NRC का ही पहला चरण है NPR, अलग समझने की गलती न करें!

Written by Sabrangindia Staff | Published on: December 26, 2019
सत्तारूढ़ पार्टी के मुखिया और देश के प्रधानमंत्री एनपीआर के बारे में आधी अधूरी जानकारी दे रहे हैं! वे कह रहे हैं कि एनपीआर 2010 में भी आयोजित किया गया था! क्या यह सत्य है? नहीं।



2010 में जब यह पहली बार तैयार किया गया था, तो इसमें माता पिता के जन्मस्थान का विवरण नहीं मांगा गया था जो इस बार मांगा गया है। यह विवादास्पद NRC के बीच एक स्पष्ट लिंक का संकेत देता है।

पिछले NPR में 15 आधारों पर आंकड़े और जानकारी एकत्र की गई थी, इस बार ये आधार 21 होंगे। इनमें निवास का आखिरी स्थान, पासपोर्ट संख्या, आधार संख्या, वोटर पहचान पत्र संख्या, ड्राइविंग लाइसेंस संख्या तथा मोबाइल फोन नंबर भी शामिल होंगे, जो पिछली बार तक नहीं पूछे गए थे। पेरेंट्स तथा जीवनसाथी का नाम को मिलाकर एक ही प्वाइंट बना दिया गया है।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को एनपीआर के अपग्रेडेशन के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के 3,941.35 करोड़ रुपये को मंजूरी देने के फैसले की घोषणा करते हुए कहा था कि यह यूपीए सरकार द्वारा 2010 में किए अपग्रेडेशन से अलग नहीं है! इसमें निवास स्थान, आधार आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी और मोबाइल नंबर की जानकारी देना शामिल है। नागरिकता नियमों के अनुसार, एनपीआर अनिवार्य है और एनपीआर में कोई गलत जानकारी प्रदान करना दंडनीय होगा और जुर्माना भी लगेगा जो एक हजार रुपये तक हो सकता है।

NPR 2010 की अनुसूची जनगणना वेबसाइट पर उपलब्ध है। इसमें 14 प्रश्न हैं जैसे नाम, घर के मुखिया से संबंध, पिता का नाम, माता का नाम, पति का नाम (यदि विवाहित है), लिंग, जन्म तिथि, वैवाहिक स्थिति जन्म स्थान, राष्ट्रीयता (घोषित रूप में), सामान्य निवास का वर्तमान पता, वर्तमान पते पर रहने की अवधि, स्थायी आवासीय पता, व्यवसाय और शैक्षणिक योग्यता।

इस साल, अगस्त-सितंबर 2019 के दौरान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, असम, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय, दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली, महाराष्ट्र, चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, कर्नाटक, गोवा, लक्षद्वीप, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार के कुछ जिलों में एनपीआर प्री-टेस्ट आयोजित किया गया था। प्री-टेस्ट अंतिम अभ्यास की दिशा में किया गया परीक्षण है।

एनपीआर देश के सामान्य निवासियों का एक रजिस्टर है। यह नागरिकता अधिनियम, 1955 और नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) नियम, 2003 के प्रावधानों के तहत स्थानीय (गाँव / उप नगर), उप-जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जा रहा है। एनपीआर को अद्यतन करने के लिए वास्तविक अभ्यास अप्रैल और सितंबर 2020 के बीच सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित किया जाएगा। एनपीआर आखिरी बार 2011 की जनगणना से पहले 2010 में आयोजित किया गया था।

आगामी एनपीआर को लेकर कांग्रेस नेताओं ने सवाल उठाए हैं। पूर्व गृह राज्य मंत्री अजय माकन ने बुधवार को एनपीआर 2010 और एनपीआर 2020 दोनों के रूपों को ट्वीट करते हुए कहा,  कि 2010 में एमओएस होम के रूप में मैंने एनपीआर की देखरेख की! लेकिन मोदी-शाह का एनपीआर 2020 पूरी तरह से अलग है। 

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