दिल्ली की सीमाओं पर नुकीले बैरिकेड्स कंक्रीट में सेट कर किसे रोकने की कोशिश की जा रही है?

Written by Sabrangindia Staff | Published on: February 2, 2021
किसान प्रोटेस्ट स्थलों पर 2 फरवरी 11 बजे तक मोबाइल इंटरनेट सेवाओं का निलंबन जारी रहेगा, आस-पास के क्षेत्रों में ट्रैफिक जाम की स्थिति रहेगी। 



1 फरवरी को केंद्रीय बजट प्रस्तुत कर मोदी सरकार द्वारा बेहतर भारत की बातें की जा रही थीं लेकिन इससे इतर एक अन्य घटनाक्रम में बेहतर सड़कें, बुनियादी ढांचा, विश्वस्तरीय कनेक्टिविटी वाली राष्ट्रीय राजधानी में जाने वाली सीमा पर सड़कें खोदी जा रही थीं। उत्तर प्रदेश-दिल्ली-हरियाणा से लगती दिल्ली की सीमा पर तीन महीने से जारी किसान आंदोलन के मद्देनजर जनवरी के अंतिम सप्ताह के अंत में शुरू हुई बड़े पैमाने पर बैरिकेडिंग प्रक्रिया अभी जारी है। विरोध स्थलों पर इंटरनेट कनेक्टिविटी भी बंद करके यह तैयारी एक शहर को खुद को अंदर बंद करने की कोशिश दिखा रही है।



खुदाई के बाद, एक स्थायी चौराहा बनाने की प्रकिया की शुरुआत प्रतीत होती है, जिसमें बैरिकेड्स के बीच कंक्रीट डाला गया है। सोशल मीडिया पर बताया जा रहा है कि सिंघु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर दिल्ली तरफ से ये बनाए जा रहे हैं। टिकरी में मुख्य सड़क पर तेज धार की लोहे की छड़ें लगाई गई हैं। अधिकांश किसान राष्ट्रीय राजमार्गों के एक हिस्से पर और उप-मार्ग के किनारे तीन कृषि कानूनों के विरोध में बैठे हैं। एम्बुलेंस, आपातकालीन वाहन, और स्थानीय लोगों को जाने के लिए एक स्पष्ट कैरिजवे छोड़ दिया गया करते हैं जो बिना किसी बाधा के चल रहा हैा। सर्विस लेन में लंगर और मैडिकल कैंप चलाए जा रहे हैं। किसान चर्चा और भाषण सड़कों पर बनाए गए स्टेज पर करते हैं पहले ही उनके कब्जे में हैं। वे वाहनों के आवागमन के लिए बंद किए गए मार्ग पर रात में इन सड़कों पर सोते हैं। 



जैसे-जैसे सरकार का विरोध बढ़ता गया, वैसे-वैसे सुरक्षा एजेंसियों द्वारा बड़े पैमाने पर बैरिकेड्स लगाए गए। इन नए उच्च स्तरीय बैरिकेडिंग में पुलिस बैरिकेड्स के ऊपर कांटेदार तारों को शामिल किया गया है जो कि मोटे तौर पर एक साथ पैक किए गए हैं। साथ ही नुकीले कीले न सिर्फ सभी वाहनों को रोकेंगे, बल्कि किसी को भी मार्गों पर चलने से रोकेंगे। सभी बैरिकेड्स, जो आपात स्थिति के मामले में निराकरण के लिए आसान नहीं लगते हैं, विभिन्न एजेंसियों के सुरक्षा कर्मियों की बड़ी टुकड़ियों द्वारा संचालित होते हैं।



इन उपायों से स्थानीय लोगों को भी असुविधा होगी, और क्षेत्रों के आसपास की अन्य सड़कों पर भी ट्रैफिक जाम का कारण बन सकता है। जब भी आदेश आते हैं, दिल्ली के कई मेट्रो स्टेशन भी बिना पूर्व चेतावनी के बंद हो जाते हैं। सरकार द्वारा किये जा रहे ये प्रयास धीरे-धीरे ही सही लेकिन निश्चित रूप से विरोध करने वाले लोगों के खिलाफ जनता की राय को मोड़ देंगे। कोई व्यक्ति जिसे अस्पताल जाने की आवश्यकता है वह असुविधा के लिए प्रदर्शनकारियों को ही जिम्मेदार ठहराएगा जबकि ये बैरीकेड्स सुरक्षा एजेंसियों द्वारा लगाए गए हैं। यह आखिरी बार 2019-2020 के सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में देखा गया था। खासकर शाहीन बाग विरोध स्थल पर जो नोएडा से दिल्ली को जोड़ने वाली सड़क के एक कैरिजवे पर था।  
 
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने सोमवार को ब्रिगेडियर होशियार सिंह, बहादुरगढ़ सिटी, पंडित श्रीराम शर्मा और टिकरी सीमा स्टेशनों के फाटकों को बंद कर दिया था। हालाँकि उन्हें शाम के वक्त खोला गया था।

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने आईएसबीटी आनंद विहार की ओर जाने वाले यात्रियों के लिए एक अलर्ट जारी किया था, जिसमें कहा गया था, "सीमा बंद होने के कारण आईएसबीटी आनंद विहार से गाजीपुर के लिए रोड नंबर 56 पर ट्रैफिक रहेगा"।
 
समाचार रिपोर्ट के अनुसार मोबाइल इंटरनेट सेवाओं का निलंबन एमएचए के आदेश से सिंघू, गाजीपुर, और टिकरी बॉर्डर पर 2 फरवरी रात 11 बजे तक जारी रहेगा।

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