नई दिल्ली: लखनऊ के घण्टा घर में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ 40 दिनों तक चले विरोध प्रदर्शन का हिस्सा बनी 20 वर्षीय युवती तैयबा का निधन हो गया। तैय्यबा, करामत गर्ल्स कॉलेज में बीए अंतिम वर्ष की छात्रा थी, वह हाल ही में मोदी सरकार द्वारा लाए गए भेदभावपुर्ण कानून सीएए के खिलाफ अन्य महिला प्रदर्शनकारियों के साथ विरोध कर रही थी।
बताया जा रहा है कि हाल ही में हुई बारिश में भीगने के बाद तैयबा बीमार पड़ गई थी। इसके बावजूद वह प्रदर्शन में शामिल रही। चार दिनों तक संघर्ष करने के बाद उसकी मृत्यु हो गई।
इस बीच, रविवार को अलीगढ़ में 22 वर्षीय एक प्रदर्शनकारी को गोली मारने की खबर आ रही है। सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़पों के दौरान युवक गंभीर रूप से घायल हो गया।
नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ देशव्यापी विरोध चल है, लेकिन सरकार इस कानून को लेकर हठधर्मिता पर अड़ी हुई है। यहां तक कि सरकार इस कानून के बारे में सारे प्रावधान भी खुलकर नहीं बता रही है। इस कानून से अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी शरणार्थी लाभान्वित होंगे लेकिन मुस्लिमों को बाहरी घोषित कर दिया जाएगा। इसी भेदभावपूर्ण नीति के कारण इसका विरोध देशभर में हर समुदायों के लोग कर रहे हैं।
आपको बता दें लखनऊ के घण्टाघर में पुलिस की बर्बरता लगातार देखने को मिल रही थी। कई बार लोगों ने टेंट लगाने की कोशिश की लेकिन शासन प्रशासन ने लगने नहीं दिया। सूत्रों की मानें तो बरसात में भीगने से कई महिलाएं और बच्चियां अभी भी बीमार हैं। मामला डालीगंज हरी मस्जिद के सामने सराय हसन का है।
बताया जा रहा है कि हाल ही में हुई बारिश में भीगने के बाद तैयबा बीमार पड़ गई थी। इसके बावजूद वह प्रदर्शन में शामिल रही। चार दिनों तक संघर्ष करने के बाद उसकी मृत्यु हो गई।
इस बीच, रविवार को अलीगढ़ में 22 वर्षीय एक प्रदर्शनकारी को गोली मारने की खबर आ रही है। सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़पों के दौरान युवक गंभीर रूप से घायल हो गया।
नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ देशव्यापी विरोध चल है, लेकिन सरकार इस कानून को लेकर हठधर्मिता पर अड़ी हुई है। यहां तक कि सरकार इस कानून के बारे में सारे प्रावधान भी खुलकर नहीं बता रही है। इस कानून से अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी शरणार्थी लाभान्वित होंगे लेकिन मुस्लिमों को बाहरी घोषित कर दिया जाएगा। इसी भेदभावपूर्ण नीति के कारण इसका विरोध देशभर में हर समुदायों के लोग कर रहे हैं।
आपको बता दें लखनऊ के घण्टाघर में पुलिस की बर्बरता लगातार देखने को मिल रही थी। कई बार लोगों ने टेंट लगाने की कोशिश की लेकिन शासन प्रशासन ने लगने नहीं दिया। सूत्रों की मानें तो बरसात में भीगने से कई महिलाएं और बच्चियां अभी भी बीमार हैं। मामला डालीगंज हरी मस्जिद के सामने सराय हसन का है।