेतावनी दी कि सरकार किसानों को जितना अधिक अपमानित करेगी, किसान उतना ही अधिक दृढ़संकल्पित हो रहे हैं।
अखिलेश यादव ने कहा, 'भाजपा सरकार को यह जान लेना चाहिए कि किसानों का उत्पीड़न कर कोई सत्ता में नहीं टिक सकता। जनता परिवर्तन के लिए बस 2022 के विधानसभा चुनावों का इंतजार बेसब्री से कर रही है और सबकी निगाहें समाजवादी पार्टी पर लगी हैं।
मुख्यमंत्री एवं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी सरकार बनने पर यमुना एक्सप्रेस वे पर अनाज मंडियां खोली जाएंगी। जहां किसानों का अनाज उचित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लिया जाएगा। नये कृषि कानूनों को रद्द कराएंगे। शांता कुमार कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार देश में 42 हजार अनाज मंडियों की जरूरत है, लेकिन केवल सात हजार मंडियां हैं।
पूर्व सीएम ने कहा कि उनके कार्यकाल में मैनपुरी, इटावा, कन्नौज में नई मंडियां बनी थीं। 2022 में सरकार बनने पर वह यमुना एक्सप्रेस वे पर मंडियां बनवाएंगे। कोरोना काल में जब देश में दवाओं और खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ी तो चंद कारोबारियों ने नये कृषि कानूनों की रूपरेखा तय करा दी और कुछ लोगों के हाथों में सब कुछ देने की साजिश रची गई।
किसानों का आंदोलन हो या राकेश टिकैत प्रकरण, हर जगह सपा ने पूरा साथ दिया है। उन्होंने कहा कि जब अनुबंध पर खेती होगी तो मालिक कोई और होगा। ऐसे में जब खेत नहीं रहेंगे तो अन्नदाता, उसका परिवार और पीढ़ियां कैसे जिंदा रहेंगी। कोरोना काल में जब सब काम धंधे बंद हो गए तो किसान खेत पर डटे रहे। इसी वजह से देश की अर्थव्यवस्था संभल पाई। जीडीपी की बात करने वाले नेता उसमें कृषि और किसान के योगदान की बात नहीं करते हैं। उलटे आज सरकारें किसानों को अपमानित कर रही है। ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा कि कोरोना काल में लोगों के मुंह और नाक बंद हुए थे, इस सरकार के आंख और कान भी बंद हो गए हैं। किसानों को रोकने के लिए सीमेंट की बैरिकेडिंग के साथ कीलें लगाई गईं हैं। उनको प्रताड़ित किया गया। कहा कृषि कानूनों की लड़ाई लड़ रहे किसानों के साथ सपा पहले दिन से है। दिल्ली में किसान धरने के 100 दिन हो गए हैं। उनकी ये लड़ाई ही भारत का भविष्य तय करेगी।
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