किसानों की सरकार के साथ आठवें दौर की वार्ता आज, बनेगी बात ?

Written by Sabrangindia Staff | Published on: January 8, 2021
नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान संगठनों के नेता केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर अड़े हुए हैं। सरकार के साथ आज आठवें दौर की वार्ता में भी वे इन्हीं दोनों मसलों पर बात करेंगे।




केंद्र और आंदोलनरत 40 किसान संगठनों के नेताओं के बीच अब तक सात दौर की बातचीत हुई है, हालांकि ये अब तक बेनतीजा ही रही है। 30 दिसंबर की बैठक में किसान संगठनों को कुछ सफलता हाथ लगी थी, जब सरकार ने बिजली सब्सिडी और पराली जलाने के संबंध में दो मांगें मान ली थीं।

सरकार का कहना है कि उसने किसानों के लिए एक अलग प्लान तैयार करके रखा है और किसान नेताओं का कहना है कि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं तो गणतंत्र दिवस पर वे योजनाबद्ध तरीके से मार्च निकालेंगे। इसी कड़ी में गुरुवार को हजारों किसानों ने कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे पर शुक्रवार को दिल्ली की सीमाओं पर अपने शिविरों से ट्रैक्टर मार्च निकाला।

सरकार का जिस तरह का रवैया है इससे आज भी कोई हल निकलता नजर नहीं आ रहा है। किसानों की सीधी सपाट मांग है कि एमएसपी को कानूनी जामा पहनाया जाए व पिछले साल लाए गए तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए। वहीं, सरकार इन मांगों को पूरी तरह से मानने को तैयार नहीं है। 

किसान नेताओं ने दावा किया है कि अगर इस बार भी सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो विरोध जारी रहेगा। किसान यहां से नहीं जाएंगे। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों पर कह चुके हैं कि कानून लागू करने की उनकी मंशा गंगाजल व नर्मदा के जल की तरह पवित्र है। 

 

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